गीत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
अज़ीज़ टुकड़ों और किश्तों में नज़र आते हैं
बड़े अजब हालात हैं ख्वाहिशों के बाजार के ।
रोशन है अगर जिंदगी सब पास होते हैं
खुले आम जो देश को लूटते हैं।
मन के विकार साफ कर मनाओ दिवाली।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
I Am Always In Search Of The “Why”?
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
नवरात्रा तीसरा ★ तृतीय अंक ★* 3* दो स्तुतियां
स्वतंत्रता दिवस पर ३ रचनाएं :