Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 May 2024 · 1 min read

पंचांग (कैलेंडर)

📅📅📅📅📅📅📅📅🗓🗓🗓🗓
सुंदर सुंदर हिंदी,अंग्रेज़ी की गिनती से
हर पन्ने पर छपा जाता हूँ

सभी महीने का राज बताता
घर की खूँटी से सज जाता हूँ

दिन , हफ़्ते , महीने , साल में लिपटा हुआ हूँ
पंचांग (कैलेंडर) कहलाया जाता हूँ

ग्रहण , शुभ मुहूर्त का हाल बताता
व्रत , पर्व त्यौहारो से सबको अवगत करावाता हूँ

जिस दिन आता रविवार , हर परिवार के सदस्य
को उस दिन जोड़ने मैं रखाता हूँ

१२ मास पूर्ण होने पर रद्दी में पहुँचाया जाता हूँ
नया कैलेंडर घर में लाकर नववर्ष में पूजा जाता हूँ

37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अन्धी दौड़
अन्धी दौड़
Shivkumar Bilagrami
जन्म मृत्यु का विश्व में, प्रश्न सदा से यक्ष ।
जन्म मृत्यु का विश्व में, प्रश्न सदा से यक्ष ।
Arvind trivedi
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अन्तर होता है
आमंत्रण और निमंत्रण में क्या अन्तर होता है
शेखर सिंह
जीने के तकाज़े हैं
जीने के तकाज़े हैं
Dr fauzia Naseem shad
तन्हाई बिछा के शबिस्तान में
तन्हाई बिछा के शबिस्तान में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
Rohit Kumar
खोल नैन द्वार माँ।
खोल नैन द्वार माँ।
लक्ष्मी सिंह
राजनीति का नाटक
राजनीति का नाटक
Shyam Sundar Subramanian
आत्मा शरीर और मन
आत्मा शरीर और मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2510.पूर्णिका
2510.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वजह ऐसी बन जाऊ
वजह ऐसी बन जाऊ
Basant Bhagawan Roy
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
Abhishek prabal
"मैं आग हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
बादल
बादल
Shutisha Rajput
भला दिखता मनुष्य
भला दिखता मनुष्य
Dr MusafiR BaithA
मुस्कान
मुस्कान
Surya Barman
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
जिसे पश्चिम बंगाल में
जिसे पश्चिम बंगाल में
*Author प्रणय प्रभात*
दशमेश पिता, गोविंद गुरु
दशमेश पिता, गोविंद गुरु
Satish Srijan
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
कवि दीपक बवेजा
करगिल के वीर
करगिल के वीर
Shaily
अमीर घरों की गरीब औरतें
अमीर घरों की गरीब औरतें
Surinder blackpen
माँ का घर
माँ का घर
Pratibha Pandey
कलियों  से बनते फूल हैँ
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
Ravi Prakash
बाहर-भीतर
बाहर-भीतर
Dhirendra Singh
बेदर्द ...................................
बेदर्द ...................................
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
जला दो दीपक कर दो रौशनी
जला दो दीपक कर दो रौशनी
Sandeep Kumar
बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
Anand Kumar
Loading...