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31 Jul 2021 · 20 min read

गोविंदपुरी घाट हत्याकांड

एन्सेलेडस

रोश :- शाहीन तुम तो मेरे पिताजी के खास दोस्त हो तुम्हें तो मालूम होगा आखिर कहां गए हैं?

शाहीन:- आपके पिताजी पृथ्वी गए हैं, गायत्री वल्लभ से मदद के लिए.

रोश:- अच्छा गायत्री वल्लभ वो वैज्ञानिक जिसने निर्देशांक को बताया ,मैंने कहानियों में सुना है कि उस समय दस सुपर पावर वाले लोग भी थे.

शाहीन :- हो सकते हैं.

रोश:- तो बेवकूफ कर क्या रहे हो ,वह यंत्र बनाओ जिससे उस लूप को पार कर पृथ्वी पर जाया जा सके .

शाहीन और उसके सहायक टीम ऐसा यंत्र तैयार करते हैं जो लूप को पार कर पृथ्वी ले जाए.

8 दिसंबर 2038

रोश:- देखो वह है सी-आर .

सी-आर उसे देखता है

सी-आर :- ऋत्विक हमें बाद मैं मिलना चाहिए तुम यहां से अभी जाओ बस याद रखो 2027 के बाद जब गायत्री की मौत हुई तब से मैं आजाद हुआ परंतु अगर तुम स्नेहा को बचाने की सोच रहे हो तो भूल जाओ जैसे ही तुम उस घटना को बदलने की कोशिश करोगे तो गायत्री का वशीकरण मुझ पर फिर से शुरू हो जाएगा तब मैं कुलेंद्र बन जाऊंगा और उस वक्त में उस शख्स के लिए मौत बन जाऊंगा जो घटना को छेड़ेगा यानी कि तुम मारे जाओगे.

ऋत्विक सी-आर के कहने पर भाग जाता है रोश अपने पिता को पकड़ने के लिए आता है पर सी-आर कुलेंद्र बनकर गायत्री के बनाए घटना चक्र में छुप जाता है

रोश:- कब तक भागोगे पिताजी!

शाहीन :- सर यहां दो पृथ्वीवासी महिलाओं की लाश है, क्या करें?

रोश:- यह लाश (स्नेहा आंटी की लाश की तरफ इशारा करके) इसमें से वही ऊर्जा महसूस हो रही है जो मेरे अंदर है शाहीन एक काम करो हमारे ग्रह से मिलकेनियम तत्वों का एक बॉक्स भर कर लेकर आओ और यहां रख दो यह उन 10 शक्तिशाली लोगों में से एक है. और यह मर चुकी है शाहीन ऐसा ही करता है. और वो सब गायब हो जाते हैं

गोविंदपुरी घाट पर पुलिस पहुंचती है आसपास के लोगों से पूछताछ से पता चलता है की मृत्यु के वक्त यहां तीन मृतक ,एक लड़का और एक व्यक्ति थे .

रिसो :- लोगों ने कहा कि यहां 3 लोगों की मृत्यु हुई है , पर यहां केवल 2 महिलाओं की लाश है और यह बक्सा है, रूद्र सबूत इकट्ठा करो और देखो यह बॉक्स यहां इन लाशों के पास है ,आखिर क्या है इसमें?

रूद्र:- कुछ केमिकल जैसा लगता है ऐसा करते हैं इसे हमारी लैब में भेजते हैं जो एचएनबी यूनिवर्सिटी में जा चुकी है….

एचएनबी यूनिवर्सिटी

हरिहर नेगी:- टम्टा जी जरा वह केमिकल का बॉक्स दो जो रूद्र ने भेजा है

अंकित :-जी सर यहां लीजिए.

हरिहर नेगी और तमता केमिकल टेस्ट करते हैं तो पाते हैं कि यहां तत्व पृथ्वी पर मौजूद तत्वों से अलग है ,तत्वों की गहराई में जाते हुए टम्टा ने बताया कि यहां तत्व सांकेतिक रूप से अभी नहीं बन सकता ,तत्व में से रेडिएशन निकल रहा है जो ऊर्जा को समा सकता है यह तत्व बाहरी दुनिया का है.

अंकित:- हमें यहां बात बतानी चाहिए

नेगी जी:- नहीं अभी नहीं! उन्हें बस कह दो कि यहां मामूली सा तत्व है और एक झूठी जानकारी दो .

अंकित:- परंतु….

नेगी जी:- तुम समझो बात को यह तत्व अजीब है तुम इस पर कार्य करो और इसे छुपा कर रखो.

2 दिन बाद

“हेलो मैं अंकित… जो केमिकल का बॉक्स आपने भेजा था उसमें केवल इंडस्ट्रीयल केमिकल थे जो ज्यादा घातक नहीं है यह मात्रा सफाई के इस्तेमाल में लाए जाने वाले केमिकल है जैसे मशीनों की धुलाई आदि में उपयोग में लाया जाता है सभी सूची में आपके दरोगा को भेज रहा हूं”

अंकित :-मेंलभेजा जा चुका है

नेगी जी:- इस तत्व पर तुम काम करो कोई भी डिटेल बाहर नहीं जानी चाहिए .

