Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2024 · 1 min read

5) कब आओगे मोहन

कब आओगे मोहन

——-
तेरे बिना सूना सूना
सुन मेरे प्यारे कृष्णा।
वृंदावन तुझे पुकारे
गोपी तेरी राह निहारे
सब बनी अब जोगन
कब आओगे मोहन।
*
मन में सोच रही राधा
जीवन क्यों बची आधा।
सखियों को क्या बताऊँ
उर चैन कैसे मैं पाऊँ
नीरस लागे अब जीवन
कब आओगे मोहन ।
*
झूले पर गए बागों में
मेहँदी रच गई हाथों में
बदरा उमड़-घुमड़ आये
गरज गरज हमें डराये
मस्ती में छेड़ जाए पवन
कब आओगे मोहन |
*
बहारों ने ली जो अंगराई है
तेरे प्रेम की ही गहराई है
गेसुएँ निगोरी चूमें गालों को
समझाऊँ कैसे मतवालों को
प्राण तजूं अब मैं बिरहन
कहो कब आओगे मोहन |

–पूनम झा ‘प्रथमा’
जयपुर, राजस्थान
Mob-Wats – 9414875654
Email – poonamjha14869@gmail.com

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 145 Views

You may also like these posts

पहचान
पहचान
Shweta Soni
*रंगों का कारोबार*
*रंगों का कारोबार*
Shashank Mishra
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
तुमसे अक्सर ही बातें होती है।
Ashwini sharma
*तेरे साथ जीवन*
*तेरे साथ जीवन*
AVINASH (Avi...) MEHRA
तुम्हारा यूँ और तुम्हारी बस
तुम्हारा यूँ और तुम्हारी बस
ललकार भारद्वाज
" सोचिए "
Dr. Kishan tandon kranti
गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा
Ram Krishan Rastogi
दोहा पंचक. . . .
दोहा पंचक. . . .
sushil sarna
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
Subhash Singhai
हरीतिमा हरियाली वाली हरी शबनमी घास
हरीतिमा हरियाली वाली हरी शबनमी घास
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
3291.*पूर्णिका*
3291.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आवारा परिंदा
आवारा परिंदा
साहित्य गौरव
हे दीपशिखे!
हे दीपशिखे!
कुमार अविनाश 'केसर'
"सही मायने में तो साथ देते हैं ll
पूर्वार्थ
देवों की भूमि उत्तराखण्ड
देवों की भूमि उत्तराखण्ड
Ritu Asooja
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वासियत जली थी
वासियत जली थी
भरत कुमार सोलंकी
#अभिनंदन-
#अभिनंदन-
*प्रणय*
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
VINOD CHAUHAN
*क्रोध की गाज*
*क्रोध की गाज*
Buddha Prakash
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko...!
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko...!
Srishty Bansal
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*भारत नेपाल सम्बन्ध*
*भारत नेपाल सम्बन्ध*
Dushyant Kumar
माखन चौर
माखन चौर
SZUBAIR KHAN KHAN
आ गया है मुस्कुराने का समय।
आ गया है मुस्कुराने का समय।
surenderpal vaidya
अल्फाज (कविता)
अल्फाज (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
Loading...