Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2018 · 1 min read

मां गंगा

युगों युगों से इस धरती पर
अपना प्यार लुटाती गंगा ||

अमृत जैसे जल को देकर
तन मन शुद्ध बनाती गंगा ||

उपजाऊ मैदान बनाकर
सोने को उपजाती गंगा ||

लें संकल्प न फेंके कचरा
निर्मल है पावन है गंगा||

नादानों मत करो प्रदूषित
जीवनदाई मां है गंगा ||

द्वारा-:
डॉ रीतेश कुमार खरे ‘ सत्य’
मोहल्ला कटरा बरुआसागर
जिला झांसी उत्तर प्रदेश
पिन कोड 284201
मोबाइल संख्या 9935296788

6 Likes · 41 Comments · 1037 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
आम आदमी
आम आदमी
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
आकर फंस गया शहर-ए-मोहब्बत में
आकर फंस गया शहर-ए-मोहब्बत में
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
2544.पूर्णिका
2544.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*
*"माँ"*
Shashi kala vyas
साया
साया
Harminder Kaur
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
SURYA PRAKASH SHARMA
अखंड भारत कब तक?
अखंड भारत कब तक?
जय लगन कुमार हैप्पी
Suno
Suno
पूर्वार्थ
प्रेम जीवन धन गया।
प्रेम जीवन धन गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ईश्वर ने तो औरतों के लिए कोई अलग से जहां बनाकर नहीं भेजा। उस
ईश्वर ने तो औरतों के लिए कोई अलग से जहां बनाकर नहीं भेजा। उस
Annu Gurjar
*राजा राम सिंह का वंदन, जिनका राज्य कठेर था (गीत)*
*राजा राम सिंह का वंदन, जिनका राज्य कठेर था (गीत)*
Ravi Prakash
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम
Anil chobisa
" मुरादें पूरी "
DrLakshman Jha Parimal
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
अनुभूति, चिन्तन तथा अभिव्यक्ति की त्रिवेणी ... “ हुई हैं चाँद से बातें हमारी “.
Dr Archana Gupta
अपने आमाल पे
अपने आमाल पे
Dr fauzia Naseem shad
शहद टपकता है जिनके लहजे से
शहद टपकता है जिनके लहजे से
सिद्धार्थ गोरखपुरी
भारत वर्ष (शक्ति छन्द)
भारत वर्ष (शक्ति छन्द)
नाथ सोनांचली
पैगाम डॉ अंबेडकर का
पैगाम डॉ अंबेडकर का
Buddha Prakash
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
मिला है जब से साथ तुम्हारा
मिला है जब से साथ तुम्हारा
Ram Krishan Rastogi
ज़िंदगी चलती है
ज़िंदगी चलती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
VINOD CHAUHAN
■ क़ायदे की बात...
■ क़ायदे की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
"ढाई अक्षर प्रेम के"
Ekta chitrangini
बड़ा ही सुकूँ देगा तुम्हें
बड़ा ही सुकूँ देगा तुम्हें
ruby kumari
मेरा अभिमान
मेरा अभिमान
Aman Sinha
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
_सुलेखा.
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
~~तीन~~
~~तीन~~
Dr. Vaishali Verma
Loading...