Posts "माँ" - काव्य प्रतियोगिता 505 authors · 505 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Tripti Nema Mahule 22 Nov 2018 · 1 min read माँ "माँ"...माँ तुम मात्र देह नहीं , तुम भाव हो माँ...तुम ईश का स्वभाव हो माँ...तुम भगवान के ह्रदय से स्फुटित सुमधुर स्तुतिगान हो माँ...तुम वेद ऋचाओं का सार मंत्रों की... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 29 462 Share Naman 22 Nov 2018 · 1 min read माॅ ओ मेरी माॅ जब में रोता तो मेरी माॅ रोई। जब मे हंसता तो मेरी माँ हॅसी दुनिया मे सबसे प्यारी मेरी माॅ। "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 25 680 Share manish kalal 22 Nov 2018 · 1 min read एक माँ ही होतीं है....!! उसे अपना मान, सम्मान और साया मानकर जीवन गुजारने वाली एक मां होती है। एक माँ ही होती हैं....!! एक नन्ही-सी जान को, एक मां अपने कोख में नौ: महिने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 21 1k Share मनीष राईटर 22 Nov 2018 · 1 min read तेरे बिना क्या जीना "माँ" माँ मैं जा रहा हूँ घर छोड़ के याद आएगी तुम्हारी, मिल लेगे नयन बंद कर के I I माँ मैं सदैव बढ़िया रहूँगा, अपना ख्याल रखना तुम्हारा हीरा हूँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 36 627 Share Deep Shikha Bhardwaj 22 Nov 2018 · 1 min read माँ,तुम कहाँ हो जाड़ों की अलस्सुबह में आँगन में उतरती धूप में माँ तुम हो गर्मियों की चुभन में चलती ठंडी पुरवाई में माँ तुम हो बरखा की पहली बूंदों में आती मिट्टी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 26 535 Share GIRDHARI LAL NAI 22 Nov 2018 · 1 min read मॉ हर किसी का संसार होती है मां इस संसार की पहली रोशनी होती है मां खुद को भुलकर हमे सजोती है वो होती है मां हमरा हर कष्ट खुशी से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 48 599 Share Rituja Baghel 22 Nov 2018 · 1 min read माँ अभी-अभी तो सोई थी अभी-अभी वह जाग गया, माँ की उनींदी आँखों से सुन्दर सा सपना भाग गया , छिल चुकी छाती से अपने नन्हे को लगाती है, माँ कितनी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 41 1k Share Priya Goyal 22 Nov 2018 · 1 min read माँ ऐसी है मेरी माँ माँ केवल शब्द नही अह्सास है उसका हर शब्द स्वयं इश्वर की आवाज है माँ कमजोर नही, शक्ति है आग है।जब जलती है तब अग्नि में... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 45 727 Share Deepa Dhawan 22 Nov 2018 · 1 min read माँ एक सीप देखा है तुमने कभी क्या सीप को लाकर करीब नाम से होगे वाकिफ पर बात कहनी है अजीब बाहर भले है भूरी काली बदरंग खुरदुरी मटमैली पर अंदर सपाट चिकनी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 19 54 2k Share Santosh Shrivastava 21 Nov 2018 · 1 min read माँ को नही चाहिए सहानुभूति मत करो माँ की पूजा मत ले जाओ माँ को तीर्थ यात्रा पर मत धोओ माँ के पैर मत रखो माँ से सहानुभूति माँ को तो बस अपने साथ रखो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 28 479 Share Sarika Kashyap 21 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ, तेरे जाने के बाद मुझे, ना जाने क्यूँ ऐसा लगता है। ईश्वर से क्या माँगूँ भला? वो पत्थर जैसा लगता है। गिर जाती हूँ थक कर मैं, आकर मुझे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 35 1k Share Ram Karan 21 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ 'माँ!' शीर्षक है या सुई? या नरम मुलायम मरहम की रुई मैंने सिर पटका, माँ को हुआ खटका मैंने नोचा-खरोंचा और वह मुस्काई मैंने नही खाया, वह गुस्साई। मै... