Posts "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 127 authors · 181 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Sûrëkhâ 13 Jul 2023 · 1 min read बदलती फितरत हर लहज़ा, हर फितरत और हर क़िरदार देखा है भरी दुनिया में लोंगो का बदलता व्यवहार देखा है!! लोग मिलते हैं आपसे आपकी हैसियत देखकर! रिश्तों का हमनें भी एक... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · फितरत · बदलती फितरत · व्यवहार · साहित्यपीडिया 8 2 341 Share डी. के. निवातिया 13 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत अपनी-अपनी "फ़ितरत अपनी-अपनी" कोई हसंता है तो कोई हंसाता है, कोई रोता है तो कोई रुलाता है, कोई भगाता है तो कोई बुलाता है, कोई फंसता है तो कोई फंसाता है... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · गीत · गीतिका 2 120 Share डी. के. निवातिया 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत से वाकिफ हूँ मैं हर चाल पहचानता हूँ फ़ितरत *** मैं किस हाल में हूँ बखूबी ये बात जानता हूँ, टूटता गिरता बार बार खुद को संभालता हूँ ! ऐसा मेरी फितरत में नहीं दोष दूँ किसी को,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · शेर 2 127 Share Lokesh Singh 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत बदलने वाले लोग फितरत की फेहरिस्त लगाए हर पल बदलने वाले लोग आईने के उल्टे झूठ को सच बताने वाले लोग चित्र,चरित्र बेरंग बनाकर रंग बेचने वाले लोग इंसानी खाल ओढ़ कर गिरगिट... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · गीत 2 224 Share Radhakishan R. Mundhra 13 Jul 2023 · 1 min read हर शख्स माहिर है. खुद में झाँकने के लिए ज़िगर चाहिए जनाब! वर्ना दूसरों की शिनाख्त में तो हर शख्स माहिर है.!! ~~~~~ *खूबसूरत है वो हाथ..* जो मुश्किल के वक़्त किसी का सहारा... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 4 245 Share Aman Kumar Holy 12 Jul 2023 · 1 min read बयां ए फितरत खुद को कोसूं या, कोसूं मैं तकदीर को। अपनी जिद को कोसूं मैं , कोसूं हाथों की लकीर को। मैं तो छूना चाहता था मन, दूर रखता था शरीर को।... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · फितरत · मोहब्बत 4 138 Share Madhavi Srivastava 12 Jul 2023 · 1 min read फितरत कभी नहीं बदलती विचारों के झंझावात में हर रोज उलझती विचारों के अथाह सागर में डूबती- उतराती मैं , बिना किसी समाधान, वापस वहीं लौट आती हूं, जहां मेरे एकाकीपन के सिवा ,दूसरा... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 2 399 Share Ghanshyam Poddar 12 Jul 2023 · 1 min read फितरत नहीं बदलती है अपनी -अपनी फितरत है, कोई हँसता है, कोई रोता है विष -वमन करता है, कोई घड़ियाली आंसू बहाता है l 360 बार घूमती सेकंड की सुई, 60बार मिनट की सुई... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल 2 90 Share Harendra Kumar 12 Jul 2023 · 1 min read पिता कविता "पिता" अपनी बीमारी को किसी से बताया नहीं, किस हालत से गुजरे आप कभी जताया नहीं, दु:ख में भी होठों पर मुस्कान सजाकर रखना, तंगी में भी औलाद को... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 260 Share दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" } 11 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत-ए-साँप आप जहाँ पाँव रखोगे, ये वहीँ अपनी पूँछ मानेंगे, इनकी यही फ़ितरत है, ये बिना डसे कहाँ मानेंगे। आपकी साधारण लब्धि भी इनके लिए कारण है एक, विष-वमन कर देंगे,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · Neel Padam · Neelpadam · नजरिया-ए-नील पदम् · नील पदम् · नील पदम् की कवितायेँ 7 319 Share Rajesh Kumar Kaurav 11 Jul 2023 · 1 min read फितरत मनहरण घनाक्षरी फितरत अच्छी बुरी , सपाट या खुरदुरी , स्वभाव में झलकती , आदत सुधारिए। जैसी जिसकी प्रकृति , मानव मन प्रवृति , सतसंग से प्रेरित, प्रयास तो कीजिए... