Biography of Manish Mishra World Record Holder Journalist
Manish Mishra World Record Holder
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Mob – 9936404080
मनीष मिश्रा वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर पत्रकार की जीवनी
मनीष मिश्रा का जन्म उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के उस्का बाजार कस्बा में हुआ है। पिता स्वर्गीय ब्रजेश्वर प्रसाद मिश्रा यूपी के ही महाराजगंज जनपद के बृजमनगंज में स्थित महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में प्रवक्ता रहे। मां इंदिरा मिश्रा गृहणी हैं। मनीष मिश्रा 4 भाई बहन हैं। मनीष मिश्रा की प्रारंभिक शिक्षा सिद्धार्थ नगर जनपद में ही हुई, उच्च शिक्षा के लिए गोरखपुर के पंडित दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में दाखिला कराया।
मनीष मिश्रा समाज से जुड़कर समाज के लिए काम करना चाहते थे, इसलिए नौकरी के पीछे नहीं भागे। घर वालों का सपना था कि मनीष मिश्रा प्रशासनिक सेवा की तैयारी करें, लेकिन मनीष को नौकरी करना एकदम पसंद नहीं था। वह स्वतंत्र होकर समाज के लिए काम करना चाहते थे। घर वालों के लाख विरोध के बाद भी समाज सेवा के लिए पत्रकारिता का रास्ता चुना और साल 2007 में प्रमुख समाचार पत्र अमर उजाला की गोरखपुर यूनिट से जुड़े गए।
मनीष ने जब समाजिक क्षेत्र में समाज के लिए काम करना शुरु किया तो पिता भी सपोर्ट करना शुरु कर दिए। एक ही साल में मनीष ने अमर उजाला में ऐसा काम किया कि घर वालों को गर्व महसूस होने लगा। फिर क्या था, मनीष पीछे मुड़कर नहीं देखे। एक से बढ़कर एक बड़े खुलासे किए जिससे मीडिया जगत में मनीष की अलग पहचान बन गई।
साल 2010 में मनीष अमर उजाला को छोड़ अपने ही शहर में हिन्दुस्तान अखबार से जुड़े और महज 5 साल में सफलता की उंचाई को छू लिया। कई बड़ी खबरों से नेम फेम मिलने के बाद मनीष अब अपने काम का दायरा बढ़ाना चाहते थे। वह जिला और मंडल नहीं राजधानी स्तर पर काम कर लोगों की मदद करना चाहते थे। मनीष का यह सपना भी पूरा हुआ और 2015 में मनीष को बिहार की राजधानी पटना में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में राज्य ब्यूरो में काम करने का मौका मिला। मनीष ने 2015 से लेकर 2019 तक दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में कई बड़े खुलासे किए। इसमें प्रमुख रुप से सुपर 30 के आनंद कुमार को एक्सपोज करना था।
मनीष मिश्रा ने सुपर 30 को एक्सपोज कर आनंद कुमार की फर्जी कोचिंग का खुलासा किया। इसके बाद आनंद कुमार पर बन रही सुपर 30 फिल्म न सिर्फ काल्पनिक हुई बल्कि आनंद कुमार को अपनी सुपर 30 कोचिंग भी बंद करनी पड़ी। मनीष का यह अब तक के कई प्रमुख बड़े खुलासे में से एक था। यूपी के नेपाल सीमा पर स्थित पिछड़े जिले सिद्धार्थ नगर से निकलकर मनीष मिश्रा ने बिहार में अपनी अलग पहचान बनाई।
साल 2019 में मनीष मिश्रा ने बिहार के नंबर वन मीडिया ब्रांड हिन्दुस्तान के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत की। बड़े खुलासे और स्टिंग ऑपरेशन के लिए मनीष को हिन्दुस्तान के स्मार्ट में विशेष संवाददाता के रुप में जगह मिली। मनीष ने हिन्दुस्तान में खुद भिखारी बनकर भिखारियों के गैंग का इतना बड़ा एक्सपोज किया कि पूरे देश में मनीष चर्चा में आ गए। बिहार की पत्रकारिता के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब कोई रिपोर्टर खबरों के लिए खुद भिखारी बना और ऐसा खुलासा किया कि पूरा देश चर्चा करने लगा। इसके लिए मनीष को कई बड़े अवार्ड और सम्मान भी मिले।
साल 2020 में मनीष ने बिहार में ही दैनिक भास्कर डिजिटल के साथ अपनी पत्रकारिता की धार को आगे बढ़ाना शुरु किया। कोरोना काल में कई बड़े खुलासे किए। कोरोना की जांच में फर्जीवाड़ा से लेकर वैक्सीन में भी कई बड़ा एक्सपोज किया।