अंकित कंपाउंड एंड केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में इस पर कार्य करना शुरू कर देता है.

ऑफिसर रिसो:- रुद्र आज 5 दिन हो गए हैं शांतनु की मौत का कोई सबूत नहीं मिला रूद्र सर हमने वहां मिले खून की जांच करवाई तो उन दो लाश के अलावा सबसे ज्यादा मात्रा में जिस व्यक्ति का खून मिला है वो वह नहीं है मतलब तीसरा भी कोई मरा है लोग सही कह रहे थे, वहां 3 मौत हुई है .

रूद्र और रिसो जया के घर जाते हैं

जया की मम्मी (रोते हुए):- अगर उसने जिद ना की होती तो उसका भी अपना एक परिवार होता पंडित सही कहता था, अगर राजीव जया से न ही मिलती तो अच्छा होता यह दिन कभी आता ही नहीं,

रिसो :-आप शांत रहें पहले यह बताएं राजीव कौन है?

जया की मम्मी:- वही तो कारण है ,उसकी शादी होने वाली थी राजीव से, राजीव को एक मर्डर केस मिला वह उसमें गायब हो गया और वह फिर मिला ही नहीं ,उसे ढूंढने की तलाश में जया पागल सी हो गई उसने एक यंत्र बनाया जिससे समय में पीछे जाया जा सके वह उसी पर कार्य कर रही थी .

रुद्र और रिसो वहां से बाहर आते हैं.

रूद्र:- सर जया की डिटेल तो है हमारे पास, परंतु यह जो स्नेहा आंटी मरी है इसका कोई नामोनिशान नहीं है.

रिसो :- तुमने गौर किया लोगों ने बताया कि वहां 3 लोग मरे रिपोर्ट में भी वहां तीन लोग के खून पाए गए लोगों के मुताबिक उस जगह वहां से 3 लोग अचानक गायब हुए और जया के मां के मुताबिक जया एक टाइम मशीन पर कार्य कर रही थी ,और लाशों के पास एक बॉक्स मिला एक इंडस्ट्रियल केमिकल का,

रूद्र एक काम करो जया अगर सच में किसी ऐसी मशीन पर कार्य कर रही थी.. तो जरूर उसके सबूत होंगे ही.

रूद्र:- सर ऐसे कार्यों के लिए लैब चाहिए और सहायक भी हमें इनके कॉलेज में पता करना होगा .

जया के घर से पता चला कि उनका अधिकतर समय कॉलेज में ही बच्चों के साथ गुजरता था

रिसो :- तुम ऐसा करो तुम कॉल्लगे जाकर जया की डिटेल निकालो

रूद्र कॉलेज जाता है फैकल्टी व डीन से पूछताछ के बाद वह स्टूडेंट से मिलता है

रूद्र :-हां तो भाई एमएससी १० यह किन बच्चों का ग्रुप था जरा सामने आ जाओ

रुद्र :-1.2.3.4.5.6… बच्चे लोगों का ग्रुप था ये

मैंने सुना था कि जया तुम बच्चों के साथ ज्यादा समय व्यतीत करती थी

प्रिया:- नहीं सर हम 10 बच्चे हैं और 11वीं स्नेहा थी.

रूद्र :-तो बाकी कहां है ?

प्रिया:- सर ,स्नेहा के मामा के मृत्यु के बाद से स्नेहा कॉलेज नहीं आई.

ऋषभ :- और ऋत्विकभी उसी दिन से कॉलेज नहीं आया, स्नेहा और ऋत्विक काफी अच्छे दोस्त थे.

रुद्र:- अच्छा और बाकी दो कहां हैं?

ऋषभ:- पता नहीं सर 2 दिसंबर से जया मैम और रोहन आशुतोष भी कॉलेज नहीं आए, रोहन ,आशुतोष और ऋत्विक यह खास बच्चे हैं जो समय भंवर में मदद कर रहे थे.

रुद्र:- समय भंवर यह क्या है?

प्रिया;- मैम ने हमें अलग-अलग प्रोजेक्ट दिए थे टाइम में पीछे जाने के टॉपिक पर.

रूद्र :-अच्छा ?

रूद्र कॉलेज से इन चारों का पता निकालता है.

रिसो के पास जाकर सारी बातें बताता है.

रिसो और रुद्र एक-एक करके इनके घर जाते हैं

आशुतोष का घर

रिसो:- नमस्ते जी आपका बेटा है क्या घर पर?

आशुतोष की माँ:- हाँ ….

रिसो :- तो बुलाइए जरा पूछताछ के सिलसिले से आए हैं ,इनकी मैडम का कत्ल हुआ है.

तो बेटा हमने सुना जया मैडम के साथ तुम कुछ टाइम मशीन पर काम कर रहे थे..