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 259 Share Prakash Chandra 11 Jul 2023 · 2 min read कलियुग कलियुग सूर्य समय पर अस्त हो गया, जीव धूम्रमय मस्त हो गया । कलुषित सारा राग हो गया, तिमिर वनों में काग खो गया । । घुमड़ित घन घनश्याम हो... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 299 Share Prakash Chandra 11 Jul 2023 · 1 min read साँप और इंसान साँप और इंसान साँपों की बस्ती में देखा, नाग विषैले भाग रहे । घुस आया इंसान एक, सब डर के मारे जाग रहे । । डरता ना इंसान, साँप अब... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया · दोहा 2 394 Share Minal Aggarwal 11 Jul 2023 · 1 min read तेरी फितरत के कांच के टुकड़े उम्र भर चुभते रहे यह तेरी फितरत ही तो थी जिसके बेहिसाब कांच के टुकड़े मुझे उम्र भर चुभते रहे ऐसे के साथ कोई रिश्ता निभाये भी तो कैसे मेरी आस का तारा तो... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 142 Share Amit Pathak 11 Jul 2023 · 1 min read जिंदगी की फितरत है शाश्वत कुछ नहीं जग में सबकुछ बदलना पड़ता है कभी तेज दौड़नी होती है रेस कभी देर तक ठहरना पड़ता है कभी बड़े अरमान से करते है कुछ कभी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 1 165 Share Amit Pathak 11 Jul 2023 · 1 min read दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देख कर दंग रह गया मैं उनके हाव भाव देखकर अपने शरीर पर यूँ घाव घाव देखकर अपने भी वैरी होते हैं मुझको न कोई ज्ञान था हमने तो आपको दिया बस... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 1 190 Share Minal Aggarwal 11 Jul 2023 · 3 min read फितरत की कहानी किसी की फितरत की तो बस घूम फिर कर एक छोटी सी यह कहानी है कि कोई फूल कभी कांटा नहीं हो सकता और कोई कांटा कभी फूल नहीं हो... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 111 Share आर.एस. 'प्रीतम' 11 Jul 2023 · 1 min read कविता : फ़ितरत वक़्त बदलता दशा बदलती, फ़ितरत नहीं बदलती है। जो जैसा है वैसा रहता, नहीं ज़रा-सी ग़लती है।। चाँद चाँदनी सूर्य रोशनी, भूलें नहीं कभी देना। मेघ बरसते नदियाँ बहती, समझ... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 4 2 148 Share Dr fauzia Naseem shad 11 Jul 2023 · 1 min read फितरत फ़ितरत को जब से अपनी तब्दील है किया । चुभते नहीं हैं हाथ में अब कांटे गुलाब के ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · शेर 13 376 Share Dr fauzia Naseem shad 11 Jul 2023 · 1 min read फितरत वक़्त की फ़ितरत को बदल कर रखते । कैसे तुमको हम निगाहों की हद में रखते ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · शेर 13 394 Share umesh mehra 11 Jul 2023 · 1 min read 🌹🌹🌹फितरत 🌹🌹🌹 फितरत में नुक्स है तो देख लो बदल के। साथी नहीं मिलेगा तो क्या करेगा चल के।। होगा भला तो थोड़ा खुद को सुधार लेंगे। बदलेगा ये जमाना धरती भी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 2 529 Share Dr. Ramesh Kumar Nirmesh 11 Jul 2023 · 1 min read मेरी फितरत चले थे संग मंजिल को लिए एक तेरा ही भरोसा , मुझे मझधार में ही छोड़ा मिला नही तेरा सहारा। सफर बीता है दिन का जब निपट निशा तब आयी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 340 Share Deepesh Dwivedi 11 Jul 2023 · 1 min read फितरत दो मोहब्बत तो इबादत है कोई तिजारत नहीं है जज्बातों का सौदा करना हमारी तो आदत नहीं है हम चाहते थे चाहते हैं चाहते रहेंगे तुमको ही हमारे इश्क को समझना... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 243 Share Deepesh Dwivedi 11 Jul 2023 · 1 min read फितरत तुमको ही देखते रहना आदत यह हमारी थी हमें अनदेखा कर देना शरारत यह तुम्हारी थी तुम्हारे सामने झुकना इबादत यह हमारी थी खेल उल्फत को समझना फितरत यह तुम्हारी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 391 Share Kalpana tripathi 11 Jul 2023 · 1 min read फितरत जान कर भी अंजान थी मैं, तुझे अपना मानने में इतनी मशरूफ थी मैं। तू मेरा कभी हो ही ना सका, मेरा होकर रहना तेरी फितरत ही नहीं थी, और... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 1 1 131 Share Dayanand 11 Jul 2023 · 2 min read "समाज के शत्रु की फितरत" "समाज के शत्रु की फितरत" दो दिन की सत्ता लेकर वे, चमड़े का सिक्का चला रहे। नीले गीदड़ की भाँति वे, सबको अपना रंग दिखा रहे । देखो इनकी फितरत,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 2 420 Share Dhriti Mishra 10 Jul 2023 · 1 min read फितरत इम्तिहानों की फितरत हराने की है क्या करूं, अपनी तो आदत ही जीत जाने की है ॥ उठते हैं समुन्दर में तूफान , नौका डुबाने के लिए क्या करूं, अपनी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · फितरत 3 238 Share Srishty Bansal 10 Jul 2023 · 1 min read फितरत हमारी फितरत पर जो फ़िदा हो जाए, ऐसा कोई बना नहीं, न हमने देखा है। ये ज़ालिम दुनिया है किस चीज़ की लालची, हमने ये हर पल सीखा है। मसालों... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल 2 2 364 Share goutam shaw 10 Jul 2023 · 1 min read फितरत ना बदल सका मेरा दिल आप से सजाया जीवंत नहीं, स्मृति सही रखा मैंने संदूक में भरके हां, फितरत ना बदल सका । फ़िज़ाओं ने सरगम गा दिया वसुन्धरा ने भर दी नई... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 2 205 Share Nitu Sah 9 Jul 2023 · 1 min read तुमसे मिला तो फितरत को समझा मेरे अफ़कारो को तश्हीर मत समझना मैं खुद जिंदा हूं शब्दों में मोती बनके फितरत ना देखो जी गुज़रे ज़माने की आज मैं जलता भी हूं तो ज्योति बनके।। यही... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 9 2 195 Share लक्ष्मी सिंह 9 Jul 2023 · 1 min read मैं और मेरी फितरत रही फितरत हमारी ये कि,मैं चुपचाप रहती हूँ। दिया जो ज़िन्दगी हँसकर,सितम संताप सहती हूँ। पचा लेती ज़हर सारे,सुधा में ढाल देती हूँ। अँधेरा हो जहाँ दीपक,जतन से डाल देती... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · विधाता छंद 10 12 222 Share Basant Bhagawan Roy 9 Jul 2023 · 1 min read मुझे मेरी फितरत को बदलना है हाल ए इश्क में, जी रहा था मैं हाल ए मौसम, से जुदा था मै तुझपे शक करना, फितरत था मेरा मुझे नही था पता,कि गुनेहगार था मै। अब तो... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 1 253 Share manjula chauhan 9 Jul 2023 · 1 min read फितरत ये न कहो की बस गिरगिट को ही, रंग बदलते देखा है। ज़माना नया है इन्सानी फितरत को भी, बदलते देखा है। हर फितरती अंदाज का अपना अलग खेल है,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 5 1 96 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 9 Jul 2023 · 1 min read जुनून डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त * जुनून * मेरी फितरत मरेगी तो मेरा जुनून भी जाएगा मर । तूझे प्यार करना होगा मुझसे इन्हीं... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 3 253 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है भाई अपने भाई से, जुदा हो गया है | रिश्तों की मर्यादा ने , सीमाएं लांघ दी हैं इंसानियत का जज़्बा... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 6 673 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 9 Jul 2023 · 1 min read नसीब डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त * नसीब * टूट जाना हो सकता है, मेरी किस्मत होगा । मगर फितरत नहीं, ये तो समझना होगा... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 2 200 Share Basant Bhagawan Roy 9 Jul 2023 · 1 min read फितरत बदल रही वो एक पल था, जहां मैं था - जहां तू थी था अच्छा सबकुछ, क्या मन था, क्या मिलन थी ना अब तू रही - ना अब मै रहा, अब... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 1 605 Share Dr. Man Mohan Krishna 9 Jul 2023 · 2 min read तेरी चाहत हमारी फितरत सच बोलना हमारी फितरत में है, पर क्या करूँ तुम्हें खोने से डरता हूँ इसलिये कुछ नहीं कहता हूँ । हम जानते हैं हमारा मिलन तुमसे शायद अब नहीं होगा,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 208 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Jul 2023 · 1 min read फितरत अजीब इल्म की रिवायतें बदली इन्सान की फितरत बदल गई न पूजा न इवादत न कोई रिश्ता बचा सजदा भी अब सौदे की बात बन गई न खौफ खुदा का... