Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2023 · 3 min read

*”शिक्षक”*

“शिक्षक”
शिक्षक दिवस के पावन पर्व पर सभी शिक्षा देने वाले गुरूओं को नमन करती हूं।
आदरणीय शिक्षक गणों के बदौलत ही जीवन लक्ष्य को सफल बनाने कामयाबी हासिल करने में सहयोग मिलता रहा है।
मेरे पिताजी बैंक में कार्यरत थे उनका तबादला आये दिन होते रहता था वैसे तो पहले शिक्षक माता पिता ही है जो घर मे बचपन से ही संस्कार देते हैं शुरुआत यही से होती है फिर बाल शिशु मंदिर में पढाई पहली कक्षा दूसरी कक्षा बलौदाबाजार में पढाई की उसके बाद में पिताजी का तबादला आरंग गाँव में हो गया था वहां तीसरी , चौथी ,पांचवी क्लास की पढ़ाई की वहां अक्खड़ गाँव के बच्चे छत्तीसगढ़ी भाषा मे ही बोलते थे और हमारे पिताजी कहते हिंदी भाषाओं का ही प्रयोग करो वहां के शिक्षक हमसे कहते थे कि हिंदी भाषा की क्लास लेकर कुछ बच्चों को हिंदी सिखावो धीरे धीरे बहुत से बच्चे हिंदी भाषा का प्रयोग करने लगे थे।
पिताजी का फिर तबादला सिमगा जिले में हो गया था पुनः पढ़ाई के लिए स्कूल में दाखिला लिया अब छठवी ,सातवी ,आठवी की अधूरी पढाई यहां की गई उसके बाद पिताजी ने कहा बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है इसलिए स्थाई एक जगह रहकर पढ़ाई पूरी की जाय ।
रायपुर छत्तीसगढ में आ गए बीच में पढाई अधूरी रह जाने से स्कूल में दाखिला नही मिल रहा था।
स्कूल के प्रधान आचार्य जी थे उन्होंने कहा सीट खाली नही है अब सारे विद्यार्थी से क्लास भर गई है ……
कालोनी निवासी चाचा जी जो स्कूल के पास ही अपनी दुकान चलाते थे उन्हें जैसे ही पता चला कि मेरा दाखिला स्कूल में नही हो रहा है उन्होंने प्रधान आचार्य जी से बात की स्कूल को एक बेंच एक टेबल कुर्सी दान में देता हूँ और इस बच्ची का दाखिला कर दीजियेगा।
उन्होंने दूसरे दिन ही स्कूल में नाम लिख दिया था।
आठवी ,नवमी ,दसवीं ,ग्यारहवी क्लास की पढ़ाई पूरी की थी।उसके बाद बी .ए. – एम .ए .की पढ़ाई पूरी की थी।
जीवन के इस पढाई के दौर में माता पिता का बहुत सहयोग मिलता रहा ।
पिताजी कम खर्च में ,भी हम पांच भाई बहनों की पढ़ाई का खर्च घर की सारी सुख सुविधाओं को उपलब्ध कराते हुए सारी कॉपी किताबें दिलाते फीस जमा करते बहुत सी शिक्षा भी देते हुए इस जीवन को सफल बनाने में उनका योगदान रहा है।
सर्वश्रेष्ठ शिक्षा माता पिता से ही अर्जित की है वही पहले गुरू के रूप में शिक्षा दी है।
शादी के बाद में पति परमेश्वर जी के मार्गदर्शन पर चलकर शिक्षा ग्रहण की सही दिशा निर्देश में चलने की शिक्षा मिली है।
जीवन में लेखन के क्षेत्रों में भी बहुत से सखियों व साहित्यिक रूप से गुरु बनते रहे हैं जिनके मार्गदर्शन में सफल लेखिका बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
परिवार जनों का सहयोग बच्चो की मदद से उत्साह वर्धन हौसला अफजाई से भी ज्ञान के क्षेत्रों में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रही है।
जीवन में हर पल प्रत्येक मनुष्य से कुछ न कुछ सीखने का सुअवसर मिलता रहता है ।सीखने के लिए आसपास प्रकृति से, बड़े बुजुर्गों से , बच्चों से , आने वाली विपरीत परिस्थितियों , संगति से , जीवन में संघर्षों से जूझते हुए सीखते ही रहते हैं।
कुछ न कुछ नया सीखने के लिए नई दिशा मिलते रहती है और हम बढ़ती उम्र में भी कुछ न कुछ अनुभवों से भी सीखते ही रहते हैं।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणास्रोत हमारे शिक्षक ,गुरू देव , ईश्वर , माता पिता बड़े बुजुर्गों का सानिघ्य मिलता ही रहता है।
किताबें ,ग्रँथ भी हमारे जीवन के सच्चे पथ प्रदर्शक है।
जीवन मे सदैव कुछ न कुछ अर्जित करते रहना चाहिए।
सभी शिक्षकों व मार्गदर्शन करने वाले को सादर अभिवादन नमन करती हूं जिन्होंने हमें सदमार्ग पर चलाया है।
शशिकला व्यास ✍️

1 Like · 2 Comments · 177 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सब समझें पर्व का मर्म
सब समझें पर्व का मर्म
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आलाप
आलाप
Punam Pande
"बच सकें तो"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
"ज्ञ " से ज्ञानी हम बन जाते हैं
Ghanshyam Poddar
बूझो तो जानें (मुक्तक)
बूझो तो जानें (मुक्तक)
पंकज कुमार कर्ण
Quote..
Quote..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
तुम हो तो मैं हूँ,
तुम हो तो मैं हूँ,
लक्ष्मी सिंह
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
जिंदगी में सफ़ल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि जिंदगी टेढ़े
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सब सूना सा हो जाता है
सब सूना सा हो जाता है
Satish Srijan
💐प्रेम कौतुक-553💐
💐प्रेम कौतुक-553💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इस दुनिया के रंगमंच का परदा आखिर कब गिरेगा ,
इस दुनिया के रंगमंच का परदा आखिर कब गिरेगा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
क्या हुआ ???
क्या हुआ ???
Shaily
उस दिन
उस दिन
Shweta Soni
हम कहाँ जा रहे हैं...
हम कहाँ जा रहे हैं...
Radhakishan R. Mundhra
जीवन का एक चरण
जीवन का एक चरण
पूर्वार्थ
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी अकेले हैं।
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी अकेले हैं।
Neeraj Agarwal
दूसरों का दर्द महसूस करने वाला इंसान ही
दूसरों का दर्द महसूस करने वाला इंसान ही
shabina. Naaz
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
Neelam Sharma
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
अनोखे ही साज़ बजते है.!
अनोखे ही साज़ बजते है.!
शेखर सिंह
अजब गजब
अजब गजब
साहिल
बहुत दोस्त मेरे बन गये हैं
बहुत दोस्त मेरे बन गये हैं
DrLakshman Jha Parimal
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर  टूटा है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
कृष्णकांत गुर्जर
ख्वाब दिखाती हसरतें ,
ख्वाब दिखाती हसरतें ,
sushil sarna
"बूढ़ा" तो एक दिन
*Author प्रणय प्रभात*
सावन में संदेश
सावन में संदेश
Er.Navaneet R Shandily
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Sakshi Tripathi
Loading...