Posts Competition: साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता 341 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rashmi Sanjay 31 Jul 2021 · 3 min read 'अचानक' घर में ढोलक की थाप पर मंगल गान अपनी छटा बिखेरे थे..फूफा जी और मम्मी एक दूसरे की खिंचाई करते-करते डांस में खोये थे। रंग में भंग तब पड़ा जब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 13 408 Share Rajesh vyas 31 Jul 2021 · 3 min read भरोसा ___ कहानी मेहमानों का आना जारी था। पंडित सुखराम के मझले बेटे पुनीत का विवाह जों था। पंडित सुखराम ग्राम कनेरा के प्रतिष्ठित पंडित के साथ-साथ ब्राह्मण होने के कारण पूरे गांव... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 301 Share Khushboo Khatoon 31 Jul 2021 · 2 min read बदलते क्षण सुबह का समय था।आज घर में बहुत चहल -पहल थी।सभी के मुँह से एक ही वाक्य निकल रहे थे-आज राजीव आने वाला हैं, आज राजीव आने वाला हैं.............. सभी के... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 6 645 Share Shivalik Awasthi 31 Jul 2021 · 44 min read अकेलापन : "एक संघर्षपूर्ण जीवन" "मुबारक हो! मैडम अवस्थी।" भला ऐसे ही थोड़े एडमिशन मिल जाता है कॉलेज में, वो भी पंजाब (जालंधर) के अच्छे कॉलेज में। यह तो शिवा की अच्छी किस्मत है जो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 349 Share जगदीश लववंशी 31 Jul 2021 · 4 min read समय एक समान नहीं रहता मोहन और सोहन दोनों साथ-साथ एक ही विद्यालय में पढ़ते थे । मोहन गरीब था, उसके पिताजी दूसरों के खेत पर काम कर ,अपने परिवार का पालन पोषण करते थे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 2 538 Share Shivalik Awasthi 31 Jul 2021 · 10 min read "पढ़ेगा इंडिया, तभी तो बढ़ेगा इंडिया" "अरी ओ मिठु" कहाँ गई? ना जाने कहाँ भागी रहती है यह लड़की भी? "किरण", क्या तुमने मिठु को देखा? ना जाने, कहाँ गई होगी? आप, क्यों इतना मिठु के... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 1 603 Share Shivalik Awasthi 31 Jul 2021 · 21 min read "एक बड़ा प्लॉट - एक बड़ी दुकान" शहर से तकरीबन 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है "अश्वनी लाल" जी का छोटा सा-प्यारा सा गाँव नगरपुर। संसाधनों की उचित व्यवस्थाओं के अभाव से, यह गाँव उतना विकसित... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 464 Share वीर कुमार जैन 'अकेला' 31 Jul 2021 · 1 min read नाज़ उस खेतो में अनाज उगाने वाले बाप को अपनी दोनों जुड़वां बेटियों पर आज नाज़ हो रहा था।उसकी परवरिश एवं बेटियों की मेहनत रंग लाई थी। आज सिविल सर्विसेज का... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 5 391 Share RAMESH CHANDER SHARMA 31 Jul 2021 · 3 min read चितेरा कथाकार चितेरा कथाकार/लघु कथा रमेश‘आचार्य’ श्रीमान ‘क’ महानगर के लब्धप्रतिष्ठ कथाकार थे। यद्यपि वे चांदी का चम्मच लिए पैदा हुए और पश्चिमी संस्कृति से ओतप्रोत थे तथापि उनकी कलम सदा गरीबों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 176 Share नेहा आज़ाद 31 Jul 2021 · 3 min read बूढ़ा वटवृक्ष राघव के पिताजी बहुत ही सीधे और सरल स्वभाव के थे , पेशे से वो इंजीनियर थे लेकिन रहन - सहन बहुत सादा था , ये बात अक्सर राघव को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 7 255 Share RAMESH CHANDER SHARMA 31 Jul 2021 · 2 min read चौथा खंभा चौथा खंभा/ लघुकथा रमेश ‘आचार्य’ पिछले दो सालों से लगातार भटकने के बाद आखिर उसे महानगर के नामी टीवी न्यूज चैनल में संवाददाता की नौकरी मिल गई। उसके पिता एक... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 1 423 Share RAMESH CHANDER SHARMA 31 Jul 2021 · 2 min read गिरगिट गिरगिट/लघुकथा रमेश ‘आचार्य’ सावन का महीना उत्सवमय हो चला था और भक्ति में डूबे कांवड़िये महानगर में अपनी छटा बिखेर रहे थे। काॅलोनी की सोसायटी वालों ने भी शिवभक्त कांवड़ियों... