Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2018 · 1 min read

माँ

एक मुट्ठी तुम्हारी सौम्यता
एक चुटकी मुझ सा
गुस्सा भी
थोड़ी सी मेरी खीझ
थोड़ी अपरिपक्वता
कुछ कतरे तुम्हारे धैर्य के
थोड़ी मुझ सी बेसब्री
चंद छींटे तुम्हारा इश्क़
कुछ बूँदे मेरा जुनून
मुस्कराहट तुम्हारी
आँखें भी तुम सी ही
चमकीली – गहरी काली
रँग दोनों का मिला जुला
गर्भ की गीली मिट्टी से
एक नयी सृष्टि गढ़ रही हूँ इन दिनों !
तुझे ही जन्म दे कर इक रोज़
मैं नया जन्म लेने जा रही हुं…
मैं माँ बनने जा रही हुं….

कपिल जैन

2 Likes · 27 Comments · 659 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आओ आज तुम्हें मैं सुला दूं
आओ आज तुम्हें मैं सुला दूं
Surinder blackpen
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
हाइकु
हाइकु
Prakash Chandra
दोस्ती का तराना
दोस्ती का तराना
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
1-अश्म पर यह तेरा नाम मैंने लिखा2- अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा (दो गीत) राधिका उवाच एवं कृष्ण उवाच
1-अश्म पर यह तेरा नाम मैंने लिखा2- अश्म पर मेरा यह नाम तुमने लिखा (दो गीत) राधिका उवाच एवं कृष्ण उवाच
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
💐प्रेम कौतुक-502💐
💐प्रेम कौतुक-502💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दीपावली की असीम शुभकामनाओं सहित अर्ज किया है ------
दीपावली की असीम शुभकामनाओं सहित अर्ज किया है ------
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
वही है जो इक इश्क़ को दो जिस्म में करता है।
Monika Verma
जिस कदर उम्र का आना जाना है
जिस कदर उम्र का आना जाना है
Harminder Kaur
क्रोधी सदा भूत में जीता
क्रोधी सदा भूत में जीता
महेश चन्द्र त्रिपाठी
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
कवि रमेशराज
*****श्राद्ध कर्म*****
*****श्राद्ध कर्म*****
Kavita Chouhan
अमृत वचन
अमृत वचन
Dinesh Kumar Gangwar
"चुनाव के दौरान नेता गरीबों के घर खाने ही क्यों जाते हैं, गर
दुष्यन्त 'बाबा'
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
gurudeenverma198
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
तुम मन मंदिर में आ जाना
तुम मन मंदिर में आ जाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पिया मिलन की आस
पिया मिलन की आस
Kanchan Khanna
" यही सब होगा "
Aarti sirsat
" दौर "
Dr. Kishan tandon kranti
शायरी 2
शायरी 2
SURYA PRAKASH SHARMA
निरीह गौरया
निरीह गौरया
Dr.Pratibha Prakash
23/33.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/33.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
सच
सच
Sanjay ' शून्य'
उम्र निकलती है जिसके होने में
उम्र निकलती है जिसके होने में
Anil Mishra Prahari
आज हम जा रहे थे, और वह आ रही थी।
आज हम जा रहे थे, और वह आ रही थी।
SPK Sachin Lodhi
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
Shweta Soni
Loading...