Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read सीता की खोज सीता की सत खोज में,चले वीर हनुमान। शक्ति पुंज के साथ ही,अतिशय जो विद्वान।। राम नाम को ध्यान कर, पहुँचे सागर पार। विप्र रूप में वह गए, दैत्य विभीषण द्वार।।... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल/गीतिका 1 124 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read बाकी है---- अभी सफ़र के कंगन बज रहे हैं अभी तो कागज़ मांग रहे हैं शब्द अभी तो सब देख कर भी दृष्टि से परे बचा हुआ है कुछ अभी तो चुप... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 97 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read प्रश्न एक गूंगा प्रश्न कुछ कर गया रिक्तता के एकांत को भर गया । स्मृति कुहासे में लिपटी रही वो थाम हाथ मेरे घर गया । बाहर से अधिक भीतर घटा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 105 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 22 Feb 2024 · 1 min read कैसा कलियुग आ गया कैसा कलियुग आ गया, बदला आज समाज। रिश्ते बनते अर्थ लख, तजकर सारी लाज। तजकर सारी लाज,मनुज कारज कटु करता। उपजा उर में बैर,हृदय में कटुता भरता। कहता सबसे ओम,जगत... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 1 52 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read बुरा मानेंगे---- एकांत में पहुँचते हैं शब्द मेरे भीड़ में मिले कभी तो बुरा मानेंगे। आंख ताबेदार है पानी संभाल लेती है किसी के सामने कहेगी तो बुरा मानेंगे। कोलाहल बाहर का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 72 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read खिड़की के बंद होने से पूर्व----- खिड़की से भीतर उतरती है सिली इच्छाओं की उधड़न जिसे छुपाने के लिए स्वप्न के सीने से लग जाती हैं पेड़ों पर टंगी अधपकी संभावनाएं । खिड़की के भीतर चला... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 131 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 2 min read जीवन साँझ ----- आगे बढ़ चुकी आयु की नृत्यशाला में कभी झंकार से तो कभी थाप से संशोधित कर ली जाती है जीने की कला। भागम भाग का आलाप इच्छाओं के साथ तारतम्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 109 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read मोह की मिट्टी ---- मुझे और मोह में मत रोपो पत्ता बन रह जाने दो जितना रोपा जा चुका हूँ उतना दुख सहला रहा है आज भी अश्रु कर रहे हैं पोषित | अगर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 72 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read अंजुरी भर.... शहर में बारिश की छपाक जैसे स्मृति के अरण्य में कोई प्रणय- निवेदन की नाव उतार दी हो किसी ने । बारिश का ताबीज़ पहन कर खुद को बचा लिया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 81 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read परिवर्तन युग अमावस का हुआ है चाँद उगना चाहिए। बदलाव धीमे से ही सही पाँव धरना चाहिए । थामे हुए शमशीर देखो लोग हैं सवालों की जबकि पास सबको ही, जवाब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 66 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read पाती कर दे अश्कों को मेरे उसको एक पाती कर दे ख़ुदाया लौट आने को राजी कर दे हर दौड़ में मेरी हार क्योंकर इस बार जीतने की बाज़ी कर दे खार ऐसे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 77 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read बिरहा सितारों में सुबह नहीं होती । बादलों से जिरह नहीं होती । सूख जाएं बारिशें पलकों में पानियों से सुलह नहीं होती । खराब मौसमों में सिहरती रातें कोई कहे,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 107 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read एहसास एहसास