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8 May 2024 · 1 min read

अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए

अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
कुछ देखने के लिए या दिखाने के लिए
खुद को झुका दिया हमने बाबा के दरबार में
दो हाथ आगे आ गए मुझको उठाने के लिए

– हरवंश हृदय, बांदा

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