आशुतोष घबराते हुए :- हां जी सर।

रिसो:- बेटा सब सच बताना आखिर क्यों और ऐसा क्या हुआ कि तुम कुछ बच्चों को ही सदमा लगा

आशुतोष:- सर मैडम ने हमें छात्रवृत्ति दिलवाई थी, और रोहन और मुझे मैडम ने कहा तुम्हें अपने पिताजी का बदला लेना है, हम मान गए जया मैडम एक यंत्र पर कार्य कर रही थी वह कह रही थी कि तुम्हारे पिता और मेरे पति के कातिल का एक साथ पता लगाएंगे ऐसा करने के लिए उन्होंने एक ग्रुप बनाया एमएससी १० ,ऋत्विक हम सबसे ज्यादा होनहार था उसकी मदद से उन्होंने एक लूप तैयार किया जिससे समय में आगे पीछे आया जा सके ऋत्विक और जया मैडम ने पता लगाया कि उनके पति और हमारे पिता का कातिल शांतनु है और शांतनु स्नेहा का मामा था, जया मैडम ने कहा कि शांतनु को 8 दिसंबर के दिन मारेंगे पर अचानक ही 2 दिसंबर को शांतनु मारा गया जया मैडम ने हमें कॉलेज न आने को कहा.

रिसो :-बेटा क्या हुआ था तुम्हारे पिता के साथ जो तुम बदले की आग में हो?

आशुतोष की माँ :- वो भी पुलिस वाले थे आप की तरह ही… उन्हें भी एक केस मिला था पर अचानक उनके साथी राजीव और विजय उनके साथ अचानक ही गायब हो गए और वह सभी सबूत और पहलू गायब हो गए जिस पर जय काम कर रहे थे ,जया की शादी राजीव से होने वाली थी उसको पाने की चाह में उसने एक यंत्र बनाया

रिसो :-आप कानून के नजरों में ही रहेंगे जब तक यह केस सोल्व नहीं हो जाता.

आशुतोष:- यह मामूली केस नहीं है, आपको समय यात्रा करनी होगी.

रूद्र:- वह सब हम पर छोड़ दो..

रुद्र और रिसो बाहर आते हैं.

रुद्र :-जब शांतनु की मृत्यु हुई स्नेहा तब भी घर में नहीं थी… मैं फिर गया था वह, तब भी नहीं मिली और कोई जानने वाला भी नहीं है उन लोगों का,,,, 2 दिसंबर को शांतनु की लाश हरिद्वार में मिली और 8 दिसंबर की शाम को स्नेहा आंटी की लाश मिली उसी दिन से स्नेहा भी गायब है

रिसो :-हमे बस स्नेहा का पता लगाना है कैस सोल्व हो जाएगा,

रूद्र :- तुम्हें याद है जब हम जया का फ़ोन चेक कर रहे थे उनमें से एक डॉक्यूमेंट था जिसमें सिर्फ uk08डी२०४२ लिखा था

रीसो :-मुझे कुछ समझ नहीं आया?

रूद्र :- यार भाई ऐसी गाड़ियों के नंबर का रजिस्ट्रेशन 2026 के बाद नहीं हुआ और आजकल इस टाइप की गाड़ियां खासकर पेट्रोल की गाड़ियां ज्यादा यूज़ नहीं होती है,

रिसो :- अजीब बात तो है और जरा उसके बारे में डिपार्टमेंट से पता लगाओ की जय और राजीव कौन से को इन्वेस्टिगेट कर रहे थे.

रूद्र :- ठीक है

रिसो :-और इस ऋत्विक को पकड़ो इसने यंत्र बनाने में मदद की थी इसे कुछ ना कुछ तो पता ही होगा.

रिसो और रुद्र ऋत्विक के घर जाते हैं..

ऋत्विक बहुत डरा रहता है रिसो और रूद्रउससे मिलते हैं .

रिसो :-ऋत्विक तुम अपनी मैडम के साथ किसी यंत्र पर काम कर रहे थे?

ऋत्विक :-सर समय भंवर पर.

रिसो :-यह क्या है?

ऋत्विक :- यही तो असली फसाद की जड़ है .मैडम जी ने अपना समय बदलने के लिए यहां यंत्र बनाया उन्हें पता चल गया था कि आखिर राजीव गायब कैसे हुआ ..स्नेहा के मामा के मरने के बाद खुद स्नेहा ने इस यंत्र को इस्तेमाल किया और गायब हुई .

सर एक व्यक्ति जो अपने आप को सी-आर कहता है वह 9 अरब साल पहले भविष्य से आया है उसने बताया कि अगर किसी ने भी गायत्री वल्लभ से संबंधित घटना को बदलने की कोशिश की तो वहां उस समय को खत्म कर देगा. जया मैडम और इस सी-आर ने यलो नोटबुक और यूके०८ डी2042 का जिक्र भी किया है

रिसो :- इसका मतलब क्या हुआ?

ऋत्विक :- मैडम के अनुसार uk08 डी२०४२ फाइल है जिसमें वह सब सबूत है जिस केस को जय और राजीव संभाल रहे थे, और सी-आर के मुताबिक यहां गायत्री द्वारा बनाया गया निर्देशांक है.

