Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2023 · 1 min read

हम फिर मिलेंगे

एक वादा करो हम फिर मिलेंगे
जब हम अपने बुढ़ापे के दौर से गुजर रहे होंगे
बस उस वक़्त थोड़ा अंतर होगा
देखते ही तुमको मैं सीने से तुम्हारे नहीं लिपट पाऊँगी
पास बैठ कर हाल- चाल पूछ लूंगी

मेरे लब हाल ये दिल बयां तो करेंगे
ठीक हूँ मैं तुम बिन अब
पर तुम अपने दिल की सुनना
तुम्हारी यादें नहीं आती अब मुझको अगर कहूँ
तुम कानों पे यकीन मत करना अपने दिल की सुनना
मेरी आँखों में पढ़ लेना सब कुछ तुम
कैसे काटे ये लम्हें तुम बिन
कुछ बयां तो नहीं कर पाऊँगी
कुछ मर्यादाये होंगी मेरी तब
तुम बिन बोले सब समझ जाना

अब की बार तुम चुप मत रहना
सब कुछ बयां कर देना खामोश होकर भी
मैं आँसुओ के बीच भी सब साफ – साफ पढ़ लुंगी
वही ख्वाबों में ही बैठे – बैठे तुम्हारे सीने से लग जाऊँगी
धड़कनो के बीच भी अपना नाम सुन लुंगी

Language: Hindi
152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2827. *पूर्णिका*
2827. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
त्राहि त्राहि
त्राहि त्राहि
Dr.Pratibha Prakash
खुश रहें, सकारात्मक रहें, जीवन की उन्नति के लिए रचनात्मक रहे
खुश रहें, सकारात्मक रहें, जीवन की उन्नति के लिए रचनात्मक रहे
PRADYUMNA AROTHIYA
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
नूरफातिमा खातून नूरी
"सुन लेना पुकार"
Dr. Kishan tandon kranti
Kisne kaha Maut sirf ek baar aati h
Kisne kaha Maut sirf ek baar aati h
Kumar lalit
बिना जिसके न लगता दिल...
बिना जिसके न लगता दिल...
आर.एस. 'प्रीतम'
जिस नारी ने जन्म दिया
जिस नारी ने जन्म दिया
VINOD CHAUHAN
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
Nitesh Chauhan
मायूस ज़िंदगी
मायूस ज़िंदगी
Ram Babu Mandal
प्रेम पथिक
प्रेम पथिक
Aman Kumar Holy
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
Acharya Rama Nand Mandal
जड़ों से कटना
जड़ों से कटना
मधुसूदन गौतम
*सेब का बंटवारा*
*सेब का बंटवारा*
Dushyant Kumar
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
Neeraj Agarwal
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
**हे ! करतार,पालनहार,आ कर दीदार दे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ये ईश्वर की दया-दृष्टि ही तो है
ये ईश्वर की दया-दृष्टि ही तो है
Ajit Kumar "Karn"
"डोली बेटी की"
Ekta chitrangini
3) “प्यार भरा ख़त”
3) “प्यार भरा ख़त”
Sapna Arora
रिश्ता और परिवार की तोहमत की वजह सिर्फ ज्ञान और अनुभव का अहम
रिश्ता और परिवार की तोहमत की वजह सिर्फ ज्ञान और अनुभव का अहम
पूर्वार्थ
करबो हरियर भुंईया
करबो हरियर भुंईया
Mahetaru madhukar
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
*तोता (बाल कविता)*
*तोता (बाल कविता)*
Ravi Prakash
★Good Night★
★Good Night★
*प्रणय प्रभात*
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
Shweta Soni
"दिल चाहता है"
Pushpraj Anant
मुझको मेरी लत लगी है!!!
मुझको मेरी लत लगी है!!!
सिद्धार्थ गोरखपुरी
राणा प्रताप
राणा प्रताप
Dr Archana Gupta
" *लम्हों में सिमटी जिंदगी* ""
सुनीलानंद महंत
बदलती दुनिया
बदलती दुनिया
साहित्य गौरव
Loading...