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 3 205 Share श्याम सिंह बिष्ट 31 Jul 2021 · 3 min read फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी) जिस माता-पिता ने पहाड़ों में रहकर पहाड़ों से भी ज्यादा हौसला वह कठोर परिश्रम करके अपने बच्चे को आज इस काबिल बनाया था कि वहां शहर में जाकर एक अच्छी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · Uttarakhand · कहानी 2 3 558 Share श्याम सिंह बिष्ट 31 Jul 2021 · 3 min read पहाड़ का अस्तित्व - पहाड़ की नारी नारी के बिना पहाड़ अधूरा - या यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि पहाड़ का अस्तित्व ही नारी के कारण टिका हुआ है यदि पहाड़ों से कुछ हद तक... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · उत्तराखण्ड · कहानी 1 1 305 Share श्याम सिंह बिष्ट 31 Jul 2021 · 7 min read एक प्यार ऐसा भी आज रजनी बहुत खुश थी उसको ऐसा लगा मानो आकाश में कोई सबसे अलग चमकदार धूमकेतु उसे मिल गया हो, उसके घर देर से आने पर पर मां ने सवाल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 316 Share श्याम सिंह बिष्ट 31 Jul 2021 · 2 min read शिक्षित बेटियां मजबूत समाज मुनि के पापा जैसे ही खेतों से हल जोत के आए, तो पास बैठी मुनि की माँ बोली - अजी सुनों कल सुबह जल्दी उठना, मुनि का कल पास वाले... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 321 Share नेहा आज़ाद 31 Jul 2021 · 3 min read समाज और सुरक्षा प्रिया दिल्ली के पॉश एरिया में जॉब करती थी और ऑफिस के पास ही एक फ्लैट में रहती थी , एक दिन प्रिया की रूममेट चंचल नहीं थी , वो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 328 Share नेहा आज़ाद 31 Jul 2021 · 2 min read मुन्नी सड़क पर भीख मांगती एक बच्ची दिखी , उसने दुपट्टा पकड़ के कहा दीदी दो रूपया दे दो ...जैसा हम सभी की भिखारियों को देख के ज्ञान देने की आदत... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 289 Share Shivalik Awasthi 31 Jul 2021 · 5 min read सावन की बारिश और सीख "सावन" के आने पर हर कोई खुशी से झूम उठता है! फिर चाहे वे पशु-पक्षी हों या फिर मानव; हर कोई चौतरफा हरियाली देखकर बहुत प्रसन्न होता है। अब जब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 8 323 Share शक्ति राव मणि 31 Jul 2021 · 20 min read गोविंदपुरी घाट हत्याकांड एन्सेलेडस रोश :- शाहीन तुम तो मेरे पिताजी के खास दोस्त हो तुम्हें तो मालूम होगा आखिर कहां गए हैं? शाहीन:- आपके पिताजी पृथ्वी गए हैं, गायत्री वल्लभ से मदद... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 308 Share सुशील कुमार 'नवीन' 31 Jul 2021 · 12 min read देवी अर चन्द्रो, साथ म्ह गोल्ला नाम देवीदयाल। उम्र 80 से एक कम मतलब 79 साल। असली नाम या तो स्कूल के रिकार्ड में है या बच्चों के सर्टिफिकेट पर। बाकी सब तो उन्हें 'देवू' और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 410 Share Jayanti Prasad Sharma 30 Jul 2021 · 1 min read सौत अस्पताल में माँ के बैड के बगल में वृद्ध रोगिणी की महिला तीमारदार की लगन और तत्परता देखकर मेरी माँ ने उससे पूँछा 'ये तुम्हारी कौन हैं क्या सास हैं?... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 441 Share स्वर्णलता विश्वफूल 30 Jul 2021 · 2 min read आदमखोर कहानी कभी खूब वर्षा, कभी रिमझिम बारिश ! कभी सूरजमल सेठ का आकाशी प्रहार ! कभी बिजली ऐसी कि पंखे से निकलती शीतल बयार । कभी बेडशीट ओढ़ती- ओढाती है। कभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 6 466 Share Payal Pokharna Kothari 30 Jul 2021 · 4 min read कर्म या हकीक़त कर्म या हक़ीक़त कुछ समय पहले की बात हैं एक गाँव में दो दोस्त रहते थे रवि औऱ किशन । उनकी दोस्ती आस पास के सभी गाँव वालों के लिए... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 4 347 Share राजेश 'ललित' 30 Jul 2021 · 1 min read मेरे मोहल्ले की कहानी मेरे मोहल्ले की कहानी ——————— मेरा मोहल्ला कभी रुका कभी चला शास्त्री जी नहीं रहे अब बिक गया धर्म निवास नहीं पता!