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29 May 2023 · 1 min read

गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।

गिरते-गिरते गिर गया, जग में यूँ इंसान ।
जिंदा कैसे मैं कहूँ, फिरता लाश समान ।।

✍️ अरविन्द “महम्मदाबादी”

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