Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2023 · 1 min read

2640.पूर्णिका

2640.पूर्णिका
🌷बात अब क्या करें हम 🌷
212 2122
बात अब क्या करें हम ।
बस तमाशा करें हम ।।
जिंदगी रोज रोती ।
यूं मन चुपी करें हम ।।
देखते देख लेते ।
काम अपना करें हम ।।
जीत अपनी निगाहें ।
कामना भी करें हम ।।
साथ खेदू निभाते।
नेक दुनिया करें हम ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
26-10-2023गुरुवार

203 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हवा तो थी इधर नहीं आई,
हवा तो थी इधर नहीं आई,
Manoj Mahato
जिंदगी बस एक सोच है।
जिंदगी बस एक सोच है।
Neeraj Agarwal
प्रहार-2
प्रहार-2
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
..........?
..........?
शेखर सिंह
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
मालूम नहीं, क्यों ऐसा होने लगा है
gurudeenverma198
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
रिश्तों में जान बनेगी तब, निज पहचान बनेगी।
आर.एस. 'प्रीतम'
खुद की अगर खुद से
खुद की अगर खुद से
Dr fauzia Naseem shad
Meri asuwo me use rokane ki takat hoti
Meri asuwo me use rokane ki takat hoti
Sakshi Tripathi
तुम्हीं तुम हो.......!
तुम्हीं तुम हो.......!
Awadhesh Kumar Singh
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
मुश्किल घड़ी में मिली सीख
Paras Nath Jha
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️नोट : दिनांक 5 अप्रैल 2023 से चल रहे रामचरि
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️नोट : दिनांक 5 अप्रैल 2023 से चल रहे रामचरि
Ravi Prakash
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
मैं तो महज प्रेमिका हूँ
मैं तो महज प्रेमिका हूँ
VINOD CHAUHAN
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
“ लिफाफे का दर्द ”
“ लिफाफे का दर्द ”
DrLakshman Jha Parimal
ऐ ज़िंदगी
ऐ ज़िंदगी
Shekhar Chandra Mitra
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
Rj Anand Prajapati
💐प्रेम कौतुक-375💐
💐प्रेम कौतुक-375💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
मनुष्य जीवन - एक अनसुलझा यक्ष प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
Radhakishan R. Mundhra
"कलम और तलवार"
Dr. Kishan tandon kranti
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
3115.*पूर्णिका*
3115.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिंदी है पहचान
हिंदी है पहचान
Seema gupta,Alwar
चिड़िया
चिड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अस्तित्व की पहचान
अस्तित्व की पहचान
Kanchan Khanna
प्रकृति कि  प्रक्रिया
प्रकृति कि प्रक्रिया
Rituraj shivem verma
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
मातृभाषा हिन्दी
मातृभाषा हिन्दी
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
Loading...