कौन रहता पास, बहुत दिन हुये पांच नं का... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 14 12 526 Share RAMESH CHANDER SHARMA 30 Jul 2021 · 2 min read कोहरा कोहरा/लघुकथा रमेश ‘आचार्य’ शाम के वक्त आसमान में हल्का कोहरा था। आज वह खुशी से फूला नहीं समा रहा था। कल नए साल का पहला दिन उसकी नौकरी का भी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 5 225 Share Taran Verma 30 Jul 2021 · 1 min read राहत की सांस बहुत पुरानी बात है एक गांव जगदलपुर में एक किसान रहता था जिसका नाम रामू था जो हमेशा किसानी के कार्यो में व्यस्त रहता था। रामू का एक बेटा था... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 5 401 Share Damini Narayan Singh 30 Jul 2021 · 2 min read सुनो तो ! सुनो_तो ! एक परिंदा था; उड़ता रहता बेखौफ ; अनन्त की ओर..? बिना डरे बिना रुके; शाम ढलते ही जब भी उसे गगन और आंगन में चूनना होता, बिना किसी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 462 Share भविष्य त्रिपाठी 30 Jul 2021 · 4 min read सेना की शक्ति एक बार की बात है,, एक नगर था धरमपुर। और वहाँ के राजा भी बड़े धर्मात्मा थे। वह मान में युधिष्ठिर,, तो दान में कर्ण के समान थे। प्रजा को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 9 385 Share नेहा आज़ाद 30 Jul 2021 · 2 min read शब्द और अर्थ एक बार यूँ ही बैठे - बैठे शैलेन्द्र की अपने मित्र रवि से एक दार्शनिक चर्चा हुई की शब्द महत्वपूर्ण है की उसका अर्थ ,शैलेन्द्र का कहना था की शब्द... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 12 422 Share आकांक्षा राय 30 Jul 2021 · 1 min read सबसे नालायक बेटा डॉक्टर का यह कहना कि यह आपरेशन रिस्की है जिसमें जान भी जा सकती है,मास्टर साहब को विचलित कर देने वाली बात थी ।आपरेशन के बिना रोग के बढने का... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 13 9 611 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 3 min read गुलगुले अभी परसों ही माता जी से बात हुई थी पर बहुत कम देर, मन बेचैन था । सोचा लाओ फोन करते हैं । स्वयमेव फोन मिला दिया जैसे ! "अम्मा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 521 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 29 Jul 2021 · 33 min read नई जमीन महर्षि बंद कमरे की खुली खिड़की पर अपने दोनों पैर आगे टेककर कुर्सी पर चिंतित बैठा हुआ था और आसमान को एक टक ऐसे देखे जा रहा था, जैसे आसमान... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 9 618 Share Mahesh Tiwari 'Ayen' 29 Jul 2021 · 7 min read सिमरन रोहन इन तीन चार दिनो से जितना चितिंत परेशान अनमना सा था वैसा पहले कभी नहीं दिखा| मन मे तमाम शंकाएं पता नहीं क्या हुआ तबीयत ठीक नही, जाब छोड़... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 8 597 Share डॉ शिखा कौशिक नूतन 29 Jul 2021 · 1 min read अंतर एक ही दफ्तर में काम करने वाले हमउम्र पुरुष सहकर्मी महेश ने पैंतीस की उम्र पार कर चुकी महिला सहकर्मी अदिति के प्रति बहुत सहानुभूति पूर्ण स्वर में पूछा -... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 8 10 572 Share Payal Pokharna Kothari 29 Jul 2021 · 2 min read वो 30 मिनट... ये उस दिन की बात हैं जब मुझे अपने काम से बैंगलोर जाना था, औऱ मेरी 10 बजे की फ्लाइट थी । मुझे निकलने में बहुत देरी हो गई, कोई... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 6 337 Share Jayanti Prasad Sharma 29 Jul 2021 · 4 min read एक चोर की कथा वह एक चोर था।चोरी ही उसकी वृत्ति थी और उसी से वह अपने परिवार का भरण-पोषण करता था यह उसके परिवार वाले भी जानते थे। चोर होने के साथ साथ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 601 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 2 min read नियति जीवन बहुत आहिस्ता से करवट लेता है.. मुझे जैसे कल की ही बात लगती है.. हम सब एक ऑंगन में रंगोली बनाकर भाईदूज की पूजा करते थे..