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9 Dec 2016 · 1 min read

[[ ★ ज़िन्दगी बिखरी हुई है ये कभी सोचा नही ★ ]]

ज़िन्दगी बिखरी हुई है ये कभी सोचा नही
सोच लेता में अगर तो फिर कभी सोता नही

ख़्वाब में आके सनम जब यूँ रुलाकर चल दिए
इक दफा देखा जो मंजर फिर कभी देखा नहीं

राह में काटें मिले या गर कठिन हो रास्ता
यार जैसा भी कठिन हो राहवर रुकता नही

चाहते दिल में दबाए में सदा फिरता रहा
ढूंढते ही फिर रहे थे फिर पता पाया नही

ये बहारें रौनके सब कुछ तुम्हारे वास्ते
बस तुम्हारी मुस्कुराहट देखकर में रोया नही

मांग ली हमने ख़ुदा से हर ख़ुशी दे दो मुझे
मोत भी हम माँगते है पर खुदा देता नही

जिंदगी के इस सफर में मोड़ आते है कई
यह हक़ीक़त हैं नितिन तुमने मग़र देखा नही

नितिन शर्मा

1 Like · 1 Comment · 398 Views
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