Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2018 · 1 min read

** सफ़र-हमसफ़र **

. मैने आज महसूस किया कि सफ़र में हमसफ़र जरूरी होता है

मैंने आज महसूस किया कि सफ़र-हमसफ़र क्यों जरूरी होता है

.जिंदगी क़िस्त-दर-क़िस्त क़िस्तों में गुज़रती जायेगी यूं ही मगर

सफ़र-ए-जिंदगी को बफ़र बनाने कोई हमसफ़र जरूरी होता है ।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 470 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
6) जाने क्यों
6) जाने क्यों
पूनम झा 'प्रथमा'
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
Swati
तुम्हारे लिए हम नये साल में
तुम्हारे लिए हम नये साल में
gurudeenverma198
यादों का थैला लेकर चले है
यादों का थैला लेकर चले है
Harminder Kaur
पुस्तकों की पुस्तकों में सैर
पुस्तकों की पुस्तकों में सैर
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
Shreedhar
मच्छर
मच्छर
लक्ष्मी सिंह
है शिव ही शक्ति,शक्ति ही शिव है
है शिव ही शक्ति,शक्ति ही शिव है
sudhir kumar
ले चल साजन
ले चल साजन
Lekh Raj Chauhan
बदतमीज
बदतमीज
DR ARUN KUMAR SHASTRI
15🌸बस तू 🌸
15🌸बस तू 🌸
Mahima shukla
कल कल करती बेकल नदियां
कल कल करती बेकल नदियां
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
Lokesh Sharma
रूपेश को मिला
रूपेश को मिला "बेस्ट राईटर ऑफ द वीक सम्मान- 2023"
रुपेश कुमार
न कुछ पानें की खुशी
न कुछ पानें की खुशी
Sonu sugandh
झुग्गियाँ
झुग्गियाँ
नाथ सोनांचली
42 °C
42 °C
शेखर सिंह
किसी की तारीफ़ करनी है तो..
किसी की तारीफ़ करनी है तो..
Brijpal Singh
सैनिक के संग पूत भी हूँ !
सैनिक के संग पूत भी हूँ !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सम्बंध बराबर या फिर
सम्बंध बराबर या फिर
*प्रणय प्रभात*
मेरे सजदे
मेरे सजदे
Dr fauzia Naseem shad
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
सत्य कुमार प्रेमी
ओ लहर बहती रहो …
ओ लहर बहती रहो …
Rekha Drolia
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
दोलत - शोरत कर रहे, हम सब दिनों - रात।
Anil chobisa
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
ठुकरा दिया है 'कल' ने आज मुझको
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तेरे ख़त
तेरे ख़त
Surinder blackpen
2502.पूर्णिका
2502.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Sukoon
Loading...