रिसो :- गायत्री कौन है ?

ऋत्विक :-यह मर चुका है २०२७ में, इसने एक निर्देशांक होने की परिकल्पना की है जहां दुनिया खत्म होने पर जाया जा सके.. जिस दिन वो तीनो मरे मैं वहां था

रूद्र :-किसने मारा था ?

ऋत्विक :-जया और स्नेहा आंटी को विजय ने मारा था .और विजय को सी-आर ने मारा फिर अचानक एक लूप खुला सी-आर ने मुझे भागने को कहा…. मैं भागा और छुप गया और देखता रहा सी-आर ने भी एक लूप खोला और गायब हो गया विजय को लेकर,, फिर उन लोगों ने एक बॉक्स उस लाश के पास रख दिया और वह भी चले गए ..

रुद्र:- कौन लोग ?

ऋत्विक :- पता नहीं पर वो भी लूप से ही कहीं से आये थे और वो सी-आर को मरना चाहते थे.

रिसो:- रूद्र, यह केवल मर्डर केस नहीं हैं .. कुछ और कुछ तो ऐसा है जो बहुत बड़ा झोल चल रहा है ?

रूद्र:- ये जो ऋत्विक है ये बोल रहा है कि स्नेहा भी समय में पीछे गयी..

रिसो:- ऋत्विक , यहां बताओ कि स्नेहा कहां गई?

ऋत्विक :- समय भंवर में फंस चुकी है.

ऋत्विक उन्हें सारी बात बता देता है

रिसो :- अच्छा ,तो जब तक समय बदला नहीं जाता तब तक स्नेहा वर्तमान में नहीं आ सकती,

ऋत्विक :- बिल्कुल ठीक.

१९ जनवरी 2039

अंकित का घर कोटद्वार

“ हेलो नेगी जी जैसा आपने कहा था वैसा ही हुआ

नेगी जी:-क्या उस परग्रही ने बताया कि आखिर यहां तत्व क्या है ?

अंकित:- उसने बताया पर वह कमजोर हो चुका है.

नेगी जी :- कैसे?

अंकित :-उसने कहा कि यह मेरा शरीर नहीं है वह कहता है कि उसका नाम रोश है

नेगीजी :- तुम ऐसा काम करो उसके पास ज्यादा ना रहो उसके पास असीम ताकत है.

नेगी जी अंकित के पास पहुंचते हैं और दोनों उससे पूछताछ करते हैं.

अंकित :- हां तो अब बताओ तुम कुछ कह रहे थे .

रोश:- मेरा नाम रोश है और यहां शरीर जो मर चुकी है जिसके अंदर मैं हूं यह कोई एलिमेंट नाम का व्यक्ति है अंकित :-यह बात सच है या शरीर मर चुकी हैं ,तुम इस शरीर को कैसे नियंत्रित कर पा रहे हो?

रोश:- मैं अपने पिताजी की तलाश में आया था हमें 10 सुपर पावर में से एक मिली.. मैंने सोचा उसकी लाश लेने उसके साथी आएंगे तो अपने ग्रह के तत्व को उसके पास रखा.. परंतु पृथ्वी के सिपाही आते हैं और वह तुम्हारे पास भेजते हैं हम दो बॉक्स अपने साथ लाए थे ..परंतु एक व्यक्ति हमें मिला जिसमें वही सुपर पावर थी परंतु वह बहुत तेज और शक्तिशाली था .उसने हमसे यहां तत्व छीना पर वह इस तत्व को संभाल ना पाया जब उसका नियंत्रण खुद से हटने लगा तो मैं उसके शरीर में घुस गया..

नेगी जी:- तो क्या चाहते हो और यह बताओ यह तत्व क्या है ?

रोश:- यह तत्व आज से ४.५ अरब साल बाद महाटकराव से उत्पन्न होगा जब तुम सब का नामोनिशान खत्म हो जाएगा ..

अंकित :-अपने प्रयोग के लिए यह नमूना ठीक है हमें अपना ए.आई इस पर ही इस्तेमाल करना होगा ..

अंकित कुछ देर कोशिस करने के बाद उसमें एआई को इंस्टॉल करता है… इंस्टॉल होते ही रोश बहुत ताकतवर हो जाता है वह अपने असली रूप में आने लगता है ..टम्टा व नेगी इसे देख चौक जाते हैं.

अंकित :- यहां तो रूप बदल रहा है.

रोश :- पृथ्वी वासी बहुत-बहुत धन्यवाद आपका जो आपने हमें इतना ताकतवर बनाया मगर यह क्या चीज है हम इंसानों की तरह हो गए हैं और जानकारियां जैसे मुझे असीम आ चुकी है.

नेगी जी :- ये ऐ.आई क्या करता है?