परोस देता है हर शख्स ज़ुबां की थाली में अपने-अपने दुख की तरकारी तेज़ मसालों के संग ताम-झाम से अलंकृत भाजी कभी कभी, तानों के तेज नमक से कड़वी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 90 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read काफ़िर इश्क़ गीली ज़मीन तस्दीक थी घायल आसमां की वक़्त की आँख में तिनका कोई गिरा होगा बौराया सा फिरता था रात से टूटा टुकड़ा काजल नहीं कोई ख़्वाब ही जला होगा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 101 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read उजला तिमिर हर दरवाज़े संघर्ष खड़ा है साँस- साँस में गर्व भरा है ज्वलन्त निशा में रचा दिवस श्रम से चारों ओर घिरा है ताप हरता हाथ का साथ एकाकी जीवन मार्ग... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 45 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read सरफिरे ख़्वाब कुछ सरफिरे से ख़्वाब अपनी तहज़ीब से बाहर आँखों में बिका करते हैं रीती सी ख़ामोशी में हर बार कहा करते हैं । उदास धूप तेरे इश्क़ की रूह को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 52 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read तृष्णा का थामे हुए हाथ एक शख्स कहा करता था हाथ में सिमटे हैं जो क्षण उन्हीं को जागीर समझना सलवटों को सँवार कर तैयार करो जश्न के लिए क्योंकि कल तो भ्रम से जन्मेगा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 134 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read कैफ़ियत सीने पर रखा जाल परख जाती है हयात ए शजर की छाल उतर जाती है समेटअपनी बूँदें दूरियाँ बना लेता है बादल की कतरन चाल बदल जाती है हाँफ रहे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 41 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read यार जुलाहा... जिस खला में हूँ बसा उस जगह न कोई रहा ख़्वाब से है यही गिला नहीं किसी के संग मिला कात दे तमन्ना कोई उधड़न को मैं लूँ सिला गिरह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 37 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read सलवटें अंतर्मन में सोच की सीढ़ी चढ़ सोपान की देहरी एकांत की खिड़की से झांक जब भी मिला ख़ुद से परिपक्व से लम्हे वक़्त की खूंटियों पर टंगे बरबस कह जाते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 92 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read इस दीवाली * इस दिवाली--- * इस बार की दिवाली कुछ ऐसे मनाएँ हम लौटे नहीं जो उन्हें घर लिवा लाएं हम खुरदरी हकीकतें जिनको रुला रहीं हैं मुस्कान की इक पोटली... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 44 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read एकांत सृजन से सँवर रहा हूँ क्योंकि भूमिकाएं पहनी हैं सजा कर कुछ जुगनू प्रतीक्षा के रोशनी करता हूँ क्षण देखते देखते हो जाते हैं वे आत्म विस्मृत क्योंकि वे मुझे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 93 Share Shally Vij 22 Feb 2024 · 1 min read सज़ा कुछ आईने में ठहरे, पर कुछ बेजा मिले कितने हुए रकीब कितने ख़ुदा मिले । मैंने रास्तों की धूल को किरचियों जाना है गुलज़ार है हयात जाने कब खिज़ा मिले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 53 Share Bodhisatva kastooriya 22 Feb 2024 · 1 min read राजतंत्र क ठगबंधन! राजतंत्र के अधिनायको ने किया बंगलूरू मे ठगबंधन! काग्रेस उत्पीडित-ममता,शरद कहते इसको गठबंधन!! अंग्रेजी चाटुकार दलो ने इसको नाम दिया है इन्डिया! हम 'भारतवर्ष' पुनःस्थापित कर हरायेगे यह 'इन्डिया'!! बुद्धिजीवी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 142 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read हमसफ़र हमसफ़र ख्यालों की दुनिया से अहसासों की हक़ीक़त तक सफर में तुम हमसफ़र रहना । धड़कन की आहट