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26 May 2021 · 1 min read

— हौंसला बुलंद रखो —

आंधी आये , या तूफ़ान आये
मत घबराना ओ बन्दे
जब तक है डोर हाथ उस के
किये जा अपने सब धंधे

कभी डगमगाना नही
न कभी मन को उदास करना
यह तो है ही जिन्दगी
फिर क्यूं मायूस करना खुद को

हौंसला रखना वकत बदलेगा
आयी हुई विपदा का अंत होगा
रात के बाद जैसा सवेरा होता
ऐसे ही तेरी किस्मत का उजाला होगा

देखता जा वक्त क्या करता है
यही अनुभव तो कमाएगा
जाना तो है सब को यहाँ से
फिर काहे तू घबराए है

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Like · 195 Views
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