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तस्वीर तुम्हारी देखी तो
VINOD CHAUHAN
लिखा है किसी ने यह सच्च ही लिखा है
VINOD CHAUHAN
मेरे कफन को रहने दे बेदाग मेरी जिंदगी
VINOD CHAUHAN
सुनसान कब्रिस्तान को आकर जगाया आपने
VINOD CHAUHAN
छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते
VINOD CHAUHAN
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
VINOD CHAUHAN
क्यों बदल जाते हैं लोग
VINOD CHAUHAN
गज़ल क्या लिखूँ मैं तराना नहीं है
VINOD CHAUHAN
डूबता सुरज हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
जीना सीखा
VINOD CHAUHAN
फूल बेजुबान नहीं होते
VINOD CHAUHAN
गुजरे हुए लम्हात को का याद किजिए
VINOD CHAUHAN
गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
कभी चाँद को देखा तो कभी आपको देखा
VINOD CHAUHAN
यह शहर पत्थर दिलों का
VINOD CHAUHAN
कांटों से तकरार ना करना
VINOD CHAUHAN
पानी की तस्वीर तो देखो
VINOD CHAUHAN
कोई जिंदगी में यूँ ही आता नहीं
VINOD CHAUHAN
दोस्ती क्या है
VINOD CHAUHAN
मौसम सुहाना बनाया था जिसने
VINOD CHAUHAN
ये जिन्दगी तुम्हारी
VINOD CHAUHAN
बख्श मुझको रहमत वो अंदाज मिल जाए
VINOD CHAUHAN
गंगा से है प्रेमभाव गर
VINOD CHAUHAN
शराफत नहीं अच्छी
VINOD CHAUHAN
इस पार मैं उस पार तूँ
VINOD CHAUHAN
मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है
VINOD CHAUHAN
तोड़ डालो ये परम्परा
VINOD CHAUHAN
मेरी फितरत ही बुरी है
VINOD CHAUHAN
मेरी फितरत तो देख
VINOD CHAUHAN
जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया
VINOD CHAUHAN
ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ
VINOD CHAUHAN
मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
मैं भी साथ चला करता था
VINOD CHAUHAN
सत्य की खोज अधूरी है
VINOD CHAUHAN
बीज अंकुरित अवश्य होगा
VINOD CHAUHAN
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
VINOD CHAUHAN
तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है
VINOD CHAUHAN
सुना है हमने दुनिया एक मेला है
VINOD CHAUHAN
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
VINOD CHAUHAN
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
परछाईयों की भी कद्र करता हूँ
VINOD CHAUHAN
लो फिर गर्मी लौट आई है
VINOD CHAUHAN
आज बगिया में था सम्मेलन
VINOD CHAUHAN
मेघों का इंतजार है
VINOD CHAUHAN