“उसी समय”
ठीक उसी समय
मौन इतना मुखर क्यों होते
जब कहने को
मेरे पास कुछ नहीं होता?
ठीक उसी समय
सपने दुश्मन क्यों होते
जब मन बुनने लगता
सुख की सुन्दर चादर?
ठीक उसी समय
हौसला अफजाई क्यों होते
जब हारने लगती हिम्मत
पहाड़ सी परेशानी देखकर?
ठीक उसी समय
तन्हाई अपनी क्यों होती
जब खुद से ज्यादा अकेला
इस दुनिया में कोई नहीं होता?
ठीक उसी समय
यादें अक्सर क्यों आती
जब वीरानियाँ उठाने लगती
आसमान से ऊँचा सिर?
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
हरफनमौला साहित्य लेखन हेतु
वर्ष 2023 के लिए
अमेरिकन (USA) एक्सीलेंट राइटर अवार्ड।