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16 Oct 2024 · 1 min read

4666.*पूर्णिका*

4666.*पूर्णिका*
🌷 बहते पानी की तरह 🌷
22 22 212
बहते पानी की तरह ।
रहते रानी की तरह ।।
मचले हरदम देख लो।
आज जवानी की तरह ।।
साथ जहाँ दिल शान भी।
देख कहानी की तरह ।।
चाहत अपनी क्या नहीं ।
जां बलिदानी की तरह ।।
बात यहाँ खेदू समझ।
वक्त नूरानी की तरह ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
16-10-2024 बुधवार

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