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 22 13 982 Share Dr.Pratibha Prakash 8 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत क्या थी आदमी की फितरत कभी अब देखो क्या हो गई है इन्सान में थी इंसानियत जो आज जाने कहाँ खो गई है पहले पड़ोस खास होता था और... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · गजल 16 8 959 Share Mohini Tiwari 8 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत-ए-इंसान कुछ ऐसी है कि बदलती नहीं ; बदल जाते हैं हालात पर , हसरतें दिल की मिटती नहीं ; मन पंछी बन दर-दर भटकता , हसीन स्वप्नों का संसार... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 7 194 Share Anjali Singh 8 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत कब तेरी संदल सी खुशबू, दिल -ओ-दिमाग पर तारी हो गई -पता ना चला, कब तेरा इंतज़ार सुबह और मेरी शाम की आदत बन गई -पता ना चला, कब तुझसे... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 4 157 Share Anjali Singh 8 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत जब से मां का नाम इबादत में जोड़ा है, मालिक के सजदे में सर को झुका दिया है, हर एक दुआ क़बूल हुई है, नेमतों से झोली भर गयी है,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 3 150 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 8 Jul 2023 · 1 min read चोला रंग बसंती चोला रंग बसंती पहन जो इंकलाब को गाता था जिसके कतरे कतरे में आजादी का सपना आता था मां भारती की बेड़ियां देख लहू जिसका उबला था लायलपुर का जन्मा... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · लेख · संस्मरण 5 2 249 Share अनिल कुमार 8 Jul 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के आज़ कोई सामान बिक गया नाम बनके, और कोई इंसान बिक गया सामान बनके। मोबाइल, कम्प्यूटर सबमें अहसास जग गए, इंसान ही नहीं बस चल पाया इंसान बनके। मेरी झोंपड़ी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल · गीत · नज़्म 6 232 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 8 Jul 2023 · 1 min read झील किनारे पलो से किये है तैयार लम्हे तुम्हारे लिए एक दिन आना तुम ख्वाब में हमारे लिए तुम को अपनी प्यारी दुनिया में ले जाएंगे कुछ नगमे जो लिखे हैं झील... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · संस्मरण 2 318 Share अनिल कुमार 8 Jul 2023 · 1 min read ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसाँ...नदियों को खाकर वो फूला नहीं समाता है नदियों को खाकर वो फूला नहीं समाता है, ख़ुद खारा है मगर हंसता, नाचता, गाता है। अपनी मिठास भले ही समा दें सारी नदियाँ उसमें, उसकी फितरत में तो मीठा... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 3 182 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 8 Jul 2023 · 1 min read ग़ज़ल - फितरतों का ढेर कलम की यह धार देखो। मचाती ललकार देखो। जमाने ने ली बदल फितरत , मची हाहाकार देखो। अगर मजहब का जिक्र है, मिरे दिल में प्यार देखो। नकाबों के इस... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल · शेर 4 196 Share Ekta chitrangini 8 Jul 2023 · 1 min read "चालाकी" चालाक लोग को अक्ल नही आती, समझते है चालाकी किसी के समझ नही आती। उनको कौन समझाए तुम मूर्ख हो, बस हमे तो उनकी करतूत पर हँसी आती हैं। ना... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · चालाकी 9 4 235 Share Ekta chitrangini 8 Jul 2023 · 1 min read "फितरत" नकाब फ़ितरत का उठाओ तो, चेहरे में शियासत दिखती है। छल कपट के धन दौलत, फ़ितरत भरी सोहरत । सब एक न एक दिन, बेनकाब हो जाती है। बरकत नही... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · फितरत 8 4 324 Share Previous Page 2 Next