Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

सीता की खोज

सीता की सत खोज में,चले वीर हनुमान।
शक्ति पुंज के साथ ही,अतिशय जो विद्वान।।

राम नाम को ध्यान कर, पहुँचे सागर पार।
विप्र रूप में वह गए, दैत्य विभीषण द्वार।।

तुलसी थी आँगन सजी,साफ शुद्ध था धाम।
लख हर्षित हनुमान बहु, अंतस किया प्रणाम।।

जगा विभीषण नींद से,लेकर राम का नाम।
सोचे तब हनुमान उर,उचित मिला यह धाम।।

दर्श विभीषण को दिया,करके उचित प्रणाम।
मित्र विभीषण दो मदद, सुफलित हो मम काम।।

सीता की सत खोज में,लंका आया आज।
माता सीता हैं कहाँ,बतलाओ कुछ राज।।

ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

1 Like · 43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
माना अपनी पहुंच नहीं है
माना अपनी पहुंच नहीं है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
काव्य
काव्य
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
3452🌷 *पूर्णिका* 🌷
3452🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
***होली के व्यंजन***
***होली के व्यंजन***
Kavita Chouhan
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
जानें क्युँ अधूरी सी लगती है जिंदगी.
शेखर सिंह
कहता है सिपाही
कहता है सिपाही
Vandna thakur
विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष
विश्व पुस्तक दिवस पर विशेष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
Ranjeet kumar patre
है कुछ पर कुछ बताया जा रहा है।।
है कुछ पर कुछ बताया जा रहा है।।
सत्य कुमार प्रेमी
संकल्प
संकल्प
Vedha Singh
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
फाउंटेन पेन (बाल कविता )
फाउंटेन पेन (बाल कविता )
Ravi Prakash
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भौतिकता
भौतिकता
लक्ष्मी सिंह
" तिलिस्मी जादूगर "
Dr Meenu Poonia
विद्या देती है विनय, शुद्ध  सुघर व्यवहार ।
विद्या देती है विनय, शुद्ध सुघर व्यवहार ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
*सीता नवमी*
*सीता नवमी*
Shashi kala vyas
नहीं चाहता मैं यह
नहीं चाहता मैं यह
gurudeenverma198
मित्र
मित्र
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सार्थक जीवन
सार्थक जीवन
Shyam Sundar Subramanian
★संघर्ष जीवन का★
★संघर्ष जीवन का★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
हृदय वीणा हो गया।
हृदय वीणा हो गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जो किसी से
जो किसी से
Dr fauzia Naseem shad
माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास।
माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"चढ़ती उमर"
Dr. Kishan tandon kranti
लेकिन क्यों
लेकिन क्यों
Dinesh Kumar Gangwar
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
मुसीबतों को भी खुद पर नाज था,
manjula chauhan
सत्य जब तक
सत्य जब तक
Shweta Soni
Loading...