Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2024 · 1 min read

स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला

स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला आई है
मन में खुशियां छाई है
नई उमंग ,उत्साह लाई है।

नील गगन में विमान से करतब
धरा में सैनिकों की टुकड़ियां
मार्च पास्ट करते अतिसुंदर
साज – सज्जा ड्रेस
मनोहारी

चाल- चटक स्फूर्ति भारी
पैदल,हाथी,घुड़सवारी
दिल्ली के राजपथ कुच करते अति प्यारी
रंग बिरंगी,छटा बिखेरती आतिशबाजी
सेव बूंदी है प्रमुख खाजी।

आज पूरा देश खुशियों से झूम उठा
पावन पर्व स्वतंत्रता दिवस
आज भोर में तिरंगा फहरेगा
हर घर में ,संस्थानों में तिरंगा लहराएगा।

देशभक्तों के देशभक्ति को नमन
शौर्य,पराक्रम, बलिदानी को वंदन

सबसे प्यारा अपना वतन
करो हर घर की जतन
सुसज्जित करो धरा को
सजा दो पौधों और फूलों से
महकने दो हर आंगन
चहकने दो गौरैया,बया को

लहराने दो तिरंगा को
फहराने दो हर जन को
कामयाब बनाओ हर घर तिरंगा को,
सीने से लगाओ तिरंगा को
दिल में बसा लो तिरंगा को।

जय हिंद।

रचनाकार
कविराज
संतोष कुमार मिरी
रायपुर छत्तीसगढ़

Language: Hindi
40 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राजतंत्र क ठगबंधन!
राजतंत्र क ठगबंधन!
Bodhisatva kastooriya
प्रवासी चाँद
प्रवासी चाँद
Ramswaroop Dinkar
संकट मोचन हनुमान जी
संकट मोचन हनुमान जी
Neeraj Agarwal
*श्री उमाकांत गुप्त (कुंडलिया)*
*श्री उमाकांत गुप्त (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बहुत लोग जमा थे मेरे इर्दगिर्द मुझे समझाने वाले।
बहुत लोग जमा थे मेरे इर्दगिर्द मुझे समझाने वाले।
Ashwini sharma
हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी।
हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी।
Ramnath Sahu
Don't leave anything for later.
Don't leave anything for later.
पूर्वार्थ
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
Sonam Puneet Dubey
*हे शारदे मां*
*हे शारदे मां*
Dr. Priya Gupta
24/235. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/235. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"हा हा हा हा"
Dr. Kishan tandon kranti
पाॅंचवाॅं ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान समारोह -2024 संपन्न
पाॅंचवाॅं ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान समारोह -2024 संपन्न
Dr. Narendra Valmiki
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं बंजारा बन जाऊं
मैं बंजारा बन जाऊं
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
"आतिशी" का "अनशन" हुआ कामयाब। घर तक पहुंचा भरपूर पानी।
*प्रणय प्रभात*
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेटी
बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
Phool gufran
पानी  के छींटें में भी  दम बहुत है
पानी के छींटें में भी दम बहुत है
Paras Nath Jha
मां
मां
Slok maurya "umang"
*** कभी-कभी.....!!! ***
*** कभी-कभी.....!!! ***
VEDANTA PATEL
किस बात का गुमान है
किस बात का गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
रखो माहौल का पूरा ध्यान
रखो माहौल का पूरा ध्यान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सलाह के सौ शब्दों से
सलाह के सौ शब्दों से
Ranjeet kumar patre
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
इंसान अपनी ही आदतों का गुलाम है।
Sangeeta Beniwal
मुझे गर्व है अलीगढ़ पर #रमेशराज
मुझे गर्व है अलीगढ़ पर #रमेशराज
कवि रमेशराज
घर आंगन
घर आंगन
surenderpal vaidya
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...