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4 Feb 2020 · 1 min read

है परीक्षा की घड़ी कस लो कमर

कोशिशों में रह नहीं पाए जरा सी भी कसर।
है परीक्षा की घड़ी कस लो कमर।।

लक्ष्य को पहचान जाओ, ध्यान अर्जुन सा लगाओ
है नहीं पतवार तो क्या, हौसलों से पार जाओ
त्याग दो आलस्य सारा, नींद से कर लो किनारा,
कौन श्रम बिन यहाँ जीता, कर परिश्रम कौन हारा?
दृश्य मनमोहक मिलेंगे, खींच अपनी ओर लेंगे,
बह गए उस ओर तुम तो, पूर्णतः झकझोर देंगे,

इस भ्रमों से भरी दुनियाँ का न हो मन पर असर।
है परीक्षा की घड़ी कस लो कमर।।

पर्वतों के पार दिनकर, दब गया है दीप का स्वर
तम मिटा दो तुम बढ़ाकर निज प्रभा की ज्योति का ज्वर,
मार्ग में अवरोध होंगे, कुछ मुखर प्रतिरोध होंगे,
एकला चलता चला चल, कुछ नए पथ शोध होंगे,
यदि सुदृढ़ संकल्प कर लो, व्योम भी मुट्ठी में भर लो,
देव को चाहो बुला लो, मनकहे वर प्राप्त कर लो,

कुछ असम्भव नहीं जग में लगन है मन में अगर।
है परीक्षा की घड़ी कस लो कमर।।

संजय नारायण

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 276 Views
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