Posts साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता 151 authors · 340 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Darshna Jain 6 Jul 2021 · 5 min read कानूनन बेटी से इतना प्यार संजना, आज भी तुमने टिफिन में सलाद नहीं रखा। हर बार भूल जाती हो। और मेरी ब्लू शर्ट भी प्रेस नहीं की तुमने अब तक । कल सुबह मुझे मीटिंग... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 416 Share Darshna Jain 6 Jul 2021 · 6 min read आखिर मां है... "अरी गुलबिया जरा जल्दी हाथ चला ना। बस धीरे-धीरे रेंगते हुए काम करती रहेगी। ये नहीं कि सूरज सर पर आ गया है जल्दी से आंगन बुहार लूं। रूक तेरे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 469 Share Darshna Jain 6 Jul 2021 · 3 min read जादुई मंत्र " क्या हुआ आज सुबह से मुंह क्यों लटका रखा है।भई आज तो तेरे लाड़ले पोते देवेश का जन्मदिन है ,तो कोई तैयारी नहीं कर रही "चाय पीते हुए रमेश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 1k Share Manu Vashistha 6 Jul 2021 · 3 min read सुनो बहू क्या लाई हो! ✍️उम्मीदों के ताने बाने से बुनी जिंदगी, कपड़ा बनाते समय ताने बाने का विशेष ध्यान रखा जाता है, जिंदगी भी कुछ इसी तरह है। सुख_दुख, खट्टा_मीठा, अच्छी _बुरी, ये सभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 591 Share अल्पना नागर 6 Jul 2021 · 36 min read पाँच कहानियां (1) कहानी अलगाव पत्र विधा प्रिय, ये कहानी शुरू हुई थी तुमसे पर हर एक आम कहानी की तरह मैं इसे यूँ ही खत्म नहीं होने दूँगी।आख़िर पत्नी हूँ तुम्हारी,अभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 3 664 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Jul 2021 · 5 min read मँझली बेटी मँझली बेटी बंजारों की दुनिया अद्भुत होती है । न भविष्य की चिंता न अतीत का दुख होता है , उन्हें । बस ,वर्तमान में सुखी संसार गाता –बजाता ,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 479 Share राजेश बन्छोर 6 Jul 2021 · 1 min read अधूरी कहानी शाम हो चला था. पश्चिम की क्षितिज पर सूर्यास्त की लाली साफ दिखाई देने लगी थी. रेलवे स्टेशन पर बैठा मैं अपनी नई कहानी के लिए विषय-वस्तु संजो रहा था.... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 886 Share Rajesh vyas 6 Jul 2021 · 3 min read प्यार हो गया ______ कहानी ______प्यार हो गया_______ यह कौन है चाची ? वीना ने जब जमुना से पूछा तो पास में ही बैठे प्रेम की नजर आवाज की ओर गई। उसने देखा यह मेरे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 434 Share आलोक पांडेय 6 Jul 2021 · 2 min read इंसानियत और धोखा "लघुकथा" मिस्टर! चौबे एमआर का काम पिछले 10 वर्षों से कर रहे हैं। ज़िलें के अलग-अलग हॉस्पिटलों में डॉक्टरों से मिलना और दवाओं के बारे में बताना उनका पेशा है ।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 5 724 Share Akib Javed 6 Jul 2021 · 4 min read वो बुज़ुर्ग दम्पत्ति सुनो ना, ऐसा कहते हुवे वह अपनी सीट से उठता हैं, तभी उसकी नजर अपने सीट के सामने बैठे हुये एक बुजुर्ग दंपत्ति पर पड़ती हैं।उनका प्यार और आपस में... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 533 Share राजेश बन्छोर 6 Jul 2021 · 1 min read वह लड़की "अगर मैं तुम्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजूं तो......???" "मैं ग्रीटिंग कार्ड फाड़कर फेंक दूंगी." वह लड़की मेरी बात कांटते हुए बोली. उसके त्वरित जवाब का अर्थ मैं समझ नहीं पाया. दूसरे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 733 Share राजेश बन्छोर 6 Jul 2021 · 1 min read दोस्ती इस बार मैंने उससे पूछ ही बैठा...."दोस्ती करोगी मुझसे?" वह बोली....."क्या तुम्हारी नजर में शारीरिक संबंध का नाम ही दोस्ती है? नहीं....नहीं, मैं ऐसे दोस्ती नहीं करना चाहती. मैं तुम्हें... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 513 Share जय लगन कुमार हैप्पी 6 Jul 2021 · 2 min read पिता का इंटरव्यू एक लड़का को पढ़ने का जुनून है, पर उसके पिताजी पढ़ने नहीं देते हैं। वह लड़का पढ़ने के लिए अपने पिता से जिद्द करता है। तभी पिता मन ही मन... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 4 384 Share Renu Bala 5 Jul 2021 · 3 min read योग और ध्रुवीकरण आजकल रोज हररोज, गली मुहल्लों से गुजरते हुए, एक बात सुनने की मिलती है, रामकला और कमला एक सत्संग मण्डली की बागडोर को संभाले हुए, छोटे छोटे पर्व-उत्सव की तलाश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 11 1k Share Mahender Singh 5 Jul 2021 · 3 min read अच्छे दिन सबकुछ ठीकठाक चलते चलते अचानक, एक आवाज उठी, एक तूफान सा आया, एक सुनामी जैसे सबकुछ ध्वस्त करके, एक नये भौगोलिक क्षेत्र का निर्माण होने वाला हो, कुछ समस्याएं जैसे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 10 696 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 5 Jul 2021 · 2 min read "एक फोन" एक फोन अचानक मुझे एक फोन आया,मैं दौड़कर मोबाइल के पास पहुँचा क्योंकि आजकल खतरे की घंटी की ज्यादा आशंका रहती है,मैंने कॉल अटैण्ड करते हुए पूछा-''कौन ?'' उत्तर मिला,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 14 572 Share प्रशांत शर्मा "सरल" 5 Jul 2021 · 2 min read "हिसाब" हिसाब धनपत और मोहन आपस में अच्छे दोस्त थे। दोनों का जैसा नाम वैसा काम था।धनपत की इच्छा रहती कि मैं बहुत धनवान बन जाऊँ,लोग मुझे वास्तव में धनपत कहें,चारों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 772 Share Neetu gupta 5 Jul 2021 · 4 min read दूर होकर भी तुम दिल के पास हो! यह मुश्किल दौर चल रहा है। इस कोरोना में बहुत लोगों ने अपनों को खोया है जिसने अपने को खोया यह दर्द वही महसूस कर सकता है। पर जो दिल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 476 Share चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 5 Jul 2021 · 4 min read विकलांगता बात उन दिनों की है ,मुझे विकलांग प्रतियोगिता में कुछ जिम्मेदारी दी गई प्रतियोगिता 10:30 से प्रारंभ होने वाली थी ।लेकिन शुरू 1:00 बजे से हुई, मै और मेरा बेटा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 458 Share Anil Kewat 5 Jul 2021 · 4 min read बोया बबूल बबूल ही पाया दीनू एक किसान अशोक पुर गांव में अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहता था ।दीनू आप बूढ़ा हो चला था। उसके शरीर ने काम करना बंद कर दिया... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 5 335 Share Soni Gupta 5 Jul 2021 · 3 min read रहस्यमयी घटना 12 जनवरी 2020 का दिन था ,शहर की सभी दुकानें बंद थी ,सवारियों का आना-जाना यहाँ तक की कोई पत्ता भी सड़क पर नहीं हिल रहा था I चारो ओर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 266 Share Damini Narayan Singh 5 Jul 2021 · 2 min read सुनो ! आज इतवार है न सुनो आज इतवार है न ! रजाई मुस्कुराती...धुप मुझे छुती और मैं लंबी सांस लेता; इससे पहले.....इतनी लम्बी लिस्ट...ओह और तभी तुम्हारे शौक भी तो बड़े है... ये जो मण्डे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 704 Share Minal Aggarwal 5 Jul 2021 · 2 min read बर्थडे गिफ्ट मैं हमेशा से ही अपने बर्थडे पर बड़ी उत्साहित रहती आई हूं और कोशिश करती हूं कि यह दिन अच्छे से मन जाये। यह उन दिनों की बात है जब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 5 388 Share Bhawna Arorra 5 Jul 2021 · 8 min read ज़ारा बेगम कहानी -१ जारा बेगम' विद्या निकेतन विद्यालय (मुंबई) के औडिटोरियम में आज दिनांक १९ जून २०१८ को बहुत बड़ा एवार्ड फंक्शन है | बारहवीं की परीक्षा के परिणाम में जो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 194 Share Pooja Singh 5 Jul 2021 · 7 min read रोता बुढ़ापा कुछ वर्ष पूर्व की बात है | उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक मध्यम वर्गीय परिवार रहता था l उस परिवार के मुखिया का नाम कैलाश प्रकाश