हम फिर मिलेंगे
एक वादा करो हम फिर मिलेंगे
जब हम अपने बुढ़ापे के दौर से गुजर रहे होंगे
बस उस वक़्त थोड़ा अंतर होगा
देखते ही तुमको मैं सीने से तुम्हारे नहीं लिपट पाऊँगी
पास बैठ कर हाल- चाल पूछ लूंगी
मेरे लब हाल ये दिल बयां तो करेंगे
ठीक हूँ मैं तुम बिन अब
पर तुम अपने दिल की सुनना
तुम्हारी यादें नहीं आती अब मुझको अगर कहूँ
तुम कानों पे यकीन मत करना अपने दिल की सुनना
मेरी आँखों में पढ़ लेना सब कुछ तुम
कैसे काटे ये लम्हें तुम बिन
कुछ बयां तो नहीं कर पाऊँगी
कुछ मर्यादाये होंगी मेरी तब
तुम बिन बोले सब समझ जाना
अब की बार तुम चुप मत रहना
सब कुछ बयां कर देना खामोश होकर भी
मैं आँसुओ के बीच भी सब साफ – साफ पढ़ लुंगी
वही ख्वाबों में ही बैठे – बैठे तुम्हारे सीने से लग जाऊँगी
धड़कनो के बीच भी अपना नाम सुन लुंगी