Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2024 · 1 min read

I Am Always In Search Of The “Why”?

I am always in search of the “why”,
Why does grief make me yearn for a different sky?
Where I constantly chase my dark ghosts,
Seeking a glimpse of the one I love the most.
Where words grow numb, and echoes are loud,
Silent shadows stand tall and proud.
Where peace is not a mirage but an oasis in the desert,
Yet helpless to shield me from my brutal hurt.
Where darkness becomes a soothing escape,
And my abandoned ship navigates a stormy cape.
Where thoughts linger in the middle of a flowing river,
Transforming me into a statue and crowned me with the heart of a giver.

Language: English
76 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

" राजनीति के रक्तबीज "
Pushpraj Anant
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Kanchan verma
खालीपन
खालीपन
sheema anmol
अच्छाई बाहर नहीं अन्दर ढूंढो, सुन्दरता कपड़ों में नहीं व्यवह
अच्छाई बाहर नहीं अन्दर ढूंढो, सुन्दरता कपड़ों में नहीं व्यवह
Lokesh Sharma
तुम जो मिले तो
तुम जो मिले तो
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
तुमने मेरा कहा सुना ही नहीं
तुमने मेरा कहा सुना ही नहीं
Dr Archana Gupta
सावन की है ये पंचमी शुभयोग बना है,
सावन की है ये पंचमी शुभयोग बना है,
Anamika Tiwari 'annpurna '
सत्य और सत्ता
सत्य और सत्ता
विजय कुमार अग्रवाल
मेरे  जीवन की  कमी हो  तुम
मेरे जीवन की कमी हो तुम
Sonam Puneet Dubey
#भारतभूमि वंदे !
#भारतभूमि वंदे !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
तितली
तितली
Indu Nandal
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
Shweta Soni
🙅#पता_तो_चले-
🙅#पता_तो_चले-
*प्रणय*
जुग जुग बाढ़य यें हवात
जुग जुग बाढ़य यें हवात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*उत्साह जरूरी जीवन में, ऊर्जा नित मन में भरी रहे (राधेश्यामी
*उत्साह जरूरी जीवन में, ऊर्जा नित मन में भरी रहे (राधेश्यामी
Ravi Prakash
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
माँ की ममता,प्यार पिता का, बेटी बाबुल छोड़ चली।
Anil Mishra Prahari
सलाह के सौ शब्दों से
सलाह के सौ शब्दों से
Ranjeet kumar patre
मन कहता है
मन कहता है
Seema gupta,Alwar
वो चेहरा
वो चेहरा
Sumangal Singh Sikarwar
दरवाजों की दास्ताँ...
दरवाजों की दास्ताँ...
Vivek Pandey
जीवन में प्यास की
जीवन में प्यास की
Dr fauzia Naseem shad
बूंद बूंद से सागर बने
बूंद बूंद से सागर बने
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अगर आप किसी कार्य को करने में सक्षम नहीं हैं,तो कम से कम उन्
अगर आप किसी कार्य को करने में सक्षम नहीं हैं,तो कम से कम उन्
Paras Nath Jha
ग़ज़ल _ क्या हुआ मुस्कुराने लगे हम ।
ग़ज़ल _ क्या हुआ मुस्कुराने लगे हम ।
Neelofar Khan
मै ज़िन्दगी के उस दौर से गुज़र रहा हूँ जहाँ मेरे हालात और मै
मै ज़िन्दगी के उस दौर से गुज़र रहा हूँ जहाँ मेरे हालात और मै
पूर्वार्थ
यक्षिणी-4
यक्षिणी-4
Dr MusafiR BaithA
कैसी यह रीत
कैसी यह रीत
Dr. Kishan tandon kranti
2843.*पूर्णिका*
2843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझे बिखरने मत देना
मुझे बिखरने मत देना
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
अबस ही डर रहा था अब तलक मैं
Neeraj Naveed
Loading...