अंकित :- यह एआई किसी भी चीज को ऐड करके उसे मॉडिफाई और नेक्स्ट लेवल पर ले जाता है मतलब यह जो भी है अपने हर मूव के बाद खुद सीखता रहेगा और ताकतवर होता जाएगा.

रोश :- देखो यह मैं हूं रोश एन्सेलेडस का राजा..पृथ्वी को भी समय से पहले खत्म करूंगा,

वहीं दूसरी तरफ रुद्र और रिसो को आई.ए.एस पर्णवीता का फोन आता है

पर्णवीता :-रूद्र तुम मीटिंग के लिए सबको बुलाओं दो आईएएस मारे जा चुके हैं.

रूद्र :- ठीक है सर!

अवधेश का घर

“कभी-कभी तो आते हो …चलो अब तुम्हारी पोस्ट उत्तराखंड में लग गई है”

अवधेश :- पर मैंने अभी हिमाचल प्रदेश नहीं छोड़ा.

“ अभी कहां जा रहे हो?”

अवधेश :-कोई केस है…

रिसो :- हेलो अवधेश सर आप को शाम 6:00 बजे बुलाया गया है

अवधेश पर्णवीता और बाकी पुलिस डिपार्टमेंट ऋषिकेश में मीटिंग में पहुंचते हैं

पर्णवीता:- पहले तो मैं आप सभी को बता दूं कि आप सभी को यहां इसलिए बुलाया गया है क्योंकि रहस्यमय तरीके से कर्नाटक फिरपुणे में आईएएस ऑफिसर की मौत हुई है. और यहां दोनों एक ही केस पर कार्य कर रहे थे (पर्णवीता एक स्लाइड दिखाता है) देखिए यह बॉक्स.. (बक्से को देख रुद्र और रिसो चोंक जाते हैं) इस बक्से में क्या है हम नहीं जानते? पर आई जी सी ए आर में अचानक 3008 अरब रुपये आए हैं.. कहां से आए और किसने दिए पता नहीं? आई जी सी ए आर का सीधा कहना है कि हमारे पास इतना सारा पैसा कहां से आया नहीं पता …..जब यह दो ऑफिसर इस चीज की जांच करने गए तो वह रास्ते में रह्श्यमयी तरीके से मारे गए इन दोनों ऑफिसर ने रिपोर्ट तैयार की थी.. अभी दिसंबर 203८ में ही आईआईटी खड़कपुर ने एक बॉडीगार्ड को रखा है जो डेलप्लेक्स के एक हेड क्वार्टर की रक्षा करता है जो कि अजीब बात है ..आईआईटी ऐसा क्यों करेगी .?

अवधेश आप भी इस केस को संभाले क्योंकि कुछ तो बहुत बड़ा घपला हो रहा है जो हम नहीं जानते हैं.

अवधेश:- सर ऐसा करें मेरा ट्रांसफर रोक दें और सिर्फ यह बताएं कि अवधेश प्रसाद का ट्रांसफर उत्तराखंड हो चुका है और मैं हिमाचल में ही रहकर इस केस को देखता हूं

पर्णवीता :-ठीक है .

अवधेश :-एक बात बताएं हम डेलाप्लेक्स में जाकर पता कर लेते हैं कि आखिर हेड क्वार्टर में क्या छुपाया है पर्णवीता :-इतना आसान नहीं है. वह बॉडीगार्ड है माना जाता है वह कोई सुपर पावर लिए हुए हैं और अगर उससे बचे तो पूरी जगह ही मशीन है और इन मशीनों को जान दी है इन 2 लोगों ने …. पर्णवीता स्लाइड में दो व्यक्तियों ली इमेज दिखता हैं

अवधेश :-इनमें से एक को मैं जानता हूं इसका नाम शुभम कुमार है .

पर्णवीता :- कैसे जानते हो तुम?

अवधेश :- हम स्कूल में दोस्त थे अभी भी है ..

पर्णवीता :-तो पता करो अब तो यहां केस तुम्हें ही देना पड़ेगा .

तभी रिसो और रूद्र उठते हैं “सर जिस बॉक्स की आप बात कर रहे हैं ऐसा ही बॉक्स हमें एक मर्डर केस के पास मिला ,

रुद्र और रिसो उसे केस के बारे में बताते हैं

पर्णवीता:- तो तुम्हारे अनुसार वह 3 लोग मरे और दो लाश मिली और जब तुमने वह बॉक्स लैब में दिया तो उन्होंने बॉक्स नहीं दिया बस उसके बारे में बताया..

रिसो :- जी सर ?

पर्णवीता :-अवधेश शायद तुम समझ चुके हो कि आखिर केस कहां से शुरू करना है ..

अगले दिन अवधेश रूद्र के पास पहुंचता है रूद्र और रिसो बताते हैं कि उन्होंने वहां बॉक्स एच् एन बी लैब में भेजा था जहां से उनका मेल आया था कि यहां मामूली केमिकल है.

