उल्लाला छंद विधान (चन्द्रमणि छन्द) सउदाहरण
*हे शिव शंकर त्रिपुरारी,हर जगह तुम ही तुम हो*
बेटी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
2
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इक चाँद नज़र आया जब रात ने ली करवट
𑒖𑒲𑒫𑒢 𑒣𑒟 𑒮𑒳𑓀𑒠𑒩 𑒯𑒼𑒃𑒞 𑒁𑒕𑒱 𑒖𑒐𑒢 𑒮𑒿𑒑 𑒏𑒱𑒨𑒼 𑒮𑓀𑒑𑒲
मजबूरियां रात को देर तक जगाती है ,
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
संवाद और समय रिश्ते को जिंदा रखते हैं ।
चंद्र प्रकाश द्वय:ः मधुर यादें
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
इश्क तो बेकिमती और बेरोजगार रहेगा,इस दिल के बाजार में, यूं ह