।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
।। श्री सत्य नारायण व्रत कथा महात्तम।।
“सत्य नारायणकथा” “सत्य” की, बन्धु तुम्हें सुनाता हूं।
सत शांति और दया क्षमा की, पावन गाथा गाता हूं।।
सत्य नारायण कथा बन्धुओं , उत्तम जीवन का ज्ञान है।
सत्य और सतपथ की महिमा, एक सुंदर आख्यान है।।
लोक और परलोक संवारे, सतपथ आध्यात्म विज्ञान है।
सतमय मानव जीवन की प्रेरणा, और ईश्वर का ध्यान है।।
सत्य नारायण कथा “सत्य” की, सतपथ “सत्यनारायण” है।
सात्विक जीवन सदाचार व्रत,कथा का शुभ पारायण है।।
उनकी कृपा और करूणा के, बन्धु गीत सुनाता हूं।
व्रत की महिमा और महात्तम,गुण भगवान के गाता हूं।।
सत्य नारायण कथा बन्धुओं,केवल पूजन विधान नहीं है।
ईश्वर का उपदेश “सत्य” का,”सत्य”समान “आचार “नहीं है ।।
सतपथ और सत्य की महिमा, सत्य नारायण गाता हूं।
सतमय जीवन जीने का बन्धु,कथा सार सुनाता हूं।।
(सतमय जीवन से आशय सदाचार युक्त जीवन जीना)
सत्य तो केवल “सत्य नारायण”, बाकी सब माया है।
भारतीय वांग्मय में ऋषियों ने, सत् ही ‘शिव” तो गाया है।।
रेवा खण्ड स्कन्द पुराण की, सत्यनारायण गाता हूं।
सत्य नारायण कथा सत्य की, जीवन गीत सुनाता हूं ।।
कथा है सत्य प्रेम करूणा की,सत् की लोक प्रतिष्ठा है ।
भारतीय जन जन के हृदय में, सत् के ऊपर ही निष्ठा है ।।
श्री हरि नारद संवाद की,कथा अलौकिक गाता हूं।
सत्य और सत्कर्म की द्योतक,उत्तम कथा सुनाता हूं।।
सत्य सनातन कथा “सत्य” की, सत्य ही तो”नारायण” है।
सत व्रत सदाचरण का पालन,कथा का शुभ पारायण है।।
सत्यनारायण कथा अनुपम,बंधु तुम्हें सुनाता हूं।
पौराणिक प्राचीन कहानी और महात्तम गाता हूं।।
सत्य नारायण कथा मनुज को,सदाचरण की सीख है।
सत्य, संकल्प और निष्ठा , श्रद्धा भक्ति की सीख है।।
सत्य प्रेम और करुणा की, अनुपम कथा त्रिवेणी है।
सतवृति और सदाचरण ही, मनुज की उत्तम श्रेणी है।।
सत्यनारायण कथा प्रभु की, प्रेम से तुम्हें सुनाता हूं।
प्रेम सहित सब श्रवण करें, मूल कथा का गाता हूं।।
सत्यनारायण नाम सत्य का, सदाचरण का संदेश है।
सदाचरण का मनुज जीवन में,महात्तम बड़ा विशेष है।।
सत् व्रत के धारण करने से, कर्म सतमय हो जाते हैं।
निर्मल हो जाता है अंतस, क्लेश सभी मिट जाते हैं।।
सुख शांति समृद्धि निष्ठा, जीवन में बढ़ जाते हैं।
सात्विक जीवन और निष्ठा से, काम पूर्ण हो जाते हैं।।
धर्म अर्थ और काम मोक्ष,जन चार पदारथ पाते हैं।
पाते हैं जन सकल मनोरथ,सहज मुक्त हो जाते हैं।।
भुक्ति और मुक्ति पाने की,पावन कथा सुनाता हूं।
सत्य सनातन परंपरा की, अनुपम गाथा गाता हूं।।
असत आचरण मनुज जन्म में,जो नर नारी अपनाते हैं।
दुराचार छल झूठ कपट, उनके द्वेष दंभ बढ़ जाते हैं।।
दुष्कर्मों के पापों से जीवन में, घोर कष्ट आ आते हैं।
रोग शोक दुख अशांति, जीवन को नर्क बनाते हैं।।
जीवन के कल्मष मिट जाएं, मैं गीत सत्य के गाता हूं।
सत्य नारायण कथा सत्य की, प्रेम से तुम्हें सुनाता हूं।।
असत आचरण ,दुःख निवारक, व्रत ईश्वर की वाणी है।
निष्ठा और श्रद्धा भक्ति से,जन जन ने महिमा जानी है।।
भारत की पावन भूमि के,सदज्ञान की गाथा गाता हूं।
श्रद्धा और विश्वास प्रेम की, पावन कथा सुनाता हूं।।
श्रद्धा भक्ति और प्रेम से, ईश्वर के गुण गाता हूं।।
निष्ठा और विश्वास से जो जन, सत्कर्मों के सुमन चढ़ाते हैं।
सत पथ पर चलते चलते, जो सत्य पर बढ़ते जाते हैं ।।
मनुज जनम सफल करते हैं,सहज मुक्त हो जाते हैं।
सत्य ही तो “नारायण” हैं,सत से “नारायण” पाते हैं।।
सत्य नारायण कथा मुक्ति की, “मां” की वाणी में गाता हूं।
जन जन की कल्याण कथा के,गीत हृदय से गाता हूं।।
“सत्य नारायण” कथा “सत्य” की, बन्धु तुम्हें सुनाता हूं ।।
।।इति श्री स्कन्द पुराणे रेवा खण्डे सत्य नारायण ब़त कथा महात्तम सम्पूर्णं।।
।।बोलिए सत्य नारायण भगवान की जय।।