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4 Jun 2024 · 1 min read

बिखरा

सबकुछ बिखरा बिखरा सा लगता है
सबकुछ उखड़ा उखड़ा सा लगता है

डूब रहा है आदमी जिस कदर मतलब में
हर परिन्दा खुद से जुदा जुदा सा लगता है

ख्वाहिशें बड़ रही हैं हौले हौले इन्सान की
और खुशियों में मातम लगा सा लगता है

यूँ तो कोई कमी नहीं दुनियां में दिलबरो की
प्रतिभा नसीब में ही खोट बद्दुआ सा लगता है

Language: Hindi
1 Like · 162 Views
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