Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2024 · 1 min read

छोड़ दो तुम साथ मेरा

छोड़ दो तुम साथ मेरा
मैं बसेरा हूँ निशा का।

तोड़ दो तुम प्यार मेरा
मैं अकेला हूँ ईशा का।

ये काली रात ढलते ही
जाना चले आते ऊशा का।

याद रखना उस पेड़ को
जिसमें किया था क्षण बसेरा।

मिल जायेगी कुछ भी निशानी
छूट गयी जो होते सबेरा।

Language: Hindi
1 Like · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शकुनियों ने फैलाया अफवाहों का धुंध
शकुनियों ने फैलाया अफवाहों का धुंध
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एक मुक्तक
एक मुक्तक
सतीश तिवारी 'सरस'
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम
Harminder Kaur
भ्रूणहत्या
भ्रूणहत्या
Neeraj Agarwal
हिंदी दोहा-कालनेमि
हिंदी दोहा-कालनेमि
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
🌺आलस्य🌺
🌺आलस्य🌺
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
कलरव करते भोर में,
कलरव करते भोर में,
sushil sarna
जो कायर अपनी गली में दुम हिलाने को राज़ी नहीं, वो खुले मैदान
जो कायर अपनी गली में दुम हिलाने को राज़ी नहीं, वो खुले मैदान
*प्रणय प्रभात*
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
Atul "Krishn"
"बेहतर"
Dr. Kishan tandon kranti
वसंत की बहार।
वसंत की बहार।
Anil Mishra Prahari
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सफर पर है आज का दिन
सफर पर है आज का दिन
Sonit Parjapati
बालगीत - सर्दी आई
बालगीत - सर्दी आई
Kanchan Khanna
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
Manoj Mahato
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
हिमांशु Kulshrestha
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
प्रभु श्रीराम पधारेंगे
Dr. Upasana Pandey
*****सबके मन मे राम *****
*****सबके मन मे राम *****
Kavita Chouhan
अकेला गया था मैं
अकेला गया था मैं
Surinder blackpen
किताबों से ज्ञान मिलता है
किताबों से ज्ञान मिलता है
Bhupendra Rawat
क्रोध
क्रोध
लक्ष्मी सिंह
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
डी. के. निवातिया
2580.पूर्णिका
2580.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
Paras Nath Jha
कहां नाराजगी से डरते हैं।
कहां नाराजगी से डरते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
वक़्त बदल रहा है, कायनात में आती जाती हसीनाएँ बदल रही हैं पर
Sukoon
Loading...