Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2021 · 3 min read

 ?दीपावली

✒️?जीवन की पाठशाला ?️
?दीपावली के पावन पर्व पर सभी बुजुर्गगणों को सादर चरण स्पर्श ,सभी बराबर के साथियों को प्रेम भरा -निश्छल आलिंगन (गले मिलना )एवं समस्त छोटों को प्यार भरा आशीर्वाद …ईश्वर से एवं सतगुरु से अरदास है की संपूर्ण धरातल पर सुख -समृद्धि -ऐश्वर्या -वैभव एवं मंगल करें तथा सबके मन मस्तिष्क से नकारात्मकता को खत्म कर सकारात्मकता का प्रवेश करें जिससे अमन -भाईचारा -प्रेम -सद्व्यवहार -इंसानियत का प्रकाश चहुँ ओर फैले ,इन्हीं शुभकामनाओं के साथ?

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दीपावली हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है-साधारणत: हम लोग दीपावली मनाने का कारण श्री राम के 14 वर्ष का वनवास समाप्त कर अयोध्या लौटने व समुद्र मंथन द्वारा लक्ष्मी के प्राकट्य को मानते हैं, लेकिन इनके अलावा शास्त्रों के अनुसार दीपावली का यह त्योहार युगों की अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का भी साक्षी रहा है…,
1-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लक्ष्मी अवतरण – कार्तिक मास की अमावस्या तिथि‍ को मां लक्ष्मी समुद्र मंथन द्वारा धरती पर प्रकट हुई थीं- दीपावली के त्योहार को मनाने का सबसे खास कारण यही है, इस पर्व को मां लक्ष्मी के स्वागत के रूप में मनाते हैं और हर घर को सजाया संवारा जाता है ताकि‍ मां का आगमन हो…,
2-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान विष्णु द्वारा लक्ष्मी जी को बचाना – इस घटना का उल्लेख हमारे शास्त्रों में मिलता है- कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से माता लक्ष्मी को मुक्त करवाया था…,
3-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान राम की विजय – रामायण के अनुसार इस दिन जब भगवान राम, सीताजी और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापिस लौटे थे,उनके स्वागत में पूरी अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया गया था…,

4-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16000 स्त्र‍ियों को इसी दिन मुक्त करवाया था-इसी खुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया और इसे विजय पर्व के नाम से जाना गया…,
5-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की पांडवोंं की वापसी – महाभारत के अनुसार जब कौरव और पांडव के बीच होने वाले चौसर के खेल में पांडव हार गए, तो उन्हें 12 वर्ष का अज्ञात वास दिया गया था-पांचों पांडव अपना 12 साल का वनवास समाप्त कर इसी दिन वापस लौटे थे,उनके लौटने की खुशी में दीप जलाकर खुशी के साथ दीपावली मनाई गई थी…,

6-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की विक्रमादित्य का राजतिलक – बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य का राजतिलक इस दिन किया गया था, जिससे दि‍वाली का महत्व और खुशियों दुगुनी हो गईं…,

7-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की आर्य समाज – स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना भी इसी दिन की गई थी, इस कारण भी दीपावली का त्योहार विशेष महत्व रखता है…,

8-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जैन धर्म – दीपावली का दिन जैन संप्रदाय के लोगों के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है,जैन धर्म इस पर्व को भगवान महावीर जी के मोक्ष दिवस के रूप में मनाता है-ऐसा माना जाता है कि‍ कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी…,

9-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सिख धर्म – सिख धर्म के लिए भी दीपावली बहुत महत्वपूर्ण पर्व है- इस दिन को सिख धर्म के तीसरे गुरु अमरदास जी ने लाल पत्र दिवस के रूप में मनाया था जिसमें सभी श्रद्धालु गुरु से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे,इसके अलावा सन् 1577 में अमृतसर के हरिमंदिर साहिब का शिलान्यास भी दीपावली के दिन ही किया गया था…,

10-जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सन् 1619 में सिक्ख गुरु हरगोबिन्द जी को ग्वालियर के किले में 52 राजाओं के साथ मुक्त किया जाना भी इस दिन की प्रमुख ऐतिहासिक घटना रही है -इसलिए इस पर्व को सिक्ख समाज बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाता हैं, इन राजाओं व हरगोबिंद सिंह जी को मुगल बादशाह जहांगीर ने नजरबंंद किया हुआ था….,

आखिर में एक ही बात समझ आई की दिवाली पूजा मंत्र:
मां लक्ष्मी मंत्र- ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
कुबेर मंत्र-ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

Language: Hindi
Tag: लेख
263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रेम अब खंडित रहेगा।
प्रेम अब खंडित रहेगा।
Shubham Anand Manmeet
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#घर की तख्ती#
#घर की तख्ती#
Madhavi Srivastava
कभी  पलकें उठाते हो ,कभी  पलकें  गिराते  हो ।
कभी पलकें उठाते हो ,कभी पलकें गिराते हो ।
sushil sarna
सास बहू..…. एक सोच
सास बहू..…. एक सोच
Neeraj Kumar Agarwal
4054.💐 *पूर्णिका* 💐
4054.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सुनहरी भाषा
सुनहरी भाषा
Ritu Asooja
मोहब्बत तो हमें अपने आप से नहीं
मोहब्बत तो हमें अपने आप से नहीं
Shinde Poonam
मैं तुम में अपनी दुनियां ढूँढने लगी
मैं तुम में अपनी दुनियां ढूँढने लगी
Ritu Verma
सत्य तो सीधा है, सरल है
सत्य तो सीधा है, सरल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बातें कल भी होती थी, बातें आज भी होती हैं।
बातें कल भी होती थी, बातें आज भी होती हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
वह समझ लेती है मेरी अनकहीं बातो को।
वह समझ लेती है मेरी अनकहीं बातो को।
अश्विनी (विप्र)
स्वाभिमानी मनुष्य
स्वाभिमानी मनुष्य
पूर्वार्थ
A GIRL IN MY LIFE
A GIRL IN MY LIFE
SURYA PRAKASH SHARMA
काश यह रिवाज हमारे यहाँ भी होता,
काश यह रिवाज हमारे यहाँ भी होता,
Shakil Alam
सबके सुख में अपना भी सुकून है
सबके सुख में अपना भी सुकून है
Amaro
कल के मरते आज मर जाओ।
कल के मरते आज मर जाओ।
पूर्वार्थ देव
🍁तेरे मेरे सन्देश- 8🍁
🍁तेरे मेरे सन्देश- 8🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
- मेरी कविता पढ़ रही होगी -
- मेरी कविता पढ़ रही होगी -
bharat gehlot
"गाय"
Dr. Kishan tandon kranti
दो गज असल जमीन
दो गज असल जमीन
RAMESH SHARMA
भारत का गणतंत्र
भारत का गणतंत्र
विजय कुमार अग्रवाल
मदारी
मदारी
Satish Srijan
🙅#पता_तो_चले-
🙅#पता_तो_चले-
*प्रणय प्रभात*
” आलोचनाओं से बचने का मंत्र “
” आलोचनाओं से बचने का मंत्र “
DrLakshman Jha Parimal
घर का सूना चूल्हा
घर का सूना चूल्हा
C S Santoshi
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हंँसते हुए ही जीना है
हंँसते हुए ही जीना है
Buddha Prakash
यूं तो गम भुलाने को हैं दुनिया में बहुत सी चीजें,
यूं तो गम भुलाने को हैं दुनिया में बहुत सी चीजें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
धड़का करो
धड़का करो
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...