Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2024 · 1 min read

अवधपुरी है कंचन काया

अवधपुरी है कंचन काया, इसमें रमते हैं श्रीराम।
श्वास रूप सरयू बहती है, करती अनुक्षण उन्हें प्रणाम।।
शक्ति रूप सीता की संगति, उन्हें बनाती है बलवान।
अपने में निर्भयता लाकर, गाएं सदा उन्हीं का गान।।

जिएं सदा सानंद जिन्दगी, भरते रहें हृदय में हर्ष।
सदा राम के साथ प्रेम से, करते रहें विचार विमर्श।।
हार जीत का भेद भूलकर, करते रहें सतत संग्राम।
याद न भूले कभी राम की, सारे कर्म करें निष्काम।।

भेद न कोई राम श्याम में, शक्ति सर्वदा उनके संग।
भक्तों को न हारने देती, दुनिया दृश्य देखकर दंग।।
हर आराधक को, साधक को, सीताराम दिलाते जीत।
ज्यों ज्यों मिलती जीत भक्त को, त्यों त्यों गाढ़ी होती प्रीत।।

सात्विक जीवन जिएं सर्वदा, अनासक्त रह भोगें भोग।
कर्म सभी निष्काम करें हम, सबसे बड़ा यही है योग।।
प्रभु हैं लीलाधाम, भक्त की, पूरी करते हर अभिलाष।
उनकी सुस्मृति हृदय बसाकर, जारी अपना रखें प्रयास।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
64 Views
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all

You may also like these posts

* खूब खिलती है *
* खूब खिलती है *
surenderpal vaidya
कविता
कविता
Rambali Mishra
🙅आज का सवाल🙅
🙅आज का सवाल🙅
*प्रणय*
कफन
कफन
Kanchan Khanna
एक कदम हम बढ़ाते हैं ....🏃🏿
एक कदम हम बढ़ाते हैं ....🏃🏿
Ajit Kumar "Karn"
महिला दिवस
महिला दिवस
sheema anmol
मन के घाव
मन के घाव
Girija Arora
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
बिल्ली की लक्ष्मण रेखा
Paras Nath Jha
हर पल तुमको खोने का डर...
हर पल तुमको खोने का डर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक आप ही तो नही इस जहां में खूबसूरत।
एक आप ही तो नही इस जहां में खूबसूरत।
Rj Anand Prajapati
'मेरे गुरुवर'
'मेरे गुरुवर'
Godambari Negi
मधुर बरसात
मधुर बरसात
C S Santoshi
गीत- ये हिंदुस्तान की धरती...
गीत- ये हिंदुस्तान की धरती...
आर.एस. 'प्रीतम'
बेवक्त बैठा
बेवक्त बैठा
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
गुब्बारा
गुब्बारा
अनिल "आदर्श"
सिसकियाँ
सिसकियाँ
Dr. Kishan tandon kranti
जब कोई हो पानी के बिन……….
जब कोई हो पानी के बिन……….
shabina. Naaz
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
ग़ज़ल _ आइना न समझेगा , जिन्दगी की उलझन को !
Neelofar Khan
जादू की झप्पी, माँ का पल्लू
जादू की झप्पी, माँ का पल्लू
डॉ. शिव लहरी
चाँद...... एक खूबसूरती
चाँद...... एक खूबसूरती
Neeraj Agarwal
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मौसम....
मौसम....
sushil yadav
अपने दर्द को अपने रब से बोल दिया करो।
अपने दर्द को अपने रब से बोल दिया करो।
इशरत हिदायत ख़ान
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
Sonam Puneet Dubey
#आधार
#आधार
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
"उम्रों के बूढे हुए जिस्मो को लांघकर ,अगर कभी हम मिले तो उस
Shubham Pandey (S P)
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
Rekha khichi
*स्वयं से मिलन*
*स्वयं से मिलन*
ABHA PANDEY
जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
4330.*पूर्णिका*
4330.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...