से रूह मिलन तक सफर में तुम हमसफ़र रहना । उगते सूरज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 139 Share अनुराग दीक्षित 22 Feb 2024 · 1 min read हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई। हुई पावन मेरी कुटिया, पधारे राम रघुराई। परम सौभाग्य मैं गदगद चकित सुधबुध हि बिसराई अजब है हाल आखिर भाव विह्वल हूँ मै शवरी सा, निहारत नैन भर नैना,निरख छविधाम... Poetry Writing Challenge-2 2 59 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read ख्वाहिशें के पूरा होने की जद में उम्र-एं-रवां है, ख्वाहिशें के पूरा होने की जद में उम्र-एं-रवां है, सपनों की दुनिया का कुछ हिस्सा हमारा भी है। Poetry Writing Challenge-2 · शेर 3 1 90 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read टूटते तारे से यही गुजारिश थी, टूटते तारे से यही गुजारिश थी, की सपना जहां होता कैसा है। Poetry Writing Challenge-2 2 108 Share manjula chauhan 22 Feb 2024 · 1 min read रूप श्रंगार रूप श्रंगार मे उसके सब अलंकृत, कजरारे नैन जैसे श्यामलता घोर। केशविन्यास करे जब जब, लगे की कही बरसे घटा घनघोर। अक्षर खिले उत्पल रूपी, मन चंचल जैसे कोई चितचोर।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 89 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read श्रीराम कृपा रहे श्रीराम विष्णु के अवतार है, श्रीराम जीवन के आधार हैं। मात कौशल्या पिता दशरथ, राम का स्मरण है सुन्दर पथ।। श्रीराम जी भक्त हितकारी है, वो सुनते अरज नित हमारी... Poetry Writing Challenge-2 2 77 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 2 min read वो आंगन ढूंढ रहा हूं आज फिर वो आंगन ढ़ूंढ रहा हूँ, जो न जाने कहाँ गुम हो गया है। बहुमंजिल कंक्रीट जंगल में, या ऊंचे फ्लेटों में लुप्त हो गया है। वह आंगन के... Poetry Writing Challenge-2 2 118 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read आयना आयना शख्सियत को पहचानता आयना रूप को संवारता आयना आत्मविश्वास बढ़ाता आयना पारदर्शिता का रूप आयना सच का स्वरुप आयना गहनता से तुम देखो आयना फिर हो जाओ तुम खुद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 176 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read गरीबी जीवन की है वह अवस्था, जीवन की एक अवस्था। उससे बदत्तर कुछ नहीं है, जीवन की वही दुरावस्था। गरीबी हरपल मारती है, विकट स्थितियाँ लाती है। क्या है करवाती जीवन... Poetry Writing Challenge-2 1 130 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read मर्यादा है उत्तम कौशल्या सुत श्रीराम है विश्वास सबकी आस।। अयोध्यापति दशरथ नन्दन जन वंदन।। प्रभु श्रीराम सबके हैं ईश्वर है सर्वेश्वर।। मानव रूप मर्यादा के अवतार पाप संहार।। रामायण में मर्यादा है... Poetry Writing Challenge-2 2 74 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 2 min read श्रीराम स्तुति-वंदन हे श्रीराम रघुपति, कौशल्या नन्दन है। दशरथ घर जन्में, करै जगत वन्दन है।। श्रीराम भक्त रक्षक, संतन के हितकारी है। आश करै पूरी नित, करते अर्ज संसारी है।। ऋषि मुनि... Poetry Writing Challenge-2 2 88 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read पहला प्यार सुकून था संग घबराहट थी, लगे वो प्यार की आहट थी। सोच रहा दिन-रात वही मैं, हृदय में एक सनसनाहट थी।। हालत दिल ए बेकरार था, नित मुझे कोई इंतजार... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read तुम्हीं सदगुरु तारणहार प्रातःकाल स्मरण करता, श्रीचरणों मैं नित पड़ता। युक्ति मुक्ति दे सदगुरु जी, ह्रदय से मैं विनती करता।। कुल रक्षक श्रीविष्णु एक, सदगुरु आप कर्या अनेक। मेहर सदा श्रीजम्भगुरु की, है... Poetry Writing Challenge-2 2 81 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read चँदा मामा नहीं दूर के चंदा मामा चंदा मामा, प्यार प्यारे चंदा मामा। दूर नभ में रहते हो, *लगते प्यारे मामा।।