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29 Apr 2024 · 1 min read

जागे जग में लोक संवेदना

हे गणपति हे श्रेष्ठ शुभंकर
विघ्न विनाशक अभयंकर
हे देवाधिदेव गजानन
श्रेष्ठ समन्वयक लंबोदर
एक सूत्र में पिरो सभी को
सारी दुनिया को संगठित कर
नहीं धर्म पर झगड़े हों
चेतना ऐंसी जाग़ित कर
हे मंगलमूर्ति अग़गण्य
दुखहर्ता सुखकर्ता
जागें जग में लोक संवेदनाएं
मानव जीवन शुभ लाभ से भर
हे गणपति हे श्रेष्ठ शुभंकर
नव विहान स्थापित कर
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण
दशों दिशा प़काशित कर
हे गणराज हे सिद्धिविनायक
हिंसा द्वेष पर अंकुश कर
मानवता निखरे दुनिया में
प्रेम ऐंसा प्रवाहित कर

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

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