4451.*पूर्णिका*
4451.*पूर्णिका*
🌷 आखिर तुम भूल ही जाते🌷
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आखिर तुम भूल ही जाते ।
अपना कुछ भूल ही जाते ।।
याद कराते यहाँ हरदम ।
ध्यान नहीं भूल ही जाते ।।
जीना भी सीख लेते तुम ।
बात जरा भूल ही जाते ।।
दुनिया पागल नहीं देखो।
जानो क्यों भूल ही जाते ।।
सर आंखों में बिठा खेदू।
दामन रख भूल ही जाते ।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
26-09-2024 गुरुवार