✍️जीने का सहारा ✍️
ज़िंदगी को जीने का सहारा मिल गया,
तू मिला खुदा का इशारा मिल गया,
सारी ख्वाहिश पूरी हो गयी हो मानो,
जो इस लहर को उसका किनारा मिल गया,
अब सिर्फ एक ही तमन्ना है,
कभी न टूटे ख़्वाब तेरे,
कभी गम न आये पास तेरे,
चेहरे की मुस्कुराहट कभी कम न हो,
चाहे मै दूर रहूँ या पास तेरे,
किये जो वादे वो दिल से निभाऊँगी,
जान देकर अपनी तुझे ज़िंदगी दे जाऊँगी,
कुछ कमी रह जाए तो बता देना,
प्यार से ना मानु तो सज़ा देना,
करूँगी कोशिश लडूंगी सबसे,
तुम्हे पाने को अपना बनाने को,
कुछ न कर पाई तो भुला देना,
मेरी यादों को दिल से मिटा देना,
ज़ीने की खुद को वजह देना,
मेरी आखिरी ख्वाहिश समझ कर बस हमेशा मुस्कुरा देना।
✍️वैष्णवी गुप्ता
कौशांबी