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8 Oct 2023 · 1 min read

2580.पूर्णिका

2580.पूर्णिका
🌷जिसे सोचते🌷
122 12
जिसे सोचते।
उसे देखते ।।
यहाँ जिंदगी ।
किसे खोजते।।
कहीं चाह है ।
उसे कोसते।।
तमाशा नहीं ।
यहाँ नोचते।।
न खेदू कहे।
जरा पोसते।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
8-10-2123रविवार

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