Posts साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता 151 authors · 340 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Kumar Kalhans 19 Jul 2021 · 7 min read घोसडी वाले। "घोसडी वाले" शुभम काफी देर से चैट कर रहा था। चैट करते करते उसकी उंगलियां और आंख दोनों थक गए तो उसने सेलफोन को किनारे रख दिया और कमरे को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 317 Share Damini Narayan Singh 19 Jul 2021 · 2 min read "आधी रात के बाद" वो शाम थी; ठीक ऐसे ही बारिश वाली; मौसम सर्द ; आधी रात के बाद का वक्त, सड़क बिल्कुल सुनसान, सड़क किनारे वो खड़ी; जैसे ही दूर हेडलाइट की रोशनी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 285 Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Jul 2021 · 9 min read मौसी माँ मौसी माँ "हेलो!.." "हेलो! समधन जी ! कैसी हैं आप ?" "बस ठीक ही हूँ । आप कहिये , आप कैसी हैं और बाकी सब घर में कैसे हैं ?"... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 3 1k Share Rani Singh 18 Jul 2021 · 10 min read रौशन गलियों का अंधेरा "अरी ओ चंचल...! सुन काहे नहीं रही हो ? कब से गला फाड़े जा रहे हैं हम और तुम हो कि अनठा के चुप बैठी हो। आ कर खा लो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 2 465 Share Ranjana Mathur 18 Jul 2021 · 2 min read तीन बार कहानी "तीन बार" "तू चाहे तो मेरे घर एक हफ्ते तक न आ, लेकिन तू आराम कर। " "सुन ले तारा।" "समझी कि नहीं।" "जी भाभी! समझी। कर लूंगी आराम.."... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 1 466 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jul 2021 · 2 min read सुगनी सुगनी " -------------- चिथड़ों में लिपटी हुई गरीबी , फटी एड़ियाँ, फटी वेशभूषा और इर्द-गिर्द भिनभिनाती हुई बहुत सी मक्खियाँ | जाने किस आशा में वो एकटक निहार रही है... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 337 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jul 2021 · 2 min read पतासी काकी " पतासी काकी " (लघुकथा) ----------------------- कहने को तो जमीन-जायदाद ,आलिशान घर और गाय-भैंसें सभी थी पतासी काकी के पास | लेकिन ! एक ही कमी खलती थी उसे ,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 544 Share विवेक जोशी ”जोश” 18 Jul 2021 · 3 min read दधीचि की हड्डियां कृषि और पशुधन के कारण गांव हमेशा से ही समृद्धि का प्रतीक रहे हैं। विकसित और आधुनिक कहे जाने वाले शहरों का भरण पोषण भी गांव पर ही निर्भर है।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 651 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 18 Jul 2021 · 4 min read कर्तव्य कर्तव्य ” कर्तव्य ” साठ बसंत देख चुकी ‘कमली’ को देखकर अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि वह जीवन के छह दशक पूरे कर चुकी है | वह घर के... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 356 Share Usha Sharma 18 Jul 2021 · 5 min read कहानी : "काश! ये संभव होता" ..... कहानी : काश.! ये संभव होता.... मैंने ईश्वर से समय को वही थाम भूतकाल में लौटने की शक्ति पा सब कुछ ठीक करने की ठान ली थी.... । क्या यह... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 253 Share Ranjana Mathur 18 Jul 2021 · 2 min read शीर्षक - जेब की मरम्मत "पापा आ गए" पिंकी ने दौड़ कर दरवाज़ा खोला। विजय जी चुपचाप अन्दर आए और टिफिन व बैग पास ही खड़े बेटे टिंकू को पकड़ाया। खुद ढीले हो कर पलंग... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 311 Share आलोक पांडेय 17 Jul 2021 · 3 min read "ममता वाले हाथ छुट गए" कैसे हम भूल गए कि हमकों सूखे बिस्तर पर सुलाकर वो खुद गीले में सो जाती थी। कैसे हम भूल गए कि अपने ख़ुद भूखे रहकर अपनी अमृत वाली छाती... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 758 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 17 Jul 2021 · 3 min read * सोच * डा. अरुण कुमार शास्त्री / एक अबोध बालक / अरुण अतृप्त शीर्षक - * सोच * मेरी लघुकथा का कथानक एक छोटा सा बच्चा , नाम दीपक, जिसका सम्पूर्ण परिवार... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 5 616 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 17 Jul 2021 · 14 min read ब्रेकअप इन 22 डेज.... सुमित नहाने के लिए अपने सारे कपड़े उतारकर बाथरूम में बैठकर मोबाईल की रिंग का इन्तजार कर रहा था। बिजली की रॉड से हुआ गरम पानी कब का ठंडा हो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 4 330 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 17 Jul 2021 · 9 min read छोटी चाची डा. अरुण कुमार शास्त्री / एक अबोध बालक / अरुण अतृप्त ** छोटी चाची - छोटी चाची तो एक भाव एक माध्यम मात्र अभिव्यक्ति का, उसमे छुपी सम्पूर्ण नारीहृदय पीड़ा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 804 Share Rani Singh 17 Jul 2021 · 6 min read तुम्हारा राम "कजरी, कजरी....! अरी ओ कजरी।" कजरी की पड़ोसन झूमरी खुशी से चहकती हुई कजरी के आँगन में आयी। "अरे, का हुआ ? काहे सुबह-सुबह गला फाड़ रही है।" चापानल पर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 569 Share Rani Singh 17 Jul 2021 · 7 min read आप से तुम तक आप से तुम तक निधि और रितिक की शादी धूमधाम से सम्पन्न हुई। निधि हजारों सपनों और अरमानों को संजोए विदा हो कर ससुराल आयी। घर में मेहमानों की गहमा-गहमी,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 584 Share मनोज कर्ण 16 Jul 2021 · 8 min read कविता का जन्म कविता का जन्म ~~~~~~~~~~ बस तीन -चार दिन पहले की बात है, जब मैं कार्यालय से घर वापस आया, तो देर शाम का वक़्त हो चुका था। घर आते ही... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 12 18 1k Share आलोक पांडेय 16 Jul 2021 · 3 min read त्याग के देवता मूर्ति साहब व्यवहार कुशल व्यक्तित्व थे। उनके विचार इतने नेक थे कि कुछ मिनट में ही लोग उनसे प्रभावित हो जाते थे। उनको जनरल मैनेजर होने का रत्ती भर घमण्ड... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 687 Share नन्दलाल सुथार "राही" 16 Jul 2021 · 5 min read प्रतीक्षा प्रतीक्षा १ विक्रमनगर में आज प्रातः की शुरुआत ही शंख की पवित्र ध्वनि और ढोल - नगाड़ों की गूंज से हुई। आज सम्पूर्ण नगर में हर्ष और उल्लास का माहौल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 304 Share विवेक जोशी ”जोश” 16 Jul 2021 · 2 min read समय चक्र यूं तो समय चक्र अपनी गति से निरंतर चलता रहता है। लेकिन फिर भी हमने कई लोगों को कहते सुना है कि ”अरे समय कब बीत गया पता ही नहीं... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 824 Share Renu Bala 16 Jul 2021 · 2 min read जायदाद माँ बाप काम में तल्लीन, संयुक्त परिवार में सब अपनी अपनी जिम्मेदारी निभाने में व्यस्त रहते हुए एक अच्छा जीवन व्यतीत करते रहे. मेरी नजर में परिवार ने जैसे अकेले... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 5 613 Share Renu Bala 16 Jul 2021 · 2 min read पूत सपूत काहे धन मैंने सुना है *पूत सपूत काहे घन संचय, पूत कपूत काहे ....* ये कथन सारे का सारा आधे अधूरा है, हम भी किसी के संतान है, हमारे भी संतान है,और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 8 1k Share Savita Verma Gazal 16 Jul 2021 · 7 min read "एक थी महुआ" "एक थी महुआ" गाँव आते ही बस अड्डे से घर तक जाने वाले रास्ते पर किशन दादा की झोँपडीपड़ती है..और चौराहे पर ही उनकी बहादुर बेटी के नाम का बड़ा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 447 Share Astuti Kumari 16 Jul 2021 · 6 min read डर एवं डगर डर एक नकारात्मक भावना है।मनोविज्ञान के अनुसार,यह एक जैविक प्रतिक्रिया हैं जो तभी उत्पन्न होता है जब हमारा दिमाग खतरनाक और नुकसान पहुंचाने वाला समझता है, जब हमारे वर्तमान वातावरण... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 8 537 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 16 Jul 2021 · 32 min read दूषित हवा वानरपुरा गाँव में रामचरित मानस का पाठ चल रहा था, पंडित जी रामचरित मानस के दोहे बहुत ही रस और भावुकता के साथ पड़ रहे थे । मंदिर की छत... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 7 469 Share Asha Babbar 15 Jul 2021 · 13 min read विवाहिता (डॉ० आशा) पूर्वाभास - नारी विमर्श से सम्बंधित यह कहानी, विवाह नामक संस्था पर किया गया एक तीखा व्यंग्य है l विवाह नामक संस्था को कटघरे में लाकर बहुत से सवाल पाठक... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 401 Share आलोक पांडेय 15 Jul 2021 · 2 min read भगवान तूने क्या किया मंजुला प्रसूति विभाग के बेड पर बेशुध होकर बैठी थी वही हाल गोपाल का भी था। कौन आ रहा कौन जा रहा है उनको कुछ भी होश नही था। रो-रो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 2k Share Rekha Mohan 15 Jul 2021 · 1 min read लघुकथा – समय की पकड़ बिपुल रात को देर से घर आया था| माँ निर्मला गुस्से में बुदबुदा रही थी| बिपुल पढ़ाई में तेज़ था पर आवारा लड़कों के साथ संगति से मन लगाकर पढ़ाई... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 362 Share Usha Sharma 15 Jul 2021 · 2 min read "इज्ज़त की ख़ातिर"...... शीर्षक : "इज़्ज़त की ख़ातिर"..... सुबह के करीब दस बज रहे थे और कामवाली बाई विमला अभी तक नहीं आई थी....बाथरूम से नहाकर निकलते ही घड़ी पर नजर पड़ी और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 282 Share Taposh Kumar Ghosh 15 Jul 2021 · 5 min read पत्नी को पत्र , वर्ष: १९०२ सत्य हास्यास्पद कथा. पत्नी को पत्र : (वर्ष: १९०२) मेरे बड़े दादाजी का मेरी दादी को पत्र। "कहानी पूरी फिल्म है, लेकिन पूर्ण सत्य है" कहानी 119 साल पुरानी! कहानी का उपसर :... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 536 Share Khushboo Khatoon 15 Jul 2021 · 3 min read दो बकरों की दोस्ती दो अलग-अलग गाँवों में सोनू और टॉम नाम के दो बकरे अपने परिवार के साथ रहते थे,परंतु दोनों बकरे अपने परिवारिक स्थिति से नाखुश थे। सोनू अपने माँ और दो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 10 961 Share Khushboo Khatoon 15 Jul 2021 · 2 min read मेंढकी का घमंड सुबह का समय था । अभी-अभी सूर्योदय हुई थी।सूर्य की हल्की हल्की रौशनी से लोगो को नई ऊर्जा मिल रही थी।आज आजतक से तेज बारिश और आंधी आने के बाद... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 14 10 1k Share पंकज प्रियम 15 Jul 2021 · 3 min read बंश बेल सुनीता का मन आज दहाड़ मार कर रोने को कर रहा था लेकिन किसके कांधे पर सर रखकर रोती? उसके आंसू आज कौन पोंछता ? सुनीता ने खुद ही तो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 383 Share पंकज प्रियम 15 Jul 2021 · 3 min read ब्रेकिंग न्यूज़:धर्म का दुष्कर्म "हेलो! सर, हमारे यहां एक 8 साल की बच्ची का रेप हो गया।और लड़की की हत्या भी कर दी गई है। खबर ब्रेक कर दीजिए।थोड़ी देर में पूरी खबर भेजता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 293 Share पंकज प्रियम 15 Jul 2021 · 3 min read बेटी "प्लीज! अपनी दो छोटी छोटी बेटियों को लेकर इतनी रात कहाँ जाऊंगी?" रोहिणी अपने घरवालों के समक्ष गिड़गिड़ा रही थी। "जहां जाना है जाकर मरो!" हमें इससे क्या? उसकी सास... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 381 Share पंकज प्रियम 15 Jul 2021 · 4 min read बड़ी ख़बर मुरारी के घर आज दावत थी। पूरे गांव को न्यौता भेजा था। पूरे गांव में चर्चा का विषय बना था कि आखिर मुरारी को आज कौन सी लॉटरी लग गयी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 354 Share पंकज प्रियम 15 Jul 2021 · 8 min read पीरियड्स:द रेड ब्लड स्टोरी  आज रीना बहुत खुश थी,अब उन दिनों शर्मिंदगी महसूस नही होगी। आज उसके स्कूल में एक मशीन लग गयी है। जिसमे महज 5 रुपये का सिक्का डाल कर खुद... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 436 Share पंकज भूषण पाठक प्रियम 15 Jul 2021 · 8 min read पीरियड्स  आज रीना बहुत खुश थी,अब उन दिनों शर्मिंदगी महसूस नही होगी। आज उसके स्कूल में एक मशीन लग गयी है। जिसमे महज 5 रुपये का सिक्का डाल कर खुद... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 546 Share roopesh srivastava kafir 14 Jul 2021 · 4 min read तीसरा वरदान- 'ऐन अनस्पोकन विश' *तीसरा वरदान- 'ऐन अनस्पोकन विश'* "उठो वत्स" आध्यात्मिक टाइप की आवाज बार-बार कानों में पड़ रही थी जिसे बिस्तर पर लेटे-लेटे मैं सुन रहा था और झल्ला रहा था कि... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 794 Share roopesh srivastava kafir 14 Jul 2021 · 4 min read वीर-सावित्री "वीर-सावित्री" "लेफ्टीनेंट आँखें खोलिए...आँखें खोलिए ..." डा० सावित्री गंभीर रूप से घायल लेफ्टीनेंट 'वीर प्रताप सिंह' को स्ट्रेचर पर तेजी से आॅप्रेशन थ्रेटर की तरफ ले जाते हुए लगभग चीख... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 7 571 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Jul 2021 · 6 min read आखिरी दाँव मित्रो, ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल को उजागर करती आंख खोलने वाली कहानी प्रस्तुत है "आखिरी दाँव "।अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। कहानी -आखिरी दाँव वे चिकित्सक दंपति कार पार्किंग में कार... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 299 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Jul 2021 · 5 min read अंबर किसान अंबर किसान एक ग्राम में अंबर नामक कृषक रहता था ।उसकी पचास बीघा कृषि फसल से लह लहा रही थी। अंबर जब उपज देखता ,फूला नहीं समाता, किंतु,विधि की मार... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 422 Share Buddha Prakash 14 Jul 2021 · 4 min read मिठाई मेहमानों को मुबारक। आहे! भरती हुई ,तेज धूप से बचती हुई, गली से घर की ओर बढ़ रही थी सुमन। सिर पर दुपट्टा ओढ़े बगल में पर्स दबाकर और एक हाथ में विद्यालय... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 10 14 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Jul 2021 · 4 min read भाभी अचानक, वह फूट-फूट कर रोने लगी। उसका इस तरह घर आना, और रोना देखकर, मुझे हैरानी हुई। उसे किसी तरह सांत्वना देकर मैंने पूछा क्या हुआ? क्यों रो रही हो?... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 573 Share धीरेन्द्र वर्मा "धीर" 13 Jul 2021 · 2 min read मेरी जिज्ञासा यात्रा का जब भी नाम आता है कहीं न कहीं सभी के मन में एक जूनून, कौतूहल, उत्सुकता सी उत्पन्न हो जाती है और जैसे ही यात्रा समाप्त होती है,... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 1k Share राजेश 'ललित' 13 Jul 2021 · 4 min read 'किशोर का बस्ता' किशोर का बस्ता ------------------------- किशोर की आयु लगभग दस वर्ष की रही होगी,जब कोरोना का प्रकोप हुआ।वह सरकारी स्कूल में पांचवी कक्षा का विद्यार्थी था।उसके पिता बनवारी लाल वर्मा किसी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 14 13 892 Share Mahender Singh 13 Jul 2021 · 2 min read मरीज और अशिक्षा गौरव ने अपना चिकित्सकीय संपूर्ण जीवन दवा, रोग,रोगी पर समर्पित भाव से बिन ऐशोआराम, भौतिक संचय इकट्ठा किये लगाते जा रहे है, अशिक्षा इतनी प्रभावी है, मरीज आकर उसे इलाज... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 4 477 Share Mahender Singh 12 Jul 2021 · 2 min read दफन रहस्य से भरपूर कहीं भ्रम, मोह, माया जाल जैसे *विपीन को जीवन में चौतरफ़ा रहस्यमयी घटनाओं से आच्छादित परतों को परत दर परत भेदने की ठान रखी हो, आने वाली... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 5 671 Share Manu Vashistha 12 Jul 2021 · 2 min read मदद के हाथ ✍️ मदद के हाथ___ गांव से दूर शहर में बेटे बहू के साथ बुजुर्ग दंपत्ति रहने तो आगए, लेकिन आस पड़ौस से मेल मिलाप की पुरानी देसी रीत कायम रखे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 449 Share Previous Page 3 Next