देश जल रहा है
(शेर)- जल रहा है देश अब, जिम्मेदार किसको कहे।
खत्म हो रहा है लोकतंत्र, गुनाहगार किसको कहे।।
जनता की समस्याओं पर, सिर्फ राजनीति हो रही है।
सो रहा है जिम्मेदार तो,अपना दर्द जनता किसको कहे।।
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समस्याओं का समाधान कम, राजनीति ज्यादा है।
इसीलिए जनता की आज, दुर्गति ज्यादा है।।
देश जल रहा है / लोकतंत्र मर रहा है//
समस्याओं का समाधान ——————।।
जनता इसलिए डरती है, नहीं उसको जेल हो जाये।
प्रशासन इसलिए चुप है, बर्खास्त नहीं वह हो जाये।।
नेताओं को अपनी कुर्सी की, चिन्ता ज्यादा है।
इसीलिए जनता की आज, दुर्गति ज्यादा है।।
देश जल रहा है—————————।।
समस्याओं का समाधान ——————-।।
महंगाई – बेरोजगारी पर, नहीं किसी के बोल है।
गुलामी और चापलूसी का, हर जगह माहौल है।।
साम्प्रदायिक सौहार्द भी, बिगड़ रहा ज्यादा है।
इसीलिए जनता की आज, दुर्गति ज्यादा है।।
देश जल रहा है—————————-।।
समस्याओं का समाधान ——————–।।
मीडिया में भी मुद्दों पर, भेदभाव चल रहा है।
अंधभक्ति का दौर, कलमकारों में चल रहा है।।
प्रचार अंधविश्वासों का, अब हो रहा ज्यादा है।
इसीलिए जनता की आज, दुर्गति ज्यादा है।।
देश जल रहा है—————————-।।
समस्याओं का समाधान——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)