अवधेश :- रिसो तुम्हें क्या लगता है..? तीन की जगह दो लाश , लोगों का गायब होना, एक सुपर पावर लिए व्यक्ति और एक हेड क्वार्टर जो कि एक मशीन है और अचानक से एक मामूली केमिकल…….. सच में ,,,,,

अवधेश :- मुझे लैब के सभी लोग से बात करनी है जिन्होंने उस बॉक्स की जांच की .

रुद्र उन सभी की डिटेल निकाल कर लाता है

अवधेश:- एचएनबी लैब ओह अंकित टम्टा ..

रूद्र ..यह वही है जिसने रिपोर्ट बनाकर भेजी थी

अवधेश :- वाह एक मशीन बना रहा है और एक रिपोर्ट…. दोनों ही पहचाने हुए चेहरे हैं

अवधेश:- अंकित और लैब के हेड नेगी जी को तुरंत वारंट दिया जाए यहां आने का…

अगले दिन

नेगी जी:- इसी का डर था

अंकित :-क्या हुआ है?

नेगी जी :- वारेंट आया है कि जो बक्सा केमिकल था उसकी पूरी जानकारी देहरादून में देनी होगी.. बुलाया है हम दोनों को..

अंकित :- अब क्या करें..? वह तत्व तो रोश परग्रही ले गया. अब हम क्या करें?

नेगीजी:- बस तत्व की तो बात है झूठ बोल देंगे …नहीं तो ओसे चक्कर में ए आई का राज न खुल जाए

अंकित:- ठीक है.

नेगी जी :- 27 जनवरी को बुलाया है सुबह ११ बजे

उसी दिन

अवधेश :-तो बताओ रिसो यह केस इतना अजीब क्यूँ हैं ?

रिसो अवधेश को मर्डर केस की साडी कहानी बताता हैं

अवधेश :- इस ऋत्विक को भी २७ को बुलाओ मुझे इससे बात करनी है यह केस सच में बहुत अजीब है .

अवधेश घर जाता है और सोचता है ,ये केस हैं क्या ? लोग गायब होते हैं ,किसी के पास सुपर पावर है यह आम केस नहीं है, ऊपर से कर्नाटक और पुणे में ऑफिसर की मौत होना शुभम का सॉफ्टवेयर बनाना और अंकित का इन सब में होना बहुत अजीब है …..

२१ जनवरी

अवधेश :- हेल्लो रिसो … ऋतिक को बुलाया जाए..

ऋत्विक को ऋषिकेश के पुलिस स्टेशन बुलाया जाता है

अवधेश वहां पहुंचता है

अवधेश:- ऋत्विक सब सच बताना क्या हुआ था ?

ऋत्विक :-जया से लेकर शांतनु के मरने तक का प्लेन बताता है .

अवधेश :-अच्छा तो जया का मानना था कि शांतनु ही है उस घटना का दोषी है इसलिए वह शांतनु को मारना चाहती थी, परंतु तुम लोगों से पहले किसी और ने उसे मार दिया और यह जानने के लिए कि शांतनु को किसने मारा स्नेहा समय में पीछे गई फिर जब तुम्हें जया ने कॉल करके बुलाया तो उसके साथ जो स्नेहा थी जो एक समय में पहले जा चुकी थी और यह वही स्नेहा है जो समय में पीछे अब गई हैं और फिर एक कुलेंद्र नाम का व्यक्ति तुम्हारे पास आता है जो विजय को मारता है और तुम्हें अपनी असलियत बताता है और बताता है कि अगर गायत्री वल्लभ के बनाए गए घटना चक्र को किसी ने छेड़ा तो कुलेंद्र उन्हें मार देगा …..अच्छा तो यही बात है..

ऋत्विक :-जी सर.

अवधेश:- और तुम्हें वह शख्स बता कर गायब हो गया की स्नेहा ही हैं जो ताकतवर है जो उसके ग्रह को बचा सकती है इसलिए वह तुमसे मदद मांग रहा है कि तुम स्नेहा को समय भंवर से अलग करो .

ऋत्विक :-बिल्कुल ठीक यही बात है परंतु अगर मैंने समय में पीछे जाकर…..

अवधेश :- हा ,, हा हां तुमने घटनाचक्र छेड़ा तो तुम भी मारे जाओगे .

ऋत्विक :-जी हां .

अवधेश:- हवालात में डालो, इसका दिमाग खराब हो चुका है

ऋत्विक :-सर यह सब सच है.

अवधेश:- चुप हो जाओ तुम्हें इलाज की जरूरत है

रिसो उसे ले जाता है

रुद्र:- सर क्या यह सच में बीमार है .

अवधेश:- कहने से तो शायद सही कह रहा है .,.अब यह केस भी देखना होगा मैं इस केस को सिर्फ बॉक्स की वजह से सॉल्व कर रहा हूं दोनों केसो में यही कनेक्शन है वह बॉक्स ….

अवधेश इस केस में उलझ जाता है …….

22 जनवरी गोविंदपुरी घाट

हेमराज:- हां तो आइए साहब क्या हाल हैं आपके,

अवधेश :-भैया नमस्ते!

हेमराज:-ये जगह इतनी खास क्यूँ हैं .?

