Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2024 · 1 min read

अपने आमाल पे

अपने आमाल पे रहे नज़र अपनी ,
ज़िन्दगी से न फिर शिकायत हो ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
5 Likes · 33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
कवि दीपक बवेजा
विश्व जनसंख्या दिवस
विश्व जनसंख्या दिवस
Bodhisatva kastooriya
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
जब कोई न था तेरा तो बहुत अज़ीज़ थे हम तुझे....
पूर्वार्थ
..........
..........
शेखर सिंह
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
काश तुम्हारी तस्वीर भी हमसे बातें करती
Dushyant Kumar Patel
"तोल के बोल"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िक्र तेरा लबों पर क्या आया
ज़िक्र तेरा लबों पर क्या आया
Dr fauzia Naseem shad
हिटलर
हिटलर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मुझमें एक जन सेवक है,
मुझमें एक जन सेवक है,
Punam Pande
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
🌹🌹🌹शुभ दिवाली🌹🌹🌹
umesh mehra
मोबाइल है हाथ में,
मोबाइल है हाथ में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
देखने का नजरिया
देखने का नजरिया
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
टेढ़े-मेढ़े दांत वालीं
टेढ़े-मेढ़े दांत वालीं
The_dk_poetry
उगते विचार.........
उगते विचार.........
विमला महरिया मौज
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने। देहश्
Satyaveer vaishnav
भूत अउर सोखा
भूत अउर सोखा
आकाश महेशपुरी
महिला दिवस विशेष दोहे
महिला दिवस विशेष दोहे
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
*नाम है इनका, राजीव तरारा*
Dushyant Kumar
🙅कर्नाटक डायरी🙅
🙅कर्नाटक डायरी🙅
*Author प्रणय प्रभात*
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
श्याम सिंह बिष्ट
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
लेकर सांस उधार
लेकर सांस उधार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*माँ : 7 दोहे*
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
उत्कृष्टता
उत्कृष्टता
Paras Nath Jha
दिल में जो आता है।
दिल में जो आता है।
Taj Mohammad
Loading...