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4 May 2024 · 1 min read

मेरा कौन यहाँ 🙏

मेरा क्या यहाँ 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
तन रक्त है माता-पिता का
ममता प्यार माँ भारती का

प्राण प्रतिष्ठा महाकाल का
प्रकृति से श्वांस हवा मिला

तन मां पिता सपनों का
भूत वर्तमान है कर्मो का

भविष्य निज संतानों का
मेरा क्या अपना क्या यहाँ

कालधूरी पर टिका जगत है
ये हैं वे हैं मोह माया अपना

यादों की बारात संग लिए
मन मानस नभ नव भूतल

बना स्वप्न महल टूट मिट्टी
से मिट्टी में मिल जाता है

काल वक्त सम्मान सबका
सही वही साथी है अपना

रंग खून लाल सभी का होता
तो जग में कौन पराया होता

कर्म धर्म व्यवहारअपना होता
बिरह मिलन रीत प्रीत सच है

कर्म किए जा फल की चिंता
मत करना हे इंसान यही ज्ञान

पूरा करता है निज हक सपना
मेरा क्या है जो समझे अपना

खाली हाथ आना खाली जाना
सब तो है यहाँ रब का अपना

मेरा और तेरा का चक्कर छोड़
सद्कर्मों का बोलबाला है यहाँ
भाव भावना धर्म कर्म मेरा यहाँ ।

🍀☘️🌿☘️☘️☘️☘️
तारकेशवर प्रसाद तरूण

Language: Hindi
21 Views
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