Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Nov 2018 · 1 min read

माँ” ईश्वर से बढ़कर

माँ तेरे से बढ़कर दुनिया मे न कोई पाया है
ईश्वर को किसने देखा पर माँ से ही सब पाया है
तेरी ही खून पसीने से माँ जग दुनिया को पाया ह ।
कुछ नही पता दुनिया का चलना तूने ही सिखाया है।
खुद को भूखा प्यास रखकर खाना हमे खिलाया है।

माँ तेरे बढ़कर दुनिया मे ना कोई पाया है।
जग जग कर रातो माँ दूध तूने पिलाया है।
काम भी करती माँ पढ़ना हमे सिखाया है।
सच्चाई का पाठ भी माँ तूने ही सिखाया है
माँ तेरे से बढ़कर दुनिया में न कोई पाया है।

पैसे की तंगी में भी अच्छा खाना खिलाया है।
तेरी त्याग तपस्या को देखकर माँ गला भर आया है
माँ तेरे बढ़कर दुनिया में न कोई पाया है

अभिलाषा सिंह
फोन न 8860610909

5 Likes · 47 Comments · 442 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी, क्या है?
जिंदगी, क्या है?
bhandari lokesh
होठों पर मुस्कान,आँखों में नमी है।
होठों पर मुस्कान,आँखों में नमी है।
लक्ष्मी सिंह
भावनाओं की किसे पड़ी है
भावनाओं की किसे पड़ी है
Vaishaligoel
हरकत में आयी धरा...
हरकत में आयी धरा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान है
हम हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान है
Pratibha Pandey
आदर्श शिक्षक
आदर्श शिक्षक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
👌चोंचलेबाजी-।
👌चोंचलेबाजी-।
*Author प्रणय प्रभात*
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
फोन
फोन
Kanchan Khanna
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
तितली
तितली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पितृ स्तुति
पितृ स्तुति
दुष्यन्त 'बाबा'
You have to commit yourself to achieving the dreams that you
You have to commit yourself to achieving the dreams that you
पूर्वार्थ
काँटा ...
काँटा ...
sushil sarna
जरूरत के हिसाब से सारे मानक बदल गए
जरूरत के हिसाब से सारे मानक बदल गए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
ऐ माँ! मेरी मालिक हो तुम।
Harminder Kaur
"सुखी हुई पत्ती"
Pushpraj Anant
मुक्तक
मुक्तक
Rashmi Sanjay
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं
कर्म परायण लोग कर्म भूल गए हैं
प्रेमदास वसु सुरेखा
वज़ूद
वज़ूद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
क्या सोचूं मैं तेरे बारे में
क्या सोचूं मैं तेरे बारे में
gurudeenverma198
जो लिखा है
जो लिखा है
Dr fauzia Naseem shad
★आईने में वो शख्स★
★आईने में वो शख्स★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
ज़िंदगी के फ़लसफ़े
ज़िंदगी के फ़लसफ़े
Shyam Sundar Subramanian
सफलता का सोपान
सफलता का सोपान
Sandeep Pande
फितरत न कभी सीखा
फितरत न कभी सीखा
Satish Srijan
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
किसी से प्यार, हमने भी किया था थोड़ा - थोड़ा
The_dk_poetry
महान जन नायक, क्रांति सूर्य,
महान जन नायक, क्रांति सूर्य, "शहीद बिरसा मुंडा" जी को उनकी श
नेताम आर सी
"रियायत के रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...