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13 May 2024 · 1 min read

उजड़ता हुआ दिल

वैसे तो खूब बहारें आती हैं
खूब सावन रिम-झिम बरसता है
बसन्ती हवाओ से फूलों की
महक आती है।

पर जब कोई दिल उजड़ता है,
प्यासा होता है
और एक श्वांस के लिए तरसता है

तब हृदय को हरा करने के लिए
न बहारे आती है
प्यास बुझाने के लिए –
न सावन बरसता है

और न ही…
बसन्ती हवाओं का झोंका आता है
बस दिल रोता है ,
तड़पता है, तरसता है।

Language: Hindi
1 Like · 20 Views
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