कई बड़े खुलासे के बाद मनीष मिश्रा ने साल 2023 में देश में नवजात बच्चों को चोरी कर बेचने वाले गैंग का खुलासा किया। देश में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी पत्रकार ने स्टिंग ऑपरेशन से नवजात बच्चों को चोरी कर बेचने वाले अंतर राष्ट्रीय गैंग का न सिर्फ खुलासा किया बल्कि 6 मानव तस्करों को गिरफ्तार कराकर 4 दिन की नवजात को भी बरामद किया जिसका बदमाश सौदा कर रहे थे।
मामला पटना हाईकोर्ट पहुंचा और पीआईएल के बाद सीबीआई भी एक्टिव हुई और कई राज्यों में मनीष मिश्रा की तरह बच्चा चोरी कर बेचने वले गैंग को पकड़ा। इस बड़े खुलासे पर मनीष मिश्रा को दैनिक भास्कर ने अर्नलिस्ट ऑफ द ईयर 2023 का अवार्ड दिया। यह अवार्ड पाने वाले मनीष दैनिक भास्कर डिजिटल में इकलौते पत्रकार थे।
साल 2023 में ही मनीष मिश्रा ने पुलिस रिकार्ड में 12 साल पहले मर चुके दारोगा को जिंदा ढूढ निकाला। मनीष ने दो माह की विशेष इंवेस्टिगेशन में दारोगा को जिंदा ढूढ निकाला जिसके बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। मनीष मिश्रा के इस खुलासे के बाद पुलिस विभाग में दारोगा की तलाश चल रही है। कोर्ट और बिहार पुलिस को गुमराह कर पत्नी के हाथाें खुद के मौत का प्रमाण पत्र जमा कराने वाले दारोगा काे एक्सपोज करना आसान नहीं था। मनीष मिश्रा जैसो ही जिद्दी पत्रकार था जो दो माह की इंवेस्टिगेशन में दारोगा को जिंदा ढूढ निकाला।
अपने पत्रकारिता कैरियर में कई बड़े खुलासे करने और लेखनी से समाज को नई दिशा देने वाले मनीष मिश्रा नेशनल अवार्डी रिपोर्टर बन गए हैं। मनीष मिश्रा का नाम एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। साल 2024 में एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में मनीष मिश्रा का नाम शामिल किया गया है, इससे मनीष अब बिहार के पहले ऐसे पत्रकार बन गए हैं, जिनका नाम स्टिंग ऑपरेशन और कई बड़े खुलासे के लिए एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है।
मनीष अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय अपनी पत्नी ममता मिश्रा और बच्चों मानस मिश्रा और मृदुल मिश्रा के साथ पिता ब्रजेश्वर प्रसाद मिश्रा और मां इंदिरा मिश्रा के साथ बड़ी बहन रेनू पांडेय बहनोई परमात्मा पांडेय बड़े भाई संतोष मिश्रा और छोटे भाई आशीष मिश्रा के साथ परिवार के हर छोटे बड़े सदस्य को देते हैं।
माता पिता और पत्नी ने मनीष को बहुत सपोर्ट किया, इस कारण से मनीष मिश्रा बिहार में अपनी अलग पहचान बना पाए। पत्नी और बच्चों को घर पर छोड़कर बिहार में जोखिम भरे स्टिंग ऑपरेशन करने वाले मनीष को हमेशा घर से सपोर्ट मिला। घर वालों ने हिम्मत और साहस दिया जिससे मनीष दिन प्रति-दिन नया इतिहास रचते रहे हैं। मनीष ने बताया उनके जीवन का लक्ष्य समाज और देश के लिए ईमानदारी से काम करना है। वह खबर लिखना नहीं खबरों से खबरों की दुनिया में इतिहास रचना चाहते हैं, जिससे मनीष भी समाज में बदलाव के लिए कुछ प्रतिशत योगदान कर सकें। जेंडर
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Manish Mishra is a Special Correspondent working with Dainik Bhaskar Digital since September 2020 based in Bihar. Manish covers administration, crime, policies, politics, gender issues, sexual crime, gender equality and gender sensitivity. Manish has an experience of over a decade in print, digital and broadcast journalism in Bihar and Uttar Pradesh. Manish holds a Masters in Journalism and Mass Communication. Since 2007 Manish has embraced his journalism. He has worked in innumerable digital platforms invading social issues to national level including Amar ujala, dainik jagran, hindustan and dainik bhaskar. Manish has a record of over 1500 in publishing news at state and national level.