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30 Apr 2024 · 1 min read

3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘

3359.⚘ पूर्णिका
🌹 मंजिल बहाना ढूंढ़ती🌹
2212 2212
मंजिल बहाना ढूंढ़ती।
खुशियाँ बहाना ढूंढ़ती।।
ये जिंदगी महके यहाँ ।
दुनिया बहाना ढूंढ़ती।।
दिल की सुने हर बात यूं ।
मुहब्बत बहाना ढूंढ़ती ।।
होता वही जो किस्मत में ।
फितरत बहाना ढूंढ़ती।।
पैगाम दे खेदू जहाँ ।
कुदरत बहाना ढूंढ़ती।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
30-04-2024मंगलवार

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