मैं बनना चाहता हूँ तुम्हारा प्रेमी,
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
पिया बिन सावन की बात क्या करें
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
आओ न! बचपन की छुट्टी मनाएं
हिन्दी की मिठास, हिन्दी की बात,
युवा कवि नरेन्द्र वाल्मीकि की समाज को प्रेरित करने वाली कविता
जीवन और रंग
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*डॉक्टर चंद्रप्रकाश सक्सेना कुमुद जी*
सूरज दादा ड्यूटी पर (हास्य कविता)
रामभक्त संकटमोचक जय हनुमान जय हनुमान
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
- जन्म लिया इस धरती पर तो कुछ नेक काम कर जाओ -