हर तरफ बातें और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 440 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 2 min read दादा जी का चश्मा मैं और मेरे दादा जी...दोनो एक जैसे ...जब मन होता चुटकुले सुनाते और जोर-जोर से हँसने लगते ...कभी एकदम से भजन याद आ जाता तो ढोलक मेरे हाथ में होती...... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 10 565 Share डॉ शिखा कौशिक नूतन 28 Jul 2021 · 1 min read नज़रिया शाम ढ़लने को थी.गली के नुक्कड़ पर बनी चबूतरी पर बैठी प्रौढ़ा सोमती अज़ान की आवाज़ आते ही मुंह चढ़ाकर बोली - लो अब सुनो इन मुल्ला जी की लय... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 11 436 Share Umender kumar 28 Jul 2021 · 1 min read जीवनसंगिनी की याद आज अचानक तुम्हारी याद आई है जब मैं आईना देख रहा हूं अब सजने सवरने का क्या मतलब जब जिंदगी में अकेले काट रहा हूं आज याद आ रही है... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 4 330 Share Simmy Hasan 28 Jul 2021 · 4 min read कौन था? कहानी कोई पचास बरस पहले की है जब टेलीफोन और यातायात के साधन सिर्फ शहरों की शोभा बढ़ाते थे, गांवों में न बिजली के तार थे न बल्ब, ऐसी ही... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 409 Share Rashmi Sanjay 28 Jul 2021 · 3 min read माॅं का संघर्ष मैंने घर आते ही आवाज दी.. "माॅं..चाचाजी पहुॅंचने वाले हैं, दादी का फोन आया है" इतना कहकर मैं अपने स्टडी रूम में घुस तो गई, पर मन ही मन माँ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 8 203 Share Neetu gupta 28 Jul 2021 · 5 min read बहुत किस्मत वाला हूं मैं बेटी का पिता हूं रवि और लता जीके 2 बेटियां थी यह परिवार हंसता खेलता परिवार पर कभी-कभी लता जी सोचती और रवि जी से कह दी कि हमें दो बेटियां हैं मैं बहुत... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 9 513 Share Rajesh vyas 28 Jul 2021 · 5 min read मैं भी काम करूंगी ____ कहानी क्या जमाना आ गया है। जिधर देखो उधर समस्याएं ही समस्याएं दिखाई देती है। काम मिलता नहीं बाजार में जाओ तो महंगाई आखिर कैसे अपने घर को चलाऊं। कुछ इसी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 4 299 Share आकांक्षा राय 28 Jul 2021 · 1 min read चोट प्रोफेसर राय को उनकी कृति 'स्त्री:तेरी कहानी' के लिए आज सम्मानित किया जाना था।प्रोफेसर कालोनी से लगभग सभी उनके सम्मान समारोह में जा रहे थे।कुछ औरतें मिसेज राय को भी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 11 6 397 Share Charu Mitra 27 Jul 2021 · 1 min read जय हिंद अमरूद बेचने वाली एक औरत की टोकरी बार-बार ट्रेन में एक बच्ची से टकरा रही थी । उसके पिता उस औरत पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे, "अपनी टोकरी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 18 582 Share उमा झा 27 Jul 2021 · 11 min read अनपढ वायरस आज जब हम अपने आपको एक और समृद्धि, बुद्धिमान, शिक्षित, तथा स्वर्णिम युग के होने का गौरव धारण करने के लिए उद्विग्न है तो वहीं दूसरी ओर निरक्षरता समाज को... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 12 550 Share Jayanti Prasad Sharma 27 Jul 2021 · 3 min read एक सबक बारिश होकर चुकी थी। छोटे छोटे गढ्ढों में पानी भर गया था तथा सड़कें भीगी हुईं थीं। इन सबकी परवाह न करते हुए प्रात:कालीन भ्रमणार्थी भ्रमण के लिए निकल चुके... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 426 Share Khushboo Khatoon 27 Jul 2021 · 3 min read चंचला की संघर्ष बादलों से घिरे आसमानों के बीच चिड़ियों की चहचहाहट एक उमंग प्रदान कर रही थी तथा इस कहानी की नायिका चंचला अपने मन को समझाने का प्रयास कर रही थी।वह... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 9 10 717 Share Page 1 Next