स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला आई है
मन में खुशियां छाई है
नई उमंग ,उत्साह लाई है।
नील गगन में विमान से करतब
धरा में सैनिकों की टुकड़ियां
मार्च पास्ट करते अतिसुंदर
साज – सज्जा ड्रेस
मनोहारी
चाल- चटक स्फूर्ति भारी
पैदल,हाथी,घुड़सवारी
दिल्ली के राजपथ कुच करते अति प्यारी
रंग बिरंगी,छटा बिखेरती आतिशबाजी
सेव बूंदी है प्रमुख खाजी।
आज पूरा देश खुशियों से झूम उठा
पावन पर्व स्वतंत्रता दिवस
आज भोर में तिरंगा फहरेगा
हर घर में ,संस्थानों में तिरंगा लहराएगा।
देशभक्तों के देशभक्ति को नमन
शौर्य,पराक्रम, बलिदानी को वंदन
सबसे प्यारा अपना वतन
करो हर घर की जतन
सुसज्जित करो धरा को
सजा दो पौधों और फूलों से
महकने दो हर आंगन
चहकने दो गौरैया,बया को
लहराने दो तिरंगा को
फहराने दो हर जन को
कामयाब बनाओ हर घर तिरंगा को,
सीने से लगाओ तिरंगा को
दिल में बसा लो तिरंगा को।
जय हिंद।
रचनाकार
कविराज
संतोष कुमार मिरी
रायपुर छत्तीसगढ़