था | वो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 11 17 797 Share Taposh Kumar Ghosh 5 Jul 2021 · 6 min read मातृत्व वास्तविकता है पितृत्व विश्वास मातृत्व वास्तविकता है पितृत्व विश्वास पिछले कई महीनों के भाग दौड़ के बाद मेरी कंपनी और एक राज्य सरकार के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हुआ तथा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 626 Share Shashi kala vyas 4 Jul 2021 · 2 min read *"करेंसी डॉलर"* *"करेंसी डॉ जुलाई के महीने में लगातार बारिश होने से घर में कुछ जगहों पे छत से पानी टपक रहा था । सामान को इधर उधर सरकाते हुए छोटे से... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 337 Share Dilip Kumar 4 Jul 2021 · 3 min read ब्रांड न्यू “ब्रांड न्यू” उसने दिहाड़ी के मजदूर रखे थे ,कुल जमा तीन थे , एक रेकी करता था ,दो काम करते थे ।इसके एवज में शाम को तीनों को दिहाड़ी मिला... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 406 Share Dilip Kumar 4 Jul 2021 · 4 min read आपदा में अवसर "आपदा में अवसर" वो एक बड़े अखबार में काम करता था । लेकिन रहता छोटे से कस्बेनुमा शहर में था। कहने को पत्रकार था ,मगर बिल्कुल वन मैन शो था... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 520 Share Minal Aggarwal 4 Jul 2021 · 4 min read फैक्ट्री का भूत शाम का समय था। मैं पापा के आफिस के बाहर अकेली खेल रही थी। पापा के आफिस से फैक्ट्री धुर अंदर तक दिखती थी। हल्का हल्का अंधेरा होने लगा था।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 709 Share Amrit Sagar Bhatia 4 Jul 2021 · 4 min read बदलता भविष्य बदलता भविष्य ************** बदन थक कर चूर हो रहा था ,पर मारे खुशी के नींद नहीं आ रही थी ।वैसे तो बाबूजी का मार्ग-दर्शन मुझे सफलता के पथ पर निरन्तर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 354 Share Amrit Sagar Bhatia 4 Jul 2021 · 4 min read कमी कमी : ××××× भोजन की थाली कबसे सामने रखी थी पर खाना डालने का भी मन बिल्कुल नहीं था ।आज जो कुछ देखा था उसने भूख को मार दिया था... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 270 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 4 min read {{{{लालूजी का ब्रह्म पिशाच}}}} ## लालूजी का ब्रह्म पिशाच ## लेखक: दिनेश एल० "जैहिंद" जीत की खुशी में कुछ इतने मगन हुए लालूजी कि मत पूछिए ..! कुछ ज़्यादा ही रोहू मछली और मिठाइयाँ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 704 Share Soni Gupta 4 Jul 2021 · 2 min read अखबार वाला कहानी के पात्र 1.जीवन (अखबार बेचने वाला) 2.गीता (जीवन का पहला प्यार) पहला दृश्य जीवन अखबार के विभाग में कर्मचारी था I और घर-घर जाकर अखबार बांटने का काम करता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 347 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 4 min read [[[गप्पू काका]]] कथा : #गप्पू_काका गप्पू काका के बड़े भाई के तीन बच्चे शहर से गाँव अपने घर स्कूल की गर्मी की छुट्टियों में आए हुए थे ! यहाँ भी मझिले भैया... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 633 Share Naresh Sagar 4 Jul 2021 · 3 min read *लाकडाउन की शादी* ........ कहानी *लाकडाउन की शादी* ========== अचानक कोरोनावायरस की दस्तक ने यूं तो सारे विश्व को ही हिलाकर रख दिया था ,हर तरफ़ तबाही ही तबाही के मंजर दिखाई दे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 12 870 Share दिनेश एल० "जैहिंद" 4 Jul 2021 · 9 min read "तीन चरित्रहीन पत्ते" कहानी: तीन चरित्रहीन पत्ते लेखक: दिनेश एल० "जैहिंद" ब्लू ह्वेल सभागार मेहमानों, आगन्तुकों व श्रोताओं से खचाखच भर चुका था । विशेष कर महिलाओं व उनके साथ आए हुए बच्चों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 532 Share MOTI PRASAD SAHU 4 Jul 2021 · 9 min read पानवाली " पानवाली" अगली बार जब पंचायत चुनाव की घोषणा हुई तो पानवाली ने महीधर के खिलाफ पर्चा भर दिया। यह खबर जंगल में आग की तरह गाॅव- जेवार में फैल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 357 Share SAMEER 4 Jul 2021 · 5 min read "एक कैदी की आत्मकथा" मेरा नाम साहिल सोलंकी है। मुझे एक जुर्म जो मैंने किया ही नहीं उसकी उम्र कैद की सजा हुई थी। बात काफी पुरानी है, जब मैं लगभग 30 वर्ष का... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 773 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Jul 2021 · 4 min read स्नेह बंधन ( पर्यावरण सरंक्षण पर आधारित लघु-कथा ) स्नेह - बंधन किसी माली ने अपने घर के आंगन में एक पौधा लगाया और उसकी खूब अच्छी तरह से देखभाल की -उसे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 8 825 Share राजेश रघुवंशी 4 Jul 2021 · 1 min read अकेलापन "अरे वाह पिताजी।आपने तो फेसबुक और व्हाट्सएप चलाना भी सीख लिया।बहुत-कुछ पोस्ट करने लगे हैं आजकल आप और फ्रेंड लिस्ट भी बढ़ने लगी है आपकी।"बेटे ने घर आते ही पिताजी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 238 Share Saurabh Chaudhary 4 Jul 2021 · 6 min read इश्क़ हो तो ऐसा मीरा! मीरा!मीरा!! मीरा कहाँ हो तुम? मीरा! मीरा!धूल और धुँध के गुबार से भरे रेतीले तुफान में कृष्णा जोर-जोर से इधर-उधर भागता हुआ मीरा,मीरा चिल्ला रहा था। आवाज़ दूर तक... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 406 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 4 Jul 2021 · 3 min read श्रधांजलि डा . अरुण कुमार शास्त्री / एक अबोध बालक / अरुण अतृप्त श्रधांजलि आदरणीय माल्वीय जी ने फेस बूक पर एक पोस्ट डाली थी जिसमे एक चित्र था इलाहावाद /... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 339 Share हेमंत पराशर 3 Jul 2021 · 5 min read *"झंझट"* बड़का काका बड़का काका कहाँ गए। जल्दी से तैयार हो जाइये। वे लोग बस पहुँचने ही वाले हैं। बाहर से रोहित ने आवाज़ दी। हाँ-हाँ मैं पूजा घर में हूं,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 332 Share Prabhash Kumar 3 Jul 2021 · 6 min read सम्राट सम्राट चार दिनों पहले ही मुंबई जैसे महानगर से अकबरपुर जैसे छोटे से गाँव मे शिफ्ट होना पड़ा। पूरे घर मे सामान अभी भी बिखरा पड़ा था,गलियां इतनी तंग थी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 420 Share Prabhash Kumar 3 Jul 2021 · 6 min read जनरल बॉगी जनरल बॉगी इंटरव्यू देने के बाद मन बड़ा हल्का लग रहा था, सेलेक्शन होने के उम्मीद थे,फिर भी मन मे कहीं एक डर बैठा था क्या होगा?यह तो रिजल्ट आने... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 1 390 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 3 Jul 2021 · 2 min read कबाड़ ( लघु कथा) ज्योति कबाड़ी वाले को बुलाकर अपने घर का सारा पुराना टुटा-फूटा, सामान निकाल कर दे रही थी ,बेचने को . जैसे टूटी हुई चारपाई, कुर्सी, मेज ,आईना ,जंग खाए हुए... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 8 17 620 Share डा. सूर्यनारायण पाण्डेय 3 Jul 2021 · 2 min read मदार चौक बहुत दिनों से जयबुनिया मदार चौक जाने की सोच रही थी. नेपाल का यह मनोरम स्थान जाने कब से उसे आमंत्रित कर रहा था. साल- दर – साल गुजरते गए.... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 779 Share अमित कुमार 3 Jul 2021 · 7 min read अनमोल हीरा ★अनमोल हीरा★ कोयले की खान में एक हीरा ऐसे ही पड़ा हुआ था जैसे कूड़ेदान में सोने की गिन्नी पड़ी हो। खान में काम करने वाले मजदूर क्या जाने हीरा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 51 2k Share राजेश 'ललित' 3 Jul 2021 · 2 min read 'उसने क्या कहा था?' लघुकथा ---------- उसने क्या कहा था? ------------------------- मनसुख राय अपनी आयु के बहत्तरवें वर्ष में प्रवेश कर चुके थे।पिछले वर्ष तक वे महिलाओं के कपड़े सिलते थे।बड़े प्रसिद्ध टेलर थे।दूर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 11 12 831 Share Previous Page 5 Next