अवधेश :- उसके हिसाब से इस जगह से पृथ्वी , दुसरे ब्रह्माण्ड से आसानी से संपर्क कर पाती है यह नकारात्मक व सकारात्मक ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है यहां शांति प्राप्त होती है .

हेमराज :- यही बात मुझसे भी कही थी , यहाँ आकार शांति प्राप्त होती हैं तो जन्मदिन के दिन तू यही आते हो .

अवधेश :- उसका मानना था की यह मन शांत होता है क्योंकि……………?

हेमराज :-दुविधा में लग रहे हो?…

अवधेश :- शायद हाँ .?

हेमराज :- तुम्हारा दोस्त होता और वह किसी दुविधा में होता तो पहले क्या करता था?

अवधेश :- उसका अपना अंदाज था वो दुविधाओ को तब तक पकडे रखता था जब तक उसकी जड़ न प्राप्त हो जाए.

हेमराज :- तुम भी ऐसा ही कर लो.

अवधेश :- यह बातें सुनने में ही आसान है.

दोनों अपने अपने घर चले जाते हैं

अवधेश सोचता है यह सही है मुझे हर एक की तह तक जाना होगा, अवधेश रिसो को फोन करता है… की ऋत्विक को छोड़ दो उसके घर वालों से कहो कि आकर अपने बच्चे को ले जाए.

शाम के 8:00 बजे ऋत्विक के पिता आते हैं और उसको साथ में लेकर चले जाते हैं अगली सुबह अवधेश ऋतिक के घर जाता है.अगली सुभ अवधेश ऋत्विक के घर जाता हैं …….

अवधेश :- मैं चाहता हूं कि इस कमरे में केवल ऋत्विक और मैं ही रहे आप सभी बहार चले जाएं .

अवधेश:- हाँ तो ऋत्विक चलो थोड़ी बात करते हैं, यह बताओ कि तुम दोनों शांतनु को बस इसी कारण से मारना चाहते थे कि उसने उन पुलिस वालों को मारा .

जब uk08डी 20४२ की घटना हुई.

ऋत्विक :- और यह कोई घटना नहीं है ये एक निर्देशांक है जो गायत्री वल्लभ द्वारा आगे ले जाने की कोशिश थी और वह सफल हुआ.

अवधेश:- हां तुम यह बता चुके थे, मैंने तुम्हारे कॉलेज में पूछताछ की मैंने जाना तुम किसी को पसंद करते थे. ऋत्विक :-स्नेहा को… इन बातों का समय नहीं है अभी

अवधेश :- और वही है जो सब सही कर सकती है..तुम्हारे मुताबिक

तो मैं अगर गलत नहीं हूं तो तुम जरूर जाओगे उसे वापस इस समय में लाने के लिए …तो बस मेरी बात समझो गायत्री वल्लभ.. इससे बच कर रहना ,तुम अगर सच कह रहे हो तो वापस नहीं आओगे ..यह मुलाकात हमारी आखिरी मुलाकात हैं .

अवधेश वहां से वापस चला जाता है

अवधेश :- रिसो एक काम करो शांतनु की सारी जानकारी निकालो ,यह काम क्या करता था ?

विजय जो मरा पर उसकी लाश नहीं है, इसकी भी जानकारी निकाल दो और बाकी कल अंकित टम्टा से मुलाकात होगी उसके लिए तैयारी करो देखते हैं क्या पता चलता है अवधेश सोचता की uk08 डी 20 42 क्या है ?

ऋत्विक के अनुसार यह निर्देशांक है पर इसका केस क्या संबंध है?

27 जनवरी

अवधेश नेगी जी अंकित से मिलता है

अवधेश :-इतने सालों बाद दिखावह भी एक केस में.

अंकित :-कौन सा केस ?

अवधेश :-मैं तो बताना भूल गया हमें उसकी सही रिपोर्ट चाहिए और वह बक्सा ..

नेगी जी :-बक्सा आपको भेज दिया गया है

अवधेश :-जी पर रिपोर्ट सही नहीं लगी हमे ..

अंकित :-लैब में तुम थे या हम ?

अवधेश आप ही लोग रहे होंगे तभी तो पुच रहा हूँ .. बिल्कुल यही बक्सा हमें कहीं और भी मिला जिसकी सिक्योरिटी बहुत ज्यादा है तो जाहिर सी बात है इसमें कुछ तो होगा ही ना जो बहुत कीमती है.

अंकित:- हमें इसकी जानकारी नहीं बाकी जो रिपोर्ट थी वह आपको दे दी गई है

अवधेश:- हां बिल्कुल सर आप लोगों के आने का बहुत-बहुत शुक्रिया और काफी अच्छा लगा तुम्हें देखकर बातें करके .

नेगी जी:- ठीक है तो हम चले सर.

