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14 Jul 2018 · 1 min read

हर चमकदार शहर के गर्भ में

हर चमकदार सतह के नीचे
बहुत से दाग धब्बे छिपे रहते हैं
वैसे ही हर चमकदार शहर के गर्भ में
होते हैं बहुत से भिखारी
जो बसों और रेलवे स्टेशनों पर भीख मांगते हैं

सैकडों बाल मज़दूर होते हैं
जो पढने की उम्र में कल कारखानों में काम करते हैं
ढाबों में कप प्लेट धोते हैं
गाली खाते हैं, मार खाते हैं

कई अनाथालय होते हैं
जहां पहुंचने वाली सहायता
व्यवस्थापक हडप जाते हैं
और अनाथ भूखे पेट ही सोने को विवश होते हैं
कई व्यवस्थापक तो अनाथों से कुकर्म तक करते हैं

झुग्गियों का विस्तृत जाल होता है
वहां की स्त्रियां मज़दूरी करती हैं
उनके आदमी दिन भर दारू पीते हैं
बच्चे बच्चियां पन्नियां बीनते हैं

रेड लाईट एरिया होता है
जहां भगाई गई मासूम लडकियों को
जबरन जिस्मफरोशी के धंधे में धकेला जाता है
भागने की कोशिश करने पर गर्म सलाखों से दागा जाता है

कई शराब की दुकानें होती हैं
जो कई परिवारों की उम्मीदें बुझा देती हैं

बहुत बडा बेरोज़गारों का समूह होता है
जो अंतिम उम्मीद खो देने के बाद
अपराध की तरफ प्रवृत्त होता है
या बहुत थोडे में अपनी मेहनत बेचता है

राम वृक्ष यादव जैसे बाहुबली होते हैं
जो समानांतर सरकार चलाते हैं
और ऐसा शासन की सहायता बगैर संभव नहीं है

जब तक चमकदार शहरों के गर्भ में दाग धब्बे हैं
तरक्की की बातें बईमानी हैं.

Language: Hindi
516 Views
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