मैंने देखा ख्वाब में दूर से एक चांद निकलता हुआ
यारों की महफ़िल सजे ज़माना हो गया,
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
// दोहा पहेली //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*सरल हृदय श्री सत्य प्रकाश शर्मा जी*
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
When the ways of this world are, but
जनता के आगे बीन बजाना ठीक नहीं है
रचनात्मकता ; भविष्य की जरुरत
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
सौ सदियाँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)