अवधेश :-रिसो इन दोनों पर भी निगरानी रखो

अंकित और नेगी जी वापस जा रहे होते हैं

नेगी जी :-चलो बला टली

अंकित :-नहीं अब तो शुरू हुई आसानी से नहीं छोड़ेगा ,उसे शक हम पर

नेगी जी :- फिर अब

अंकित :- अब कुछ नहीं हम जानबूझकर सब सही दिखायेंगे

नेगी जी पर क्यूँ ?

अंकित :- आपने देखा नहीं वो रोश, ये सब मामूली नहीं हैं इसलिए मैं इन सब में नहीं पड़ने वाला.

नेगी जी:- ओह शायद भूल रहे हो तुमने ही उसके अंदर ए.आई डाला था समझे.

डेलाप्लेक्स हेडक्वार्टर

नागपुर

एलिमेंट वहां की रक्षा कर रहा था रोश अचानक से उसके सामने आता है और उसे अपनी शक्ति से हवा में उछाल कर फेंक देता है ,एलिमेंट बादलों को नियंत्रण कर उस पर बिजली गिराता है रोश घायल हो जाता है

रोश में मौजूद ए.आई इसे कॉपी कर ऐसा ही दोबारा करता है जिससे एलिमेंट घायल हो जाता है अचानक एक लड़की आकर रोश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर गायब कर देती है.

एलिमेंट :-तुम कौन हो?

मेरा नाम ज्योत्स्ना है मुझे शांतनु ने तुम्हें ढूंढने के लिए कहा था.

एलिमेंट:- उसके पास से ही तो भाग कर आया था मुझे तुम लोगों के पास नहीं रहना तुम सब गुलाम हो पर मैं नहीं

ज्योत्स्ना :- शांतनु मारा जा चुका है.

एलिमेंट :- कब ?

ज्योत्स्ना :- पता नहीं पर वह हम 10 लोगों से कुछ करवाना चाहता था पर अब हम सब आजाद हैं

एलिमेंट :-नहीं यह जो अभी आया यह भी हम 10 लोगों के बारे में जानता है और यह हमें खत्म करने आया है ज्योत्स्ना :- कौन है ये?

एलिमेंट:- रोश 9 अरब साल भविष्य से आया है .

ज्योत्स्ना :- अच्छा पर तुम ताकतवर हो .

एलिमेंट :-यह पृथ्वी पर मौजूद किसी भी तत्व को अपना हथियार बना सकता हूं.

ज्योत्स्ना :- इसलिए तुम्हारा नाम एलिमेंट है.

एलिमेंट:- हां .

हरिद्वार पुलिस स्टेशन.

रीसो :-सर शांतनु एक स्कैम में था जो लोगों को वश कर फिर उनसे सारा पैसा लूटता वह यह काम कैसे करते थे सही रूप से पता नहीं चल पाया परंतु उसका ग्रुप था एमएससी १० जिसमें 10 पावरफुल लोग थे उन 10 लोगों के नाम हमारे पास है चौंकाने वाली बात यह है कि दसवीं स्नेहा थी उसकी भांजी..

अवधेश:- अब आया ना सब राज बाहर तो रिसो यह दो केस नहीं बल्कि एक ही केस है जब जया और स्नेहा की लाश मिली तब यहां बॉक्स आया उसके बाद से ही…. मतलब उसके बाद ही दोनों ऑफिसर मरे.. मतलब ऋत्विक कहानी नहीं बना रहा है, और यह दोनों घटनाएं जुड़ती हैं शुभम कुमार से जिसने डेलप्लेक्स के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करा ..तभी अचानक ऋतिक के घर वाले आते हैं.

“सर ऋत्विक कल से गायब है मिल नहीं रहा .

अवधेश :-क्या……..!

रिसो :- फटाफट पता करो कहां गया आखिर वो.

अवधेश :- सर आप चिंता ना करें हम उसे ढूंढ लेंगे.

अवधेश उनके घर वालों को शांत करता है और उन्हें घर भेजता है .

रिसो :-सर आखिर अब यहां कहां गायब हो गया?

अवधेश हस्ते हुए …… कहते हैं ना इश्क मैं सब कुछ जायज है या तो स्नेहा मिलेगी या फिर कोई भी नहीं…

रिसो :- और ऋत्विक का क्या..

अवधेश :- हमारा दोस्त बड़ा ही नवाब था .

एक उसी का शेर है की..

“उसकी आगोश में थे, कभी सोचा ना था ऐसा होता है क्या

इश्क अगर खुदा लिख दे ……तो पूरा होता है क्या ”

रिसो :- इसका मतलब ऋत्विक घटना को छेड़ने वाला है..

अवधेश :- एक काम करो ये केस तुम देखते रहो …और अंकित पर नजर रखो .

रिसो :-आप कहां जा रहे हैं सर?

अवधेश :-मिलने शुभम कुमार से….. यही है जो दोनों घटनाओं को जोड़ रहा है बाकी ऋत्विक समय में पीछे जाकर सब कुछसही करेगा

रिसो :- और वह सुपर पावर वाले लोगों?

अवधेश :- बस अंकित पर निगरानी रखो सब राज खुलते जाएंगे ………………

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