Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 2 min read

श्रीराम स्तुति-वंदन

हे श्रीराम रघुपति,
कौशल्या नन्दन है।
दशरथ घर जन्में,
करै जगत वन्दन है।।

श्रीराम भक्त रक्षक,
संतन के हितकारी है।
आश करै पूरी नित,
करते अर्ज संसारी है।।

ऋषि मुनि राम ध्यावै
भवपार करत है सोई।
ध्यान धरै जो संसारी,
वैसा धन्य और न कोई।।

पूजा तुम्हारी करत,
शिव शंकर त्रिपुरारी।
ब्रह्मा इन्द्र सब ही,
है मन अचरज धारी।।

जय जय श्रीराम,
प्रभुजी दीन दयालु।
रहे सदा ही तुम्हीं,
प्राणीमात्र पे कृपालु।।

श्रीराम भारत माँ के,
तुम्हीं तो हो स्वाभिमान।
श्रीराम दूत कहावै,
महावीर हो श्री हनुमान।।

14वर्ष माँ वचन,
पिता की आज्ञाधारी।
वनवास गये तब,
राक्षसगण जा संहारी।।

श्रीराम सिर मुकुट बंधायो,
सीताजी जाय परणाई।
धनुष तोड़़ जीते,
सीता से वरमाल डलवाई।।

अनाथों के नाथ हो,
करते बेड़ा पार तुम।
वन में अहिल्यातारी,
बन जीवनाधार तुम।।

ऋषि मुनि भेद न पावै,
देव सब राम यश गावै।
ब्रह्मादिक पार न पावै,
संत-भक्त साखी गावै।।

वन वन गये घूमते,
ऋषियों के यज्ञ कराये।
जितने आये राक्षस,
श्रीराम ने थे मार गिराये।।

फिर आई सूरपंखा,
सुंदर औरत बनके थी।
उल्टी रची साजिश,
लक्ष्मण काटी नाक थी।।

खरदूषण त्रिसरा को,
उसने जा मरवाया था।
दूर्दांत राक्षस मराये,
कर्या पूरा सफाया था।।

आखिर गई वो लंका,
रावण भी भरमाया था।
भ्रम में आके रावण,
सीताहरण नै आया था।।

ठगी करी शुरू रावण,
मृग मारीच बनाया था।
श्रीराम की माया थी,
सीता वो हर लाया था।।

जटायु मदद में आया,
उसकी पंख काटी थी।
रिष्यमूक पर्वत पर माँ,
आभूषण नथ फैंकी थी।।

सीता खोज में क्षेत्र में,
आये लक्ष्मण श्रीराम थे।
वहीं भेंटकर दूत बने,
महावीर श्रीहनुमान थे।।

कराई मित्रता सुग्रीव से,
पत्नी उसकी बाली हरली।
श्रीराम ने बाली को मार,
राज सुग्रीव नै पक्की की।।

बजरंगबली हनुमान,
नल, नील और अंगद।
सीता माता खोज में,
वानरों संग जामवन्त।।

बजरंगबली भरी उड़ान,
पहुँचे लंका भक्त खोज।
विभिषण भक्त राम के,
माता सीता लीवी खोज।।

अशोक वाटिका में माँ से,
जा करली भेंट तब थी।
दे मुद्रिका श्रीराम संदेश,
फल खाएं माँ आज्ञा ली।।

बाग उजाड़ा अक्ष्य मारा,
बंध फांस रावण पे आये।
आग लगवाई पूँछ बढ़ाई,
जला लंका राम पे ध्याये।।

पुल बाँध सागर पे राम,
सेना सहित लंका पधारे।
राम-रावण हुआ युद्ध,
राक्षस बड़े राम ने मारे।।

मेघनाद से लक्ष्मण लड़े,
शक्ति से लक्ष्मण मूर्छित।
संजीवनी बूटी लाने को,
हनुमान हुए थे अर्पित।।

संजीवनी ला लखन बचाए,
युद्धभूमि में पुनः आए थे।
लड़े स्तर्कता से लखन-राम,
रावण-मेघनाद मार गिराये थै।।

रा्वण मार सीता लाये,
पुष्पक से अयोध्या आये।
भरतजी अयोध्या राज,
राम खड़ाऊ से करते पाये।।

राम भरत लक्ष्मण,
शत्रुघ्न मिले चारों भाई।
बने श्रीराम राजा,
बंटी घर-घर थी बधाई।।

पृथ्वीसिंह’ ने श्रीराम,
की महिमा रचना बनाई।
श्रीराम स्तुति प्रणाम,
कृपा श्रीराम की है पाई।।

2 Likes · 37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
Dr. Vaishali Verma
एकाकीपन
एकाकीपन
Shyam Sundar Subramanian
🥀✍अज्ञानी की 🥀
🥀✍अज्ञानी की 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अगर हो दिल में प्रीत तो,
अगर हो दिल में प्रीत तो,
Priya princess panwar
3271.*पूर्णिका*
3271.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आनन ग्रंथ (फेसबुक)
आनन ग्रंथ (फेसबुक)
Indu Singh
धर्मगुरु और राजनेता
धर्मगुरु और राजनेता
Shekhar Chandra Mitra
नवयुग का भारत
नवयुग का भारत
AMRESH KUMAR VERMA
💐प्रेम कौतुक-228💐
💐प्रेम कौतुक-228💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
“सभी के काम तुम आओ”
“सभी के काम तुम आओ”
DrLakshman Jha Parimal
सुप्रभात
सुप्रभात
Seema Verma
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
हिंदी दोहा शब्द - भेद
हिंदी दोहा शब्द - भेद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"दिल का हाल सुने दिल वाला"
Pushpraj Anant
*उधो मन न भये दस बीस*
*उधो मन न भये दस बीस*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Peace peace
Peace peace
Poonam Sharma
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
नूरफातिमा खातून नूरी
भोग कामना - अंतहीन एषणा
भोग कामना - अंतहीन एषणा
Atul "Krishn"
निश्छल प्रेम
निश्छल प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जय जय दुर्गा माता
जय जय दुर्गा माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मत बनो उल्लू
मत बनो उल्लू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आइए मोड़ें समय की धार को
आइए मोड़ें समय की धार को
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
1-अश्म पर यह तेरा नाम मैंने लिखा2- अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा (दो गीत) राधिका उवाच एवं कृष्ण उवाच
1-अश्म पर यह तेरा नाम मैंने लिखा2- अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा (दो गीत) राधिका उवाच एवं कृष्ण उवाच
Pt. Brajesh Kumar Nayak
“एक नई सुबह आयेगी”
“एक नई सुबह आयेगी”
पंकज कुमार कर्ण
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
विधवा
विधवा
Buddha Prakash
शासक की कमजोरियों का आकलन
शासक की कमजोरियों का आकलन
Mahender Singh
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
कवि दीपक बवेजा
*सैनिक 【कुंडलिया】*
*सैनिक 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
ముందుకు సాగిపో..
ముందుకు సాగిపో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
Loading...