Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2024 · 1 min read

युग बदल गया

युग बदल गया

कलयुग में त्रेतायुग आया,अवध विराजे राम।
दर्शन करने दूर देश से,आते लोग तमाम।
साधु संत सब महिमा गाते,भक्त करें जयकार।
त्रेता जैसी लगे अयोध्या,सजा राम दरबार ।

कुछ आते है निज साधन से, कुछ पैदल दिन रात।
कहते सुनते रामकहानी,रामानंदी गात।
खुश होते हैं भारतवासी,सिया राम के राज ।
त्रेता जैसा हुआ नजारा,धर्म नीति जन काज।
बदल गया कलियुग क्यों भाई,करना खूब विचार।
धन्य जन्म अब राम सहारा,जीवन नौका पार।
@

125 Views
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all

You may also like these posts

यह जो मेरी हालत है एक दिन सुधर जाएंगे
यह जो मेरी हालत है एक दिन सुधर जाएंगे
Ranjeet kumar patre
सुन्दरी सवैया
सुन्दरी सवैया
Rambali Mishra
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
डरना हमको ज़रा नहीं है,दूर बहुत ही कूल भले हों
डरना हमको ज़रा नहीं है,दूर बहुत ही कूल भले हों
Dr Archana Gupta
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
सत्य कुमार प्रेमी
मन होता है मेरा,
मन होता है मेरा,
Dr Tabassum Jahan
तुझसे मिलती हूँ जब कोई बंदिश नही रहती,
तुझसे मिलती हूँ जब कोई बंदिश नही रहती,
Vaishaligoel
Kavita
Kavita
shahab uddin shah kannauji
ग्रीष्म ऋतु --
ग्रीष्म ऋतु --
Seema Garg
पहले जैसी कहाँ बात रही
पहले जैसी कहाँ बात रही
Harminder Kaur
Expectations
Expectations
पूर्वार्थ
F
F
*प्रणय*
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हर जरूरी काम ढंग से होने चाहिए...
हर जरूरी काम ढंग से होने चाहिए...
Ajit Kumar "Karn"
शिक्षक दिवस पर चंद क्षणिकाएं :
शिक्षक दिवस पर चंद क्षणिकाएं :
sushil sarna
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
उससे तू ना कर, बात ऐसी कभी अब
gurudeenverma198
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
Lokesh Sharma
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
डॉ० रोहित कौशिक
11, मेरा वजूद
11, मेरा वजूद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
Sunil Suman
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
*पहले-पहल पिलाई मदिरा, हॅंसी-खेल में पीता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
गौमाता मेरी माता
गौमाता मेरी माता
Sudhir srivastava
इश्क़
इश्क़
हिमांशु Kulshrestha
सरसी
सरसी
Dr.VINEETH M.C
हर स्टूडेंट की दर्द भरी कहानी गुप्तरत्न की जुबानी har student ki dard bhari kahani guptratn ki zubani
हर स्टूडेंट की दर्द भरी कहानी गुप्तरत्न की जुबानी har student ki dard bhari kahani guptratn ki zubani
गुप्तरत्न
संवेदना मंत्र
संवेदना मंत्र
Rajesh Kumar Kaurav
3587.💐 *पूर्णिका* 💐
3587.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी का जंग
ज़िंदगी का जंग
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मंजिल तक पहुँचने के लिए
मंजिल तक पहुँचने के लिए
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कौन किसका...
कौन किसका...
TAMANNA BILASPURI
Loading...