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 71 753 Share Kapil jain 21 Nov 2018 · 1 min read माँ एक मुट्ठी तुम्हारी सौम्यता एक चुटकी मुझ सा गुस्सा भी थोड़ी सी मेरी खीझ थोड़ी अपरिपक्वता कुछ कतरे तुम्हारे धैर्य के थोड़ी मुझ सी बेसब्री चंद छींटे तुम्हारा इश्क़ कुछ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 27 781 Share Devki Bhatt 21 Nov 2018 · 1 min read मेरी मां वो मेरी हर बात पर हर वक्त "हां" कहती रही भाव मेरे मन के थे उसकी जुबां कहती रही मैं दुवाओं में यहां ईश्वर से जो भी मांगता सब तुझे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 26 497 Share Shweta Thakur 21 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ से बढ़कर कोई नहीं है इस मिथ्या संसार में, गर्भ नाल से जुड़ी हुई है बच्चों के आहार में। अपने हिस्से की रोटी भी बच्चों को दिलवाती है, भूख... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 62 949 Share babita shekhawat 21 Nov 2018 · 1 min read प्यारी होती है माँ अनमोल से भी अनमोल होती है माँ , बच्चे को चोट लगने पर रोती है माँ। क्या कहे इन्हें इतना प्यार दिखाती है माँ , भगवान का दूसरा रूप कहलाती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 105 1k Share Sarswati Kumari 21 Nov 2018 · 1 min read भाव की शुचि धार है माँ! प्रेम की साक्षात प्रतिमा,वेद की भाषा धरा पर, भाव की शुचि धार है माँ! नेह की शुचि धार देकर,सींचती हैं माँ तनय को, हर्ष पूर्वक झेल लेतीं ,राह के सारे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 46 1k Share राजीव थेपड़ा 21 Nov 2018 · 2 min read माँ 19/ माँ जो होती है ना ! वो क्या होती है,ये कोई नहीं जानता वो भी नहीं,जो माँ है गर्भ में बीज के पड़ते ही एक तिलिस्म हो जाती माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 31 606 Share sourabh sharma 21 Nov 2018 · 1 min read माँ *माँ* माँ जिसे भगवान से भी बढ़कर मानते हैं हम, माँ कितना पवित्र और पावन है ये शब्द, वो कष्ट सभी सह लेती है, पर संतान हो कष्ट नहीं होने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 54 863 Share Shirin Bhavsar 21 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ पार करने के बाद देहरी तेरी ज़िद और अल्हड़पन के पर्दे सरक गए हैं सपनो में जीने वाली ये गुड़िया तेरी अब अपनो की आँखों में सपने भरने लगी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 41 850 Share Laxminarayan Upadhyay 21 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ तुमको मैं कैसे लिख दु तुम शब्दो मे कैसे आओगी … अपना सबकुछ देकर बस मुझमे खुद को पाओगी .. माँ तुमको मैं........ कैसे बिताये हैं तुमने वो दिन... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 50 1k Share Ajeet Malviya Lalit 21 Nov 2018 · 1 min read माँ कर्ण को जो शांति दे, वीणा का वो मधुर क्रंदन हो तुम। मेरे ह्दय बाग कि, महकती कुमुदिनी हो तुम। कुण्ठित अस्तगामी इंसान को, जो बचा सके वो पतवार हो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 26 435 Share Rainy Sharma 20 Nov 2018 · 1 min read माँ उसकी हर इक बात निराली लगती है। सूरत हरदम ईद दिवाली लगती है। कैसे पिरों दूँ शब्दों में उसकी ममता माँ मेरी पूजा की थाली लगती है। आँचल में छुपा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 40 739 Share Anju ( Ojhal ) 20 Nov 2018 · 1 min read मां तुम आईना बन जाओ ना मां तुम आईना बन जाओ ना मैं अपना अक्स देखूंगी यह जिंदगी चिलमिलाती धूप सी लगती है मां तुम ठंडी छांव बन जाओ ना हर तरफ दुख:का साया घेरना चाहता... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 38 814 Share Kalpana Gavli 20 Nov 2018 · 1 min read माँ कड़ी धूप में, जाड़े में, बारीश में, कभी रुकती नहीं, माँ की इबादत, है धरती –सी तू, सारे जहाँ का बोझ उठाती हुई, संवेदनाओं में बहती-सी, रसातल करती अपनों को,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 82 762 Share Raaj Kavi 20 Nov 2018 · 1 min read माँ ! तुम ही तो थी... शून्य से आती हुई, विधु तक जाती हुई, ज़िन्दगी की व्यथा भरी, इस दुनिया की संकरी, पाषाण पूर्ण राहों में, जिसने सही रस्ता दिखाया, तुम ही तो थी जिसने मुझे,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 32 652 Share Dev Anand 20 Nov 2018 · 1 min read ममता बहोत सुहाना ज़िन्दगी का सफर होता है माँ का आँचल सर पे हो तो असर होता है। कट जाती हैं बलाएँ, उसके परछाईं के छुवन से मां के गोद मे... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 25 375 Share विभा शुक्ला 20 Nov 2018 · 1 min read मां माँ रोपति है बेटियों के अंदर "माँ" अनजाने में पनपती जाती है बेटियों के अंदर "माँ" किचेन की लिस्ट बनाना, सबके जन्मदिन को याद रखना बच्चों के स्कूल की ड्रेस,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 33 392 Share मुकेश पटेल 19 Nov 2018 · 1 min read माँ की महिमा (दोहे) माताजी के चरण की, महिमा रही अपार। बस भगवन के रूप में, मुझे दिखी हर बार।। माताजी के चरण है, हर भगवान से खास। अब गुरुर कैसे करूं, बैठा नहीं... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 28 805 Share Arti Ojha 19 Nov 2018 · 1 min read विषय - "माँ" माँ कोख तेरी स्वयं में पूर्ण ब्रह्मांड है असीम शक्तियों से करती तू नवनिर्माण है करती प्रकाशित हमें, होकर तू प्रज्ज्वलित तेरी जड़ों और छावं से होते हम नित पल्लवित... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 38 760 Share मेराज रज़ा 19 Nov 2018 · 1 min read मां सबसे खूबसूरत, सबसे हसीन, सबसे नायाब, सबसे बेहतरीन, तोहफ़ा है मां! इस जहां से, जमीं-आसमां से, खूबसूरत शमां से, आला व अव्वल, ओहदा है मां! न मलाल रहे, यह ख्याल... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 90 716 Share AJAY AMITABH SUMAN 19 Nov 2018 · 1 min read धरती पे माँ कहलाती है आओ एक किस्सा बतलाऊँ,एक माता की कथा सुनाऊँ, कैसे करुणा क्षीरसागर से, ईह लोक में आती है?धरती पे माँ कहलाती है। ब्रह्मा के हाथों से सज कर,भोले जैसे विष को... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 34 445 Share अविनाश तिवारी 19 Nov 2018 · 1 min read माँ हे माँ।कठिन है करना,तुम्हे शब्दों में वर्णित। हूँ निर्मित तुमसे तुमसे ही है,ये जीवन चलित। हे जननी। सृष्टि का सार तत्व,है तुममे समाहित। लेकर तुम्हारी कोख से जन्म,हुआ मै अनुग्रहित।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 37 887 Share Sarika Moondra 19 Nov 2018 · 1 min read माँ -- जीवन का व्याकरण है हर भाषा के लिए, निर्धारित एक व्याकरण क्या होता है…. ? फिर आखिर , जिंदगी की भाषा का व्याकरण…. स्वयं की संज्ञा में,कौनसी भरें विशेषता , उसके लिए आखिर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 47 1k Share Guru Virk 19 Nov 2018 · 1 min read माँ - जीवन का आधार एक महान मूरत है माँ, भगवान का जीवंत रूप है माँ, निराधार है ये मेरा जीवन अपने हाथों से तिनका तिनका पिरो कर आधार बनाती है माँ दुखों के अंधकार... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 29 1k Share Mohan Bamniya 19 Nov 2018 · 1 min read माँ ही जन्नत माँ जिसे जुबां से पुकारने मे ही मिले राहत है । माँ जिसके चरणो मे ही है मिले जन्नत है । माँ ममता का जीता जागता स्वरूप है । माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 38 969 Share निहाल छीपा 19 Nov 2018 · 1 min read माँ की भगवद्भक्ति माँ की गोद में जब मैंने नयनाभिराम खोले थे । माँ ने अपने मुख से पावन शब्द सीताराम बोले थे ।। माँ को सीताराम पतित पावन शब्द अतिप्यारा है ।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 38 685 Share Soni Kedia 19 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ --------- माँ जो तू न होती मैं क्या करती.. कौन मुझे लोरी सुनाता । कौन मुझे चलना सीखाता । कुछ नहीं हैं दुनियाँ मे..ं अगर माँ नहीं तो !!... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 41 501 Share Anita Sudhir 19 Nov 2018 · 1 min read माँ कोई शब्द नहीं जो तुमको बयान करे लेखनी की बिसात नहीं जो तुम्हे परिभाषित करे अम्बर ये कागद हो जाये तब भी तुम लिखी न जाओ तुम असीमित अपरिमित रोम... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 36 908 Share Abhilasha Singh 19 Nov 2018 · 1 min read माँ" ईश्वर से बढ़कर माँ तेरे से बढ़कर दुनिया मे न कोई पाया है ईश्वर को किसने देखा पर माँ से ही सब पाया है तेरी ही खून पसीने से माँ जग दुनिया को... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 47 487 Share Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे 18 Nov 2018 · 1 min read मां गंगा युगों युगों से इस धरती पर अपना प्यार लुटाती गंगा || अमृत जैसे जल को देकर तन मन शुद्ध बनाती गंगा || उपजाऊ मैदान बनाकर सोने को उपजाती गंगा ||... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 41 1k Share GOURAV SINGHAL 18 Nov 2018 · 1 min read "जो मां से प्यार करता है" मां वो सच्चा मोती है ,जो अंधेरे में भी चमकता है। कभी नहीं वह हार सकता, जो मां से प्यार करता है।। अपनी खुशियां त्याग कर, तेरी इच्छा पूरी करती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 20 626 Share Talvindra Kumar 18 Nov 2018 · 2 min read माँ 'माँ' कहाँ से शुरू करु मैं, तुझें लिखना जब कोख में था मैं तेरे, तब से करू या फिर जब मैंने इस जहां में अपनी जिंदगी की पहली साँस ली... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 36 791 Share सुरेखा अग्रवाल 18 Nov 2018 · 1 min read माँ प्रथम प्रस्तुति .. आयोजन विधा...छंदमुक्त विषय ..माँ क्या लिखूँ तुम्हे शब्दों मे कहाँ समाहित होगा तुम्हारा अस्तित्व लफ्ज़ो मे नही बाँध पाऊँगी तुम्हे एक दिन का रिश्ता कहाँ हम दोनों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 46 833 Share Amrawati Gupta 18 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ... आँसू भी रो देते हैं जब , याद तुम्हारी आती है , बेहाल हमें कर देते हैं ,जब याद तुम्हारी आती है .... ओ माँ मेरी एक बार तो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 64 913 Share Kavi Nagendra Gurjar 18 Nov 2018 · 1 min read मां की महिमा मां ईश्वर के प्रति छाया मां करुणता की काया मां विधि का वरदान मां कभी कोमल तो कभी चट्टान, कभी वह तोड़ती पत्थर, हुई निराला का गान, मां स्वप्नरूपी चुनर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 28 694 Share Sunita Rajiv 18 Nov 2018 · 1 min read ll घर की अमावस का प्रदीप प्रबल -माँ ll घर की अमावस का प्रदीप प्रबल लड़े अंधियारे से, वो दीप है माँ! बन दीपावली जो करे जगमग जीवन सबका, वो उत्सव माँ! है छांव कभी,कभी धूप भी है पर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 36 1k Share विवेक दुबे "निश्चल" 18 Nov 2018 · 1 min read माँ तु , मुझे, बहुत याद आती है । ज़िंदगी जब भी, मुँह चिढ़ाती है । माँ तु , मुझे, बहुत याद आती है । वक़्त के, तूफान में, कश्ती डगमगाती है । यादों में तु , पतवार मेरी,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 71 422 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 18 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माँ मैं जब रोता था तू बेचैन हो जाती मेरी खुशियों की खातिर दुनिया समेट लाती अपने दामन में जो भी मेरी चाहत की जिद्द होती , तेरी कोशिश... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 26 599 Share Ranjana Mathur 18 Nov 2018 · 1 min read माँ ये माँ की दुआ का असर है ग़म क्या है मुझे ना ख़बर है। देखे जिस जगह सिर्फ ख़ुदा माँ की उस जगह भी नज़र है। जिसके सिर पर न... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 25 1k Share Previous Page 3 Next