कल मालूम हुआ हमें हमारी उम्र का,
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
[28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोह
जिससे एक मर्तबा प्रेम हो जाए
जीवन में सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मैं स्वयं को मानती हूँ
ख़ुद पे गुजरी तो मेरे नसीहतगार,
जीत मनु-विधान की / MUSAFIR BAITHA
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
कब मरा रावण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
घुटने बदले दादी जी के( बाल कविता)
#justareminderekabodhbalak
पत्तों से जाकर कोई पूंछे दर्द बिछड़ने का।
जीवन उद्देश्य
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
रखा जाता तो खुद ही रख लेते...
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है