* जो दूर भरपूर थे, सोचे हम जरूर थे। घर जो नहीं आते थे, *छुपते... Poetry Writing Challenge-2 2 105 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read कुछ तो लोग कहेंगे ! कुछ तो लोग कहेंगे ! देख नीर नायनो में तुम्हे कमज़ोर कहेंगे लोगों का कम है कहना कुछ तो लोग कहेंगे ! मुस्कुरा दोगे गम मे गर तुम आश्चर्य का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 112 Share Mamta Rani 22 Feb 2024 · 1 min read इश्क़ का कारोबार प्यार की मीठी मीठी बातों से मन को मोह ले जाते हैँ प्रीत वफ़ा की कसमें खाकर दिल को क्षल ये जाते हैँ प्रेम भरे स्वप्न सजाके मन में अपना... Poetry Writing Challenge-2 · Poem 2 74 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read धीरज धरो तुम धीरज धरो तुम उदासी मे मुस्कुराहट मे धीरज धरो तुम ! गम मे खुशी मे धीरज धरो तुम ! मुलाक़ात मे इंतज़ार मे धीरज धरो तुम ! दर्द मे दुआ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 137 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read शून्य शून्य यूँ तो कीमत कहाँ शून्य की शून्य बिन सब सून है शुन्यता है जीवन मे गर तो जीवन तुम्हारा अमूल्य है । कौन समझता ताकत इसकी कहते हैँ बस... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 61 Share Poonam Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read Sahityapedia The new platform so smart, Every little creative writer tries to become an author, Giving space to all emotions, They are here to acknowledge all,never like this happened ever before,... Poetry Writing Challenge-2 1 88 Share Roopali Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read इबादत इबादत इबादत के रंग हज़ार कहीं केसरी कहीं लाल मक़सद सिर्फ एक... दुआ इबादत के तरीके हज़ार कहीं जुड़े हाथ कहीं उठे हाथ मक़सद सिर्फ एक... दुआ इबादत की वजह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 95 Share Poonam Sharma 22 Feb 2024 · 1 min read God's Grace From where it starts, where it ends, God's grace falls, falls and falls, You never know, in each encounter it exists, You inhail ,you exhail, you are drenched. Feel the... Poetry Writing Challenge-2 148 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read श्रीराम ही सहारे राम सबके मन हो उजियारे है, हम सबके श्रीरामजी रखवारे हैं। करे दूर सब अज्ञान अंधियारे है, पालनहार श्रीराम राखनहारे हैं। अब घर घर में मंगल छाएगा, राम नाम आनन्द... Poetry Writing Challenge-2 1 73 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read हमेशा की नींद सुला दी गयी बेटी के, सम्भलने से पहले, उसे पराया धन कहा गया। उसके पढ़ने और आगे बढ़ने से पहले, उसकी शादी की चिन्ता हो गई, तुरन्त वर देखा और शादी कर दी... Poetry Writing Challenge-2 1 102 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read महिला प्रतीक है स्वाभिमान का मेरी भारत माँ धर्म धरा रही है, यहाँ नारी सम्मान परंपरा रही है। यह नारी सम्मान में कविता है, नारी आदर-मान मे कविता है।। भारतीय इतिहास है सम्मान का, महिला... Poetry Writing Challenge-2 1 46 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read बेटी किस्मत से घर पर आई बेटी, खुशियां घर पर लाई है बेटी। जीवन की ये शुरुआत है बेटी, खुशहाली का प्रभात है बेटी।। करती सुन्दर बड़े काम है बेटी, प्रिय... Poetry Writing Challenge-2 1 56 Share Prithvi Singh Beniwal Bishnoi 22 Feb 2024 · 1 min read मां की अभिलाषा माँ आनन्द का वटवृक्ष है, माँ की अभिलाषा दक्ष है। माँ परिवार की मूल होती, माँ बालक सर्वोपरि पक्ष है।। माँ संतान का होवै मूल है, माँ घर के बाग... Poetry Writing Challenge-2 1